तमिलनाडु BJP अध्यक्ष संकट में, बिहारी समुदाय को लेकर ट्वीट किया था
मामले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिंता जाहिर की थी.

तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के अन्नामलाई के खिलाफ पुलिस ने हिंसा भड़काने और लोगों के बीच वैमनस्य फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया था. साइबर क्राइम विंग ने उनके खिलाफ एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया. इस ट्वीट में उन्होंने द्रविड़ मुनेत्र कझगम (DMK) के नेताओं पर उत्तर भारतीयों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था. बाद में के अन्नामलाई पर आरोप लगा कि उन्होंने फेक न्यूज़ फैलाने की कोशिश की.
अन्नामलाई के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत धर्म, नस्ल और भाषा के आधार पर लोगों के बीच वैमनस्य, शत्रुता और घृणा की भावनाओं को बढ़ावा देने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के कुछ घंटों बाद अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सरकार को '24 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने' की चुनौती दी. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं.
दरअसल, गुरुवार, 2 मार्च को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होने लगा. वीडियो में दावा किया गया कि बिहार के मजदूरों पर जानलेवा हमला किया गया है. कुछ अखबारों ने इन खबरों को कवर भी किया. ये रिपोर्ट्स बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक पहुंचीं तो उन्होंने इसे लेकर चिंता जताई. इसके बाद बीजेपी ने कुछ स्थानीय न्यूज चैनलों के वीडियो ट्वीट किए. इनमें तमिलनाडु से आए हुए कुछ मजदूर ये दावा कर रहे हैं कि वहां उनकी जान को खतरा है. इसके अलावा भी बिहार बीजेपी ने कई वीडियो ट्वीट किए जिनमें इसी तरह के दावे किए गए थे.
बीती 4 मार्च को अन्नामलाई ने तमिलनाडु में उत्तर भारतीय प्रवासी समुदाय में कथित रूप से चल रहे भय के लिए DMK को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि DMK और उसके सहयोगियों की नकारात्मक टिप्पणी से तमिलनाडु में रहने वाले उत्तर भारतीय श्रमिकों में दहशत फैल गई है. ट्विटर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने कहा,
"DMK के सांसदों ने उत्तर भारतीयों पर अभद्र टिप्पणी की. DMK मंत्री ने उन्हें पानीपुरी वाला कहा, और उनके गठबंधन के सहयोगियों ने पलायन की मांग की. आज हम जो देख रहे हैं उसी का नतीजा है."
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मई 2022 में तमिलनाडु के गवर्नर ने कहा था कि यहां छात्रों को हिंदी बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इसके बाद राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा था, "कुछ ऐसे लोग हैं जो कहते हैं कि हिंदी सीखने से हमें नौकरी पाने में मदद मिलेगी. क्या हमें मिली? हमारे राज्य में, कोयम्बटूर में जाकर देखिए, पानीपुरी बेचने वाले, वे सभी हिंदी बोलने वाले हैं."
वीडियो: आरवम: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की हत्या के दावे का सच क्या है?