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सिद्धारमैया बने CM, पर डीके शिवकुमार को डिप्टी CM बनाने के साथ ये बड़ा टार्गेट भी दे दिया

सोनिया गांधी ने डीके को भी बड़ी ताकत दे दी

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siddaramaiah chief minister dk shivakumar sonia gandhi
कांग्रेस में कर्नाटक के CM के लिए बात बन गई है | फ़ाइल फोटो: आजतक
18 मई 2023 (Updated: 18 मई 2023, 13:03 IST)
Updated: 18 मई 2023 13:03 IST
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चार दिन की मान-मनौव्वल के बाद आखिरकार डीके शिवकुमार मान गए. कर्नाटक से दिल्ली तक 100 घंटे चले मंथन के बाद सीएम के नाम पर मुहर लग गई. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार, 18 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने बताया कि सिद्धारमैया ही कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम बनाए गए हैं. वेणुगोपाल के मुताबिक राज्य में केवल एक ही डिप्टी सीएम होगा. इसके अलावा डीके शिवकुमार को एक और बड़ी ताकत दी गई है. वो 2024 तक कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे. यानी डीके शिवकुमार के पास अगले लोकसभा चुनाव तक पार्टी को मजबूत बनाए रखने की जिम्मेदारी होगी. 

बता दें कि कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था. हालांकि, समय समय पर प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया सीएम पद के लिए अपनी अपनी दावेदारी पेश करते रहे. राज्य में जीत मिलने के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने सीएम बनने के लिए कोशिशें तेज कर दी थीं. जहां कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया को सीएम और शिवकुमार को डिप्टी सीएम बनाने के पक्ष में था. बताया जा रहा है कि डीके सीएम के पद से नीचे कुछ भी लेने को तैयार नहीं थे, लेकिन सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद वो मान गए. और इस तरह कर्नाटक का पूरा सियासी संकट सुलझ पाया. अब 20 मई को कर्नाटक में नई सरकार का गठन होगा.

कांग्रेस के फैसले की बड़ी वजहें

1. बतौर CM सिद्दारमैया का कार्यकाल- सिद्दारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वो 1978 में डी. देवराज अर्स के बाद पांच साल का कार्यकाल (2013-2018) पूरा करने वाले कर्नाटक के इकलौते सीएम रहे हैं.

2. सिद्दारमैया की लोकप्रियता- एक नेता के तौर पर सिद्दारमैया की लोकप्रियता पूरे कर्नाटक में है. एक तरह से वे कांग्रेस के भीड़ खींचने वाले नेता हैं. वो कर्नाटक के प्रमुख ओबीसी समूह कुरुबा से आते हैं. उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में जातियों का इंद्रधनुषी गठजोड़ तैयार किया है. वहीं डीके शिवकुमार का प्रभाव दक्षिणी कर्नाटक और ज्यादातर वोक्कालिगा समुदाय तक ही सीमित है.

3. विधायकों का सपोर्ट- ज्यादातर विधायक सिद्दारमैया को CM बनाने के समर्थन में हैं. कहा जा रहा है कि सिद्दारमैया को करीब 90 विधायकों का समर्थन है. 

4. शिवकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के केस- डीके शिवकुमार के खिलाफ आयकर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज हैं. इनमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ED की चार्जशीट और आय से अधिक संपत्ति के मामले में CBI की जांच शामिल है. शिवकुमार को ED ने सितंबर 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार भी किया था और एक महीने बाद वो जमानत पर रिहा हुए थे.

5. सिद्दारमैया का आखिरी चुनाव- सिद्दारमैया ने कहा था कि इस बार उनका आखिरी चुनाव होने जा रहा है. इसके बाद वो चुनावी राजनीति से संन्यास ले लेंगे. वहीं डीके शिवकुमार ने अब तक पार्टी के प्रति दृढ़ता और पूरी वफादारी का परिचय दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि वो पार्टी से बगावत नहीं करेंगे.

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