जयशंकर की चाबहार पोर्ट मुद्दे पर अमेरिका को दो टूक, कहा-'पहले से ही वो...'
Chabahar Port Deal पर अमेरिका की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया के बाद S Jaishankar का बयान भी सामने आया है. विदेश मंत्री के मुताबिक इस डील से पूरे क्षेत्र को फायदा होगा.
![Chabahar port, USA on chabahar port, India-iran deal](https://static.thelallantop.com/images/post/1715741698048_jaishankar_(3).webp?width=540)
भारत-ईरान के बीच चाबहार पोर्ट (Chabahar Port Deal) डील को लेकर अमेरिका के तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई थी. अमेरिका ने ईरान से डील करने वालों पर संभावित प्रतिबंध लगाए जाने की बात (US reaction on Chabahar deal) कही थी. इस चेतावनी को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) की प्रतिक्रिया सामने आई है. भारतीय विदेश मंत्री के मुताबिक इस डील से पूरे क्षेत्र को फायदा होगा.
जयशंकर से कोलकाता में उनकी किताब 'व्हाई भारत मैटर्स' के बांग्ला संस्करण के विमोचन के दौरान चाबहार पोर्ट को लेकर USA के रुख को लेकर सवाल किया गया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा,
“मैंने कुछ टिप्पणियां देखीं, जो की गई थीं, लेकिन मुझे लगता है कि यह लोगों को संवाद करने, समझने और समझाने का सवाल है कि यह वास्तव में यह सभी के फायदे के लिए है. मुझे नहीं लगता है कि इसको लेकर लोगों को संकीर्ण मानसिकता रखनी चाहिए और उन्होंने पहले ऐसा किया भी नहीं है.”
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जयशंकर ने आगे कहा,
अमेरिका ने जताया था ऐतराज“अगर आप चाबहार में बंदरगाह को लेकर अमेरिका के रवैये को देखेंगे, तो पहले से ही वो पोर्ट के महत्व की सराहना करता रहा है. हम लोग इस पर काम करेंगे.”
दरअसल इस डील के बाद अमेरिका के विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल से प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल किया गया था. जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा था,
13 मई को हुई डील“हमें इस बात की जानकारी मिली है कि ईरान और भारत के बीच चाबहार पोर्ट को लेकर एक डील हुई है. भारत सरकार की अपनी विदेश नीति है. ईरान के साथ चाबहार पोर्ट को लेकर की गई डील और ईरान के साथ उनके द्विपक्षीय संबंधों को वह बेहतर तरीके से समझते हैं. लेकिन जहां तक अमेरिका की बात है. ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध जारी रहेंगे. लेकिन जो भी देश ईरान के साथ व्यापार में शामिल होगा, उन पर प्रतिबंध लगने का खतरा हमेशा बना रहेगा.”
दरअसल, भारत ने 13 मई को ईरान के चाबहार में शाहिद बेहिश्ती पोर्ट को 10 साल के लिए लीज पर लेने की डील की. इस समझौते के लिए भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को ईरान भेजा गया था. ईरान और अफगानिस्तान तक पहुंचने के लिए चाबहार पोर्ट को भारत के लिए एक अहम जरिया माना जाता है. इस डील से भारत को अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया के साथ व्यापार के लिए नया रूट मिल जाएगा. अभी तक इन देशों तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान का सहारा लेना पड़ता था.
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