The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Sheikh Hasina Bangladesh Prime...

हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का इस्तीफा, सेना प्रमुख ने घोषणा की

Bangladesh में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री Sheikh Hasina ने इस्तीफा दे दिया है. इस बीच देश के सेना प्रमुख ने जानकारी दी है कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना ने देश भी छोड़ दिया है.

Advertisement
Sheikh Hasina Bangladesh Prime Minister  Resignation Amid Violent Protest
Shiekh Hasina ने इस्तीफा दे दिया है. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
pic
रवि सुमन
5 अगस्त 2024 (Updated: 5 अगस्त 2024, 03:58 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों (Bangladesh Unrest) के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा (Sheikh Hasina Resigns) दे दिया है. बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने इस बात की जानकारी दी है. प्रदर्शनकारी लगातार शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में भी घुस गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना ने देश भी छोड़ दिया है.

इस बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है. उन्होंने कहा कि देश में एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी. उन्होंने लोगों से हिंसा नहीं करने का आग्रह किया है. ये भी बताया कि उन्होंने सेना को गोलीबारी नहीं करने का आदेश दिया है. जमान ने इससे पहले कई नेताओं से मुलाकात की थी.

इधर, न्यूज एजेंसी AFP ने शेख हसीना के एक करीबी के हवाले से जानकारी दी कि हसीना अपनी बहन के साथ गोनो भवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास) छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं. सूत्र ने AFP को बताया कि वो अपना भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं. लेकिन उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं मिल सका. वहीं, हसीना के एक निजी सहयोगी ने मीडिया संस्थान अल जजीरा को बताया है कि प्रधानमंत्री सेना के हेलीकॉप्टर से देश छोड़कर भाग गई हैं. 

Sheikh Hasina के घर में घुसे प्रदर्शनकारी

इससे पहले, लाखों की संख्या में एक भीड़ राजधानी ढाका की तरफ बढ़ रही थी. 4 अगस्त को हिंसा बढ़ने के बाद से देश में कर्फ्यू की घोषणा की गई थी. सार्वजनिक छुट्टी कर दी गई थी और इंटरनेट बंद कर दिया गया था. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा था कि विरोध के नाम पर बांग्लादेश में तोड़फोड़ करने वाले छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्हें सख्ती से दबाने की जरूरत है. उन्होंने गणभवन में सुरक्षा मामलों की राष्ट्रीय समिति की बैठक बुलाई थी. बैठक में सेना, नौसेना, वायु सेना, पुलिस और प्रशासन के प्रमुखों अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया था.

इससे पहले बांग्लादेश में क्या-क्या हुआ, उसे पॉइंट्स में समझते हैं.

- 5 जून 2024. बांग्लादेश की हाई कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में कोटा बढ़ाने का फैसला किया. इसके बाद ढाका के अलग-अलग विश्व विद्यालयों के छात्रों ने इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का एलान किया.

- कोर्ट के फैसले के बाद सरकारी नौकरियों में 56 फीसदी सीटें आरक्षित हो गईं. अलग-अलग वर्ग के लोगों को इसमें शामिल किया गया. सबसे ज्यादा- 30 फीसदी सीटें- 1971 के युद्ध में शामिल लोगों के घरवालों के लिए. 

- वॉर वेटरन्स के बाद महिलाओं और अल्प-विकसित क्षेत्र से आने वाले लोगों का नंबर आता है. दोनों के लिए 10-10 फीसदी सीटें रिजर्व की गईं. मूलनिवासियों को पांच फीसदी सीटें दी गईं. और एक फीसदी सीटें विकलांग लोगों के लिए आरक्षित हुईं.

- प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग थी कि इस आरक्षण को कम किया जाए. सबसे ज्यादा विरोध सेना के परिवार वालों को मिलने वाले आरक्षण का था.

- ढाका के अलग अलग यूनिवर्सिटी के छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. इनमें विपक्षी पार्टी के स्टूडेंट्स विंग और गैर राजनीतिक छात्रों के गुट भी शामिल थे. 

- फिर 1 जुलाई  को सभी छात्रों ने एक बैनर तले प्रदर्शन करने का फैसला किया. उस दिन स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन नाम का संगठन वजूद में आया.

- जुलाई में प्रदर्शन तेज हुए. 15 जुलाई को सबसे पहले हिंसा की खबर आई. बांग्लादेश के डेली स्टार अखबार के मुताबिक इस दिन छात्र लीग के लोगों ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमला किया. अब ये छात्र लीग क्या है? ये शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग का स्टूडेंट्स विंग है.

- अखबार के मुताबिक 15 जुलाई को छात्र लीग के लोग ढाका मेडिकल कॉलेज के कैम्पस में घुसे, यहां मारपीट हुई. इसके अलावा उन्होंने कैम्पस में मौजूद अस्पताल में भर्ती घायल छात्रों पर भी हमला किया.

- 16 जुलाई तक ये प्रदर्शन ढाका के बाहर पहुंच चुके थे. ढाका, चटगांव और रंगपुर में आवामी लीग के कार्यकर्ता, छात्र लीग की प्रदर्शनकारी छात्रों से मुठभेड़ हुई. इसमें 6 लोगों की मौत हुई.

- इन छात्रों को श्रद्धांजलि देने के लिए 17 जुलाई को ढाका के अलग-अलग विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम रखे गए. डेली स्टार अखबार के मुताबिक पुलिस ने इस कार्यक्रम में आए लोगों पर हमला कर दिया. इससे आंदोलन और भड़क गया. प्रदर्शकारी छात्रों ने 18 जुलाई को देश भर में तालाबंदी की घोषणा कर दी.

- 18 जुलाई को बांग्लादेश के 19 जिलों में झड़प की खबर आई. पुलिस और छात्रों की मुठभेड़ में 29 लोगों की मौत हुई.

- 19 जुलाई को 66 लोगों की मौत हुई. 20 जुलाई को ढाका में सेना तैनात कर दी गई. फिर भी झड़प में 21 लोगों की जान गई.

- 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में कोटा घटाकर 7 फीसदी कर दिया. 22 जुलाई तक मरने वालों की संख्या 146 हो गई थी.

- इसके बाद भी हिंसा बढ़ती गई और 4 अगस्त को ये बड़े पैमाने पर आगे बढ़ी.

वीडियो: दुनियादारी: शेख हसीना का राजकीय दौरा, भारत-बांग्लादेश में क्या बदलेगा?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement