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महात्मा गांधी के आखिरी सफर की दुर्लभ तस्वीरें, देश की उनसे मुहब्बत का सबूत

गांधी मरे नहीं, गांधी मरा नहीं करते

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30 जनवरी 2021 (Updated: 30 जनवरी 2021, 05:53 IST)
Updated: 30 जनवरी 2021 05:53 IST
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महात्मा गांधी की बात करते हुए तीन तारीखें जो दिमाग में सबसे पहले आती हैं. वो है आजादी की तारीख 15 अगस्त. गांधी का जन्मदिन 2 अक्टूबर. और आखिरी वो तारीख जब गांधी हमें छोड़ गए, 30 जनवरी. देश आजाद हुए 6 महीने भी नहीं हुए थे कि 'बापू' हमसे छीन लिए गए. नाथूराम गोडसे नाम के एक सिरफिरे ने महात्मा गांधी को सरेआम गोली मार दी. तारीख थी 30 जनवरी 1948. लेकिन गांधी फिर भी नहीं मरे. गांधी मरा नहीं करते. उनकी अंतिम यात्रा में जो भीड़ उमड़ी, उसने जता दिया कि वह गांधी के 'सविनय अवज्ञा' की धारणा में ज्यादा यकीन करती है. ये मुल्क तब भी उनसे मुहब्बत करता था, आज भी करता है. फ्रांस से आए फोटोग्राफर आंरी कैर्तिये-बगेसों (Henri Cartier-Bresson) ने गांधी की कई ऐतिहासिक तस्वीरें ली थीं. कंधे पर गमछा धारे मुस्कुराते गांधी, बड़े चरखे के पीछे पत्र बांचते हुए और अतिथि गृह (अब गांधी स्मृति) के फाटक पर चढ़कर राष्ट्रपिता की हत्या की सूचना देते प्रधानमंत्री नेहरू उनकी बेहद मशहूर तस्वीरें हैं. गांधी की हत्या के समय आंरी दिल्ली में ही थे. उन्होंने हत्या के बाद सूने गांधी-आसन, उनके आखिरी दर्शन, शवयात्रा, अंतिम संस्कार और अस्थि-विसर्जन आदि की कई तस्वीरें लीं, जिन्हें पत्रकार ओम थानवी ने फेसबुक पर साझा किया है. गांधी की मौत की घोषणा करते नेहरूGandhi Nehruअंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़gandhiइन महिलाओं के चेहरे देखिएGandhi1चिता को अग्निGandhi3कुछ के लिए वे बापू थे. कुछ के लिए फरिश्ता थे.Gandhi5उनके बाद, खाली पड़ा हुआ उनका आसन.gandhi aasan

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