अयोध्या में जो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट बना है, उसकी ख़ास बातें उसके आर्किटेक्ट ने बता दी
पीएम मोदी इस एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. इसका निर्माण आठ हजार स्क्वायर मीटर में किया गया है, जिसकी लागत 250 करोड़ आई है.
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राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंच रहे हैं. इस दिन वो अयोध्या में नए बने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Maryada Purushottam Shriram international AirPort) का उद्घाटन करेंगे. नागर शैली में बन रहे इस एयरपोर्ट को विपुल वार्ष्णेय और उनकी टीम ने तैयार किया है. जिसको बनाने में करीब 250 करोड़ रुपए की लागत आई है. यह एयरपोर्ट का आर्किटेक्चर पूरी तरह से श्री राम के जीवन से प्रेरित है.
क्या ख़ास है इस एयरपोर्ट में?आर्किटेक्ट विपुल वार्ष्णेय ने एक इंटरव्यू में बताया है कि इस एयरपोर्ट का निर्माण 8000 स्क्वायर मीटर बुलेट अप एरिया में बना है. जिसे नागर शैली में बनाया गया है. राम मंदिर का निर्माण भी नागर शैली में हो रहा है. विपुल वार्ष्णेय आगे बताती हैं कि इसमें 7 शिखर हैं. तीन शिखर आगे, तीन पीछे और एक शिखर बीच में है.
इसके अलावा एयरपोर्ट पर हर जगह श्री राम को दिखाने की कोशिश की गई है. बाहर तीर धनुष का एक विशाल म्यूरल लगाया गया है. विपुल वार्ष्णेय के मुताबिक यह म्यूरल काफी सोच समझ कर लगाया गया है. जो यह दर्शाता है कि पुरुषार्थ से ही असत्य पर विजय संभव है. एयरपोर्ट की लैंडस्केपिंग में पंचतत्व का ध्यान रखते हुए रंगों का प्रयोग किया गया है. लैंडस्केपिंग में बिल्डिंग के आउटडोर पब्लिक एरिया को प्राकृतिक रूप से डिजाइन किया गया है, जिसमें वाटर बॉडी, स्टोन, टाइल्स, पेड़-पौधे को आकर्षक बनाया गया है.

श्री राम एयरपोर्ट सात पिलर्स पर मुख्य रूप से टिका हुआ है, जो रामायण के सात कांडों को ध्यान में रखते हुए निर्मित किया गया है. इन स्तंभों पर आकृति और सजावट भी उसकी तरह की गई है. विपुल बताती हैं कि जो दीवारों पर बड़े-बड़े पेंटिंग आर्ट से सजावट की गई है, उसमें दो तरह की पट्टिकाएं हैं. जिसमें एक का नाम दैविक पट्टिका तथा दूसरे का नाम खंडिका है.
उन्होंने आगे बताते हुए कहा,
“म्यूरल को तैयार करने के लिए अयोध्या के साधु संतों, आचार्यों से मिलकर बहुत अध्ययन किया गया. साथ ही स्कंद पुराण (Skand Puran) का भी अध्ययन किया गया. विपुल वार्ष्णेय, अनुज वार्ष्णेय और उनकी पूरी टीम ने दो साल में इस एयरपोर्ट को तैयार किया है. इस एयरपोर्ट में एक सबसे बड़ा म्यूरल राम के अनन्य भक्त महाबली हनुमान को समर्पित किया गया है. इसमें हनुमान जी के जन्म से अयोध्या में राम की आज्ञा अनुसार उनके स्थापित होने तक का पूरा चित्रण है. इसके अलावा तीन फ्लोर ऊंचा राम दरबार और मधुबनी पेंटिंग में बना सीता राम विवाह का चित्रण भी ख़ास होगा”.
विपुल वार्ष्णेय और उनकी टीम का कहना है कि इस एयरपोर्ट को तैयार करने में इंजीनियर्स के साथ, पर्यावरण पर असर ना पड़े इस पर काफी ध्यान रखा गया है. इसमें GRC तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. जिससे स्टोन्स से होने वाला प्रदूषण नहीं होता. विपुल ने इसके निर्माण के दौरान अयोध्या पर स्टडी करते हुए एक किताब ‘अयोध्या’ भी लिखी है, जिसका अभी विमोचन होना है.