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सपा नेता ने 'कटाक्ष' में मक्का-मदीना खोदने की बात कही, पार्टी ने निकाला तो लिखा 'हर हर महादेव'

विवाद बढ़ने के बाद अरुण कुमार ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. हालांकि उन्होंने सफाई में अपने ट्वीट को कटाक्ष बताया. उधर सपा से अरुण कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग होती रही.

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Arun Kumar Samajwadi Party
अरुण कुमार और अखिलेश यादव (फोटो- ट्विटर/पीटीआई)
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साकेत आनंद
20 मई 2022 (Updated: 20 मई 2022, 04:35 PM IST) कॉमेंट्स
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समाजवादी पार्टी के एक नेता को अपना ही 'कटाक्ष' भारी पड़ गया. अरुण कुमार पेशे से वकील हैं. हाई कोर्ट में वकालत करते हैं. कुछ घंटे पहले तक समाजवादी पार्टी छात्र सभा के राष्ट्रीय सचिव भी थे. उन्होंने बुधवार, 18 मई को एक ट्वीट किया था,

"क्यों ना मक्का-मदीना भी खोद दिया जाए."

इसी ट्वीट पर कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया. अरुण कुमार ऐसे घिरे कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया.

कैसे बढ़ा विवाद?

अरुण कुमार के ट्वीट को कई लोगों ने भावनाओं को आहत करने वाला बताया था. कई सोशल मीडिया यूजर्स ने समाजवादी पार्टी को टैग कर अरुण के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. वहीं कुछ लोगों ने झांसी पुलिस से भी कार्रवाई करने की मांग कर दी. अरुण कुमार झांसी के ही रहने वाले हैं. पुलिस ने भी साइबर सेल को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दे दिया.

विवाद बढ़ने के बाद अरुण कुमार ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. हालांकि उन्होंने सफाई में अपने ट्वीट को कटाक्ष बताया. उधर सपा से अरुण कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग होती रही. फिरोज खान नाम के एक ट्विटर यूजर ने अरुण कुमार से माफी मांगने और सपा से कार्रवाई की मांग की. इसके जवाब में अरुण कुमार ने लिखा,

"अब अगर तुम्हें कटाक्ष समझ ना आ पाए तो हिंदी साहित्य का अध्ययन करो भाई. समय बर्बाद ना करो."

पद से हटाए जाने पर क्या बोले अरुण?

हालांकि अब तक देर हो गई थी. समाजवादी छात्र सभा ने अरुण को राष्ट्रीय सचिव के पद से हटा दिया. छात्र सभा की अध्यक्ष नेहा यादव ने एक पत्र लिखकर बताया,

"समाजवादी छात्र सभा के राष्ट्रीय सचिव अरुण कुमार को अनुशासनहीनता के कारण पद से हटाया जाता है."

इस कार्रवाई के बाद अरुण कुमार ने अपने 'कटाक्ष' पर भी कटाक्ष कर दिया! और अपने डिलीट किए गए ट्वीट को बहुसंख्यक समाज की बात से जोड़ दिया. उन्होंने कहा कि वे पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

"जिस पार्टी में अपने बहुसंख्यक समाज की बात करना गुनाह हो, उस पार्टी में रहने का क्या ही मतलब निकलता है. मैं पार्टी की सक्रिय और प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र देता हूं. सहयोगी साथियों के प्रेम और स्नेह का बहुत आभार. धन्यवाद!"

उधर, समाजवादी पार्टी ने भी बाद में ट्विटर पर बताया अरुण कुमार को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. पार्टी ने लिखा कि उनके खिलाफ कार्रवाई राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर हुई है.
 

इस पर अरुण कुमार ने फिर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ये निष्कासन मेरा नहीं, सपा का यूपी से हुआ है... आपने साबित कर दिया कि ये पार्टी नहीं कम्पनी है जो चंद चापलूसों की डायरेक्टरशिप में काम कर रही है... "हर हर महादेव".

वीडियो: ज्ञानवापी में शिवलिंग के दावे पर अखिलेश यादव ने ये क्या कह दिया?

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