12वीं पास हैं, संन्यासी बनना चाहते हैं? रामदेव की पतंजलि बिलकुल फ्री में बना देगी
रामदेव की संस्था ने लोगों को संन्यासी बनाने का विज्ञापन निकाला है
योग गुरु रामदेव की संस्था ने लोगों को संन्यासी बनाने का विज्ञापन निकाला है. उद्देश्य है, युवाओं में ऋषियों जैसी प्रतिभा विकसित कर भारत को "विश्वगुरु" बनाने में मदद करना. पतंजलि 22 से 30 मार्च के बीच संन्यास महोत्सव का आयोजन करने जा रहा है. 30 मार्च को रामनवमी के मौके पर 100 लोगों को संन्यास दीक्षा दी जाएगी. यानी ये 100 लोग संन्यासी घोषित होंगे. पांच साल पहले, साल 2018 में भी रामदेव ने 92 पुरुष और महिलाओं को दीक्षा देकर संन्यासी घोषित किया था. पतंजलि के मुताबिक, इन सभी संन्यासियों को रामदेव ने ही प्रशिक्षित किया था.
पतंजलि संन्यास आश्रम ने अपने विज्ञापन में लिखा है, जो युवा भारत को दुनिया का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र और हिन्दू धर्म को विश्व धर्म बनाने का संकल्प रखते हैं उनसे संन्यासी बनने का आह्वान किया जाता है. विज्ञापन के पन्ने पर पतंजलि योगपीठ के को-फाउंडर रामदेव और बालकृष्ण के अलावा महर्षि दयानंद, स्वामी विवेकानंद, वीडी सावरकर और एमएस गोलवलकर की तस्वीरें हैं. पतंजलि के मुताबिक, इन्हीं 'महापुरुषों' के सपनों का हिन्दवी साम्राज्य, अखण्ड राष्ट्र बनाने के लिए जो युवा अपना पूरा जीवन त्याग करना चाहते हैं, उनका स्वागत है.
पतंजलि के PRO एसके तिजारावाला ने इस विज्ञापन पर बात करते हुए लल्लनटॉप से कहा,
कौन बन सकता है संन्यासी?"ये भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में किया जा रहा एक शक्तिशाली और जमीनी स्तर का अभियान है."
विज्ञापन में 12वीं पास लड़कों और लड़कियों से आह्वान किया गया है. हमने इसकी प्रक्रिया को समझने के लिए पतंजलि मुख्यालय में बात की. पतंजलि के एक कर्मचारी ने बताया कि संन्यास लेने के लिए कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है. इसके बाद वो पतंजलि में आकर आगे की पढ़ाई कर सकता है. संन्यास लेने वाले छात्र योग के अलावा दर्शनशास्त्र, व्याकरण, वेदशास्त्र और संस्कृत साहित्य में बीए और एमए की पढ़ाई कर सकते हैं.
कर्मचारी ने दी लल्लनटॉप को बताया कि संन्यासी घोषित करने की प्रक्रिया अलग-अलग है. अगर कोई बीए पास करके संन्यास का जीवन शुरू करता है तो उसे दो साल में संन्यासी घोषित कर देते हैं. अगर 12वीं पास हैं तो इस प्रक्रिया में तीन से चार साल लगते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि जब आप यहां प्रवेश करते हैं तभी से संन्यासी कहलाते हैं.
संन्यासी बनने की प्रक्रिया फ्री है. कर्मचारी ने बताया कि आप हरिद्वार पतंजलि आने के बाद संन्यास आश्रम चले जाएं तो उस दिन से रहना-खाना, पढ़ाई सब आजीवन फ्री होता है. शर्त यह है कि आप उस तरह का जीवन जीने का मन बना चुके हों. संस्था के निर्देश पर अलग-अलग काम दिये जाते हैं, जैसे गौसेवा या पतंजलि से जुड़े कोई भी काम दिए जा सकते हैं.
वीडियो: पतंजलि की ऑनलाइन मीटिंग में पॉर्न चला दी, देश-विदेश के लोग देखते रह गए!