भारत की बड़ी डिप्लोमैटिक जीत, कतर में सजा काट रहे 8 भारतीय पूर्व नौसैनिक घर लौटे, आते ही क्या बोले?
Navy Veterans Released: Qatar ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया है. इन पर कतर में बड़े आरोप लगे थे, मौत की सजा बोली गई थी, जिसे वहां के अमीर ने उम्रकैद में बदल दिया था. अब भारत आकर इन्होंने क्या बताया है?
![qatar releases eight former indian navy officials detained for alleged espionade](https://static.thelallantop.com/images/post/1707700422694_qatar-indian-navy-veterans-released24.webp?width=540)
लगभग दो साल से कतर (Qatar) की जेल में बंद भारतीय नौसेना से जुड़े 8 पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया गया है (8 Navy Veterans Released). उन सभी को जासूसी (Espionage) के आरोप में पकड़ा गया था. विदेश मंत्रालय ने 12 फरवरी की सुबह को खुशखबरी देते हुए बयान जारी किया. सभी आठ पूर्व भारतीय नौसेना अफसरों में से सात कतर से भारत लौट भी आए हैं.
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में लिखा,
भारत सरकार, डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है. उन्हें कतर में हिरासत में लिया गया था. आठ में से सात भारत लौट आए हैं. हम कतर के फैसले की सराहना करते हैं.
बता दें कि डहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज एक प्राइवेट कंपनी है, जो कतरी सेना के जवानों को ट्रेनिंग और इससे जुड़ी मदद प्रदान करती है. जिन आठ पूर्व अफसरों को पकड़ा गया था उनमें रिटायर्ड कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश शामिल थे.
कतर से भारत लौटे एक पूर्व अफसर ने कहा,
हमने भारत वापस आने के लिए लगभग 18 महीने तक इंतजार किया. हम PM मोदी के बेहद आभारी हैं. ये उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और कतर के साथ उनके समीकरण के बगैर संभव नहीं होता. हम भारत सरकार द्वारा की गई हर कोशिश के लिए तहे दिल से आभारी हैं.
बाकी अफसरों ने भी भारत सरकार और PM मोदी को धन्यवाद किया है.
Qatar में क्या हुआ था?कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ‘स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो’ ने आठों पूर्व अधिकारियों को जासूसी के आरोप में 30 अगस्त, 2022 को गिरफ्तार किया था. आरोप क्या थे, ये बात कतर ने सार्वजनिक नहीं की. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि उन पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की गोपनीय जानकारी इजरायल के साथ साझा करने का आरोप लगा है. इसके बाद कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर को अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी.
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इसके बाद इस मामले में भारत सरकार ने हस्तक्षेप किया. दिसंबर 2023 में भारत के अनुरोध पर उनकी सजा को कतर के अमीर ने उम्रकैद में बदल दिया था. और अब उन्हें आजाद कर दिया गया है.
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