The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • PV Sindhu is all set to compete against Spanish Carolina Marin for Gold Medal at Rio Olympic

नडाल और शारापोवा के मिक्सचर से भिड़ेंगी सिंधू

सिंधू 3, मारिन 4, क्या होगा आज

Advertisement
Img The Lallantop
फोटो - thelallantop
pic
केतन बुकरैत
19 अगस्त 2016 (Updated: 19 अगस्त 2016, 09:47 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
रियो ओलम्पिक में इंडिया का दूसरा मेडल पक्का हो गया है. पीवी सिंधू के रूप में. पहला मेडल साक्षी मलिक दिलवा ही चुकी हैं. सिंधू ने जापान की ओकूहारा को 21-19 21-10 से सीधे सेटों में हराया. पहले राउंड को छोड़ सिंधू पूरे टूर्नामेंट में अपने विरोधियों को सीधे सेटों में हराती आई हैं. फाइनल में सिंधू का सामना होगा स्पेन की कैरोलिना मारिन से. अगर सिंधू आज इन्हें हरा देती हैं, तो वो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन जायेंगी. वैसे वो अभी ही फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बन चुकी हैं. इंडिया के लिए पर्सनल कम्पटीशन में सिर्फ़ अभिनव बिंद्रा ने ही गोल्ड मेडल जीता है. अभिनव बिंद्रा इस ओलम्पिक में खाली हाथ वापस लौट चुके हैं. बैडमिन्टन में पीवी सिंधू को आज स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ़ खेलना होगा. कैरोलिना इस वक़्त दुनिया में सबसे अच्छी बैडमिन्टन प्लेयर हैं. दोनों के बीच कुल 7 मैच खेले गए हैं. इन 7 मैचों में सिंधू ने 3 और कैरोलिना ने 4 मैच अपने नाम किये हैं. यहां भी मामला टक्कर का ही है. पर दुनिया की सबसे अच्छी प्लेयर को अगर सिंधू बराबरी की टक्कर दे रही हैं तो इससे ज़्यादा शुभ संकेत और क्या होगा? PV Sindhu ये ओलम्पिक सिंधू का पहला ओलम्पिक है. पहले ही ओलम्पिक में ऐसा प्रदर्शन उनके अन्दर के पोटाश को दर्शाता है. उनके बॉडी स्मैशेस और अपनी लम्बाई का फ़ायदा उठा चपटा मारने की तकनीक उनके फेवर में क़रारा काम कर रही है. दूसरी तरफ कैरोलिना बायें हाथ से हौंकने वाली प्लेयर हैं. अगर मुक्केबाज होतीं तो साउथपॉ कहलातीं. इन्हें लड़कियों का नडाल भी कहा जाता है. वो अपनी सारी ताकत अपने और मेडल के बीच की दूरी को पाटने में लगा देंगी. पिछली दो चैम्पियनशिप जीत चुकीं कैरोलिना तेज़-तर्रार, अग्रेसिव गेम खेलती हैं. और साथ ही बैडमिन्टन पर चीन की बन चुकी एक तरह की मोनोपोली को खतम कर चुकी हैं. Carolina Marin मारिन सिर्फ़ नडाल की माफ़िक तेज़ खेलती ही नहीं हैं वो शारापोवा की तरह चीखती भी हैं. और सच्चाई ये है कि एशियन जमात को ये खासा नापसंद भी रहता है. उनकी एनर्जी देखने लायक होती है. वो कोर्ट में हर कोने को कवर करती हैं और उनकी रीच काफी अच्छी है. एक धीमी पेस से चलते गेम को अपने स्मैशेज़ से वो क्विकफ़ायर में बदल देती हैं. साथ ही बायें हाथ से खेलना हमेशा उनके ही फ़ेवर में काम करता है. सिंधू आखिरी बार मारिन से अक्टूबर 2015 में डेनमार्क जीती थीं. सिन्धु ने मारिन को जूनियर वर्ल्ड्स 2010 में भी हराया है. साथ ही मालदीव्स इंटरनेशनल चैलेन्ज में भी. सीनियर्स में आके मारिन ने अपना खेल बढ़ाया और ऑस्ट्रेलिया, लखनऊ और 2014 वर्ल्ड्स में वो सिंधू पर 20 साबित हुईं. वैसे सिन्धु इस वक़्त उसी भयानक फॉर्म में हैं जिस फॉर्म में वो पिछले साल डेनमार्क में थीं जहां उन्होंने मारिन को हराया था.

Advertisement