7 जून 2016 (Updated: 7 जून 2016, 06:23 AM IST) कॉमेंट्स
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किरण बेदी लाख अरविंद केजरीवाल को कोस लें. पर पक्की दोस्ती एक दिन रंग दिखाती है गुरु. किरण बेदी पुडुचेरी की उपराज्यपाल (एलजी) बन गई हैं. एक तो ये बात समझ नहीं आती कि एलजी पोस्ट पर ज्यादातर केजरीवाल के विरोधी बैनर वाले ही क्यों सेट हो जाते हैं. बाय द वे, किरण बेदी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की राह पर चल पड़ी हैं.
किरण बेदी ने पुडुचेरी में वीआईपी गाड़ियों में कारों में सायरन, लाल बत्ती के यूज पर बैन लगा दिया है. खुद की गाड़ी से भी ये तीन झाम हटा दिया. तारीफ बनती है. क्योंकि ऐसा करने से आम लोगों को आवन-जावन में वीआईपी कल्चर की वजह से तनिक दिक्कत नहीं होगी. अच्छी बात ये है कि किरण बेदी की अपनी गाड़ियों का काफिला भी इस रूल के घेरे में रहेगा. ठीक वैसे ही जैसे अरविंद केजरीवाल ने वीआईपी कल्चर की मुखालफत की थी.
किरण बेदी ने एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के सायरन यूज पर रोक नहीं लगाई है. किरण बेदी का ट्रैफिक कंट्रोल करने को लेकर पुराना रिकॉर्ड रहा है. 1982 में हुए एशियाई खेलों में दिल्ली में ट्रैफिक की निगरानी का जिम्मा संभाला था किरण ने. किरण बेदी के नेतृत्व में एक सब-इंस्पेकटर ने तब की प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी की गाड़ी उठवा ली थी.
किरण बेदी ने कहा, 'वीआईपी लोगों की कारों के लिए ट्रैफिक रोकने को लेकर स्पेशल सुविधाएं नहीं दी जाएंगी. ताकि लोग खुल्लम खुल्ला आएं, जाएं.' जी कर रहा है, वीआईपी कल्चर प्रिय लोगों को चिल्लाकर बताऊं किरण के इस अच्छे फैसले के बारे में. पर मेरा गला बैठा हुआ है. मुलेठी वाली चाय पीनी पड़ेगी.
इस खबर के बाद के पॉलिटिक्ल रिएक्शन: तू है मेरी किरण...