नमाज पढ़ने को लेकर हल्द्वानी में विवाद, 700 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
वज़ू करने को लेकर विवाद हुआ और मामला बिगड़ गया.

उत्तराखंड के हल्द्वानी में पुलिस ने नमाज को लेकर हुए विवाद में 700 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. घटना 3 अप्रैल की है. नमाज़ को लेकर विवाद हो गया और दो समुदाय आमने-सामने आ गए.
कहां से शुरू हुआ विवाद?मामला हल्द्वानी के भोतिया परव इलाके का है. यहां जफर सिद्दीकी के घर पर नमाज़ पढ़ी जा रही थी. इस दौरान वज़ू करने की व्यवस्था बाहर एक सार्वजनिक जगह पर थी. नमाज़ से पहले नमाज़ी हाथ-पैथ धुलते हैं, जिसे वज़ू कहा जाता है. इसपर विवाद हो गया. हिंदू संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि वज़ू सार्वजनिक जगह पर क्यों हो रही है.
बताया जा रहा है किमामला तब बिगड़ गया तब हिंदू संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने वहां के इमाम शाहिद हुसैन को थप्पड़ मार दिया. इसके खिलाफ इमाम ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. साथ ही जफर सिद्दीकी जिनके घर नमाज़ पढ़ी जा रही थी, उन्होंने भी मुकदमा दर्ज कराया. सिद्दीकी पेशे से वकील हैं.
घटना रात करीब 9 बजे की है. विवाद बढ़ने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने हाईवे जाम कर दिया. प्रदर्शनकारी ने पुलिस स्टेशन पहुंचकर भी नारेबाजी की. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक भीड़ को पुलिस स्टेशन में घुसने से रोकने के लिेए लाठीचार्ज भी करना पड़ा.
पुलिस ने क्या बताया?इस मामले में पुलिस ने बताया कि भोटिया परव के SHO हरेंद्र चौधरी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे. पुलिस का कहना है कि सिद्दीकी की संपत्ति को सील कर दिया गया क्योंकि उसपर अवैध निर्माण था.
इलाके के SHO ने कहा कि -
हमने 700-800 लोगों पर धारा 147 (दंगे), धारा 332 (सरकारी कर्मचारी को काम करने से रोकना), धारा 341 (काम में बाधा पहुंचाना ), धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को उसकी ड्यूटी करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत मामला दर्ज किया है.
विवाद बढ़ता देख पुलिस के आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया. भीड़ को शांत कराने के लिए पुलिस ने हल्दवानी के शाही इमाम को भी बुलाया. ताकी लोगों को समझाया जा सके.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि खाली प्लॉट का इस्तेमाल अनधिकृत धार्मिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा था, जिससे सार्वजनिक स्थान में गड़बड़ी और "गंदगी" हो रही थी.
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