रांची : "मेरा बच्चा इस्लाम के लिए शहीद हुआ" - 16 साल के मृतक की मां ने और क्या कहा?
"आज नूपुर शर्मा के कारण मेरा बेटा चला गया", "क्या मुसलमानों के बच्चों से बैर है?"

10 जून को देश के हिस्सों में जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ हुई टिप्पणियों के खिलाफ प्रदर्शन किए. झारखंड की राजधानी रांची में जहां एक तरफ प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की, वहीं पुलिस ने भी भीड़ पर गोली चलाई. हिंसा में अब तक दो लोगों की मौत हुई है. कई घायल रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं.
मुदस्सिर के पिता ने दर्ज कराई FIRइस हिंसा में 16 साल के लड़के मुदस्सिर की भी गोली लगने से मौत हुई थी. मुदस्सिर रांची के मेन रोड से सटे हिंदपीढ़ी इलाके का रहने वाला था. मुदस्सिर के पिता परवेज आलम ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ रांची के डेली मार्केट थाने में एक FIR दर्ज करवाई है.
मुदस्सिर को सिर में गोली लगी थी. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक,मुदस्सिर के पिता ने पुलिस शिकायत में लिखा है,
पुलिस को गोली चलाने का हक किसने दिया- मां“एक तरफ मंदिर के छत से और दूसरी तरफ सड़क पर उपस्थित पुलिसकर्मियों की फायरिंग के कारण मची भगदड़ में एक गोली इसके (मुदस्सिर) सर में लगी और वो लहूलुहान होकर सड़क पर गिर पड़ा.”
गोली लगने से मुदस्सिर गंभीर रूप से घायल हो गया था. अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मुदस्सिर की मां ने इंडिया टुडे से जुड़े आशुतोष मिश्रा से बातचीत में पुलिस पर सवाल उठाए और पूछा कि उनके बेटे की गलती क्या थी. मां ने रोते हुए कहा -
"अगर अपने हक के लिए आवाज उठाए तो पुलिस गोली मार देगी. इस्लाम जिंदाबाद बोल देने पर पुलिस को ये हक है कि वो गोली मार दे? पुलिस को किसने हक दिया? सरकार क्यों नहीं आवाज नहीं उठा रही है? इस्लाम जिंदाबाद था, जिंदाबाद है और कल भी इस्लाम जिंदाबाद रहेगा."
मां ने आगे कहा कि उनका 16 साल का बच्चा इस्लाम के लिए शहीद हुआ है उन्हें इस बात का फक्र है. उन्होंने कहा,
"मुझे कोई गम नहीं है. जिस काफिर ने उसे मारा है, उसे सजा मिलनी चाहिए. इतनी ताकत पुलिस को किसने दी? सिर्फ एक बच्चा मेरा था. बहुत मुसीबत से उसे पाला था. मेरा एक-एक शब्द सरकार तक पहुंचना चाहिए. वरना मैं किसी को माफ नहीं करूंगी. आज मेरे बच्चे पर पूरी दुनिया गर्व कर रही है."
मुदस्सिर की मां ने BJP से निलंबित नेता नूपुर शर्मा के बयान को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार नूपुर शर्मा के खिलाफ क्यों आवाज नहीं उठा रही है. मां ने कहा,
“आज नूपुर शर्मा के कारण मेरा बेटा चला गया. क्या मुसलमान के बच्चों से बैर है, आपको बैर होगा तभी आपने फायरिंग कर दी.”
मुदस्सिर की मां ने प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी भारी संख्या में फोर्स क्यों लगाई गई? मामला संभालने के लिए या गोली चलाने के लिए.
24 साल के साहिल की भी मौतहिंसा में 24 साल के एक और शख्स साहिल की भी मौत 10 जून को ही हो गई थी. गोली लगने के कारण साहिल भी गंभीर रूप से घायल हुआ था. रिम्स अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. रांची में हिंसा के बाद कर्फ्यू के साथ इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था. रविवार 12 जून को इंटरनेट सुविधाएं शुरू की गईं. 6 थाना क्षेत्रों में अब भी धारा 144 लागू है.
10 जून को हुई हिंसा की घटना का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है, जिसमें पुलिसकर्मी पत्थरबाजी से बचने के लिए मेनरोड स्थित हनुमान मंदिर में छिपते नजर आ रहे हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के दौरान कम से कम 10 लोगों को गोली लगी थी. इनमें मुदस्सिर और साहिल भी शामिल थे. अस्पताल में भर्ती तीन लोगों की हालत अब भी गंभीर है.
रिम्स अस्पताल में घायल एक युवक मोहम्मद अफसर ने बताया कि उन्हें 6 गोली लगी थी जिसमें 2 अब भी उनके पैर में फंसी है. समाचार एजेंसी एएनआई को उसने बताया,
रांची पुलिस ने क्या बताया?"पुलिस फायरिंग कर रही थी. मैं मार्केट से सामान लेकर घर लौट रहा था. देखा कि भगदड़ हो गई. दूसरी तरफ से जाने की कोशिश की तो देखा कि पुलिस फायरिंग कर रही थी. एके-47 चलाई जा रही थी, उसी से मुझे 6 गोली लगी है. एक पैर में चार गोली और दूसरे पैर में दो गोली लगी है. ये टैक्सी स्टैंड के पास की घटना थी. मंदिर (मेन रोड स्थित हनुमान मंदिर) से भी फायरिंग हो रही थी."
रांची पुलिस ने अपने एक्शन को लेकर कहा कि ये कितना सही था या कितना लॉजिकल था, अब बोलना उचित नहीं होगा क्योंकि जांच की जा रही है. रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रविवार 12 जून को कहा,
"उस हालात में जो हमारी ट्रेनिंग थी जो समझदारी थी, वो हमने वहां पर दिखाई. जो हालात वहां पर पैदा हुई, उसका विश्लेषण यहां बैठकर नहीं किया सकता है."
हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है. पुलिस सीसीटीवी फुटेज की छानबीन और आरोपियों से पूछताछ में लगी है. पुलिस ने हिंदपीढ़ी, खेत मोहल्ला, निजाम नगर, छोटा तालाब, नाला रोड सहित कई इलाकों में छापेमारी की है और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. रांची अंचल अधिकारी द्वारा नामजद FIR में मृतक साहिल और मुदस्सिर समेत 22 लोगों के नाम हैं. एसएसपी ने रविवार को बताया था कि हिंसा से जुड़े मामलों में अब तक 25 FIR दर्ज हो चुकी हैं.
रांची हिंसा : गलत इरादे से आए थे दंगाई, SP सिटी अंशुमन कुमार ने और क्या बताया?