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'सिविल वार' से रिटायर होकर बच्चों को पढ़ा रहा है स्पाइडर मैन

भगवान ऐसा मजेदार टीचर सबको दे. लकड़ी की पटरी से पीटने वाले शर्मा मास्टर की तरह नहीं.

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Source : Reuters
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जागृतिक जग्गू
7 जून 2016 (Updated: 7 जून 2016, 07:39 AM IST) कॉमेंट्स
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आठवीं क्लास तक मुझे मैथ्स कतई पसंद नहीं थी. दिमाग की दही हो जाती थी. क्लास होती थी, बस मन करता था किस कोने में छिप जाऊं जहां उस खड़ूस शर्मा की नजर मुझ पर न पड़े. मैथ्स होमवर्क करना पहाड़ पर चढ़ने के बराबर लगता था. एक्जाम में बस पासिंग नंबर आ जाते थे. नौवीं में दूसरे टीचर आए. मैथ्स को बड़ी आसानी से भेजे में घुसाने लगे. मजा आने लगा क्लास में. जाहिर सी बात है फिर अच्छे नंबर भी आने लगे.
वैसे ये मेरे अकेले की कहानी नहीं है. मेरे जैसे कई स्टूडेंट होंगे जिनके लिए मैथ्स किसी जंग से कम नहीं होगा. सोचती हूं मैथ्स टीचर अगर अपने फेवरेट सुपर हीरो के कॉस्ट्यूम या फिर 'तारे जमीं पर' मूवी के आमिर खान की तरह पढ़ाने आते तो शायद मैथ्स में कोई बच्चा फेल ही नहीं होता. और उन पेरेंट्स के दिल के टुकड़े नहीं होते जो अपने बच्चों को इंजीनियर बनाना चाहते थे.
मेक्सिको यूनिवर्सिटी में बैठे कंप्यूटर साइंस के बच्चे कितने लकी हैं. क्योंकि उनका पाला शर्मा जैसे टीचर से नहीं पड़ा. उनके सीएस के प्रोफेसर स्पाइडर मैन बनकर उनको पढ़ाने आते हैं. न खड़ूस सी शक्ल और न ही बोरियत क्लास. अपने फेवरेट कैरेक्टर से पढ़ना मतलब कॉस्ट्यूम के जरिए ही सही, कितना मजेदार होता होगा. क्लास तो बंक करने का ख्याल सपने में भी नहीं आता होगा.
Source : Reuters
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मॉयसेज वासक्वेज, मेक्सिको यूनिवर्सिटी के साइंस डिपार्टमेंट में कंप्यूटर साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. 26 साल के हैं. कॉलेज में लोग उन्हें 'स्पाइडर मॉय' के नाम से बुलाते हैं. क्योंकि वो क्लास में कोट-टाई लगा कर नहीं जाते. बल्कि स्पाइडर मैन बनकर जाते हैं. वैसी ही क्लास भी लेते हैं.
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उनका कहना है कि मैं क्लास को एक बेटर प्लेस बनाना चाहता हूं. जहां स्टूडेंट्स मजे-मजे में पढ़ाई कर सकें. ये धांसू सा आइडिया उनके दिमाग में कॉमिक्स पढ़कर आया. प्रोफेसर मॉय की इस हरकत से उनके घरवाले टेंशन में आ गए थे. उनको लगा कि कहीं उनके बेटे को अपनी नौकरी से हाथ न धोना पड़े.
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करीब दो साल होने को है, मॉय ऐसे ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं. स्टूडेंस के साथ-साथ यूनिवर्सिटी के टीचर्स का भी फुल अटेंशन ले रहे हैं. उनका कहना है कि शुरू में तो थोड़ा अजीब लगा उनको पर बाद में सब सेट. मेक्सिको के लोग जब उन्हें ऐसे देखते हैं तो उनको विश्वास नहीं होता कि मॉय एक प्रोफेसर हैं.
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