जाहिलों! लड़कियों को स्कूटी पर जलाओगे तो जन्नत में हूरें नहीं मिलेंगी
श्रीनगर में पोस्टर लगे हैं. लिखा है कि लड़कियां स्कूटी चलाएंगी तो उन्हें जला देंगे.
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symbolic image.
पोस्टर में भरपूर स्पेलिंग मिस्टेक्स हैं. इन लोगों की जाहिलियत पर तरस आता है. पता नहीं लड़कियों के स्कूटी न चलाने से वो कश्मीर का कैसे भला कर सकते हैं. कमबख्त खुद तो कुछ कर नहीं पा रहे हैं. लड़कियां उड़ान भर रही हैं, तो उनके पर कतरना चाहते हैं. लड़कियों के स्कूटी चलाने से न तो इस्लाम खतरे में आ रहा और न कश्मीर. जाहिलों, क्या तुम्हें पता नहीं कि मां के पैर के नीचे जन्नत है. और जब जन्नत यहीं फूंक डालोगे, तो जन्नत में क्या खाक जा पाओगे?
हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से घाटी के हालात बिगड़े हुए हैं. संडे को श्रीनगर के सिटी सेंटर पर पोस्टर चिपका कर माहौल और खराब करने की कोशिश की गई. पोस्टर में लड़कियों को धमकाया गया है. पोस्टर में लिखा है कि लड़कियों से रिक्वेस्ट की जाती है कि वो स्कूटी न चलाएं. अगर कोई लड़की ऐसा करती दिखेगी, तो उसे स्कूटी समेत जला दिया जाएगा.

कश्मीर में लगा पोस्टर.
पोस्टर लगाने वाला एसोसिएशन पत्थरबाजों का संगठन बताया जा रहा है. लड़कियों को धमकाने के अलावा कश्मीर की आजादी की बात कही गई है. पोस्टर में 6 बातें लिखी गई हैं. जिसमें लिखा गया है कि यह कश्मीर हमारा है. इसका फैसला हम करेंगे.
दुकानदारों, वेंडरों और घाटी में काम करने वालों से लड़ाई में सहयोग करने की बात कही गई है. मस्जिदों की कमेटियों से कहा गया है कि वो नारेबाजी करें. सबसे सहयोग करने की बात भी लिखी गई है. पोस्टर के आखिर में लिखा गया है कि ये जंग जारी है तब तक, जब तक हम आजादी न पा लेंगे.
कुछ लोग इस पोस्टर को फर्जी बता रहे हैं. कहा जा रहा है कि ये एसोसिएशन पत्थरबाजों का संगठन नहीं है. क्योंकि पत्थरबाजी करने वाले संगठन का नाम तहरीक-ए-संगबाज है और वो उर्दू में पोस्टर लगाता है. पुलिस पोस्टर लगाने वालों की पहचान करने में जुटी है.