The Lallantop
Advertisement

मालदीव के साथ तल्खी पर पहली बार बोले PM मोदी, कहा- "कुछ चीजें जरूरी..."

India Maldives relations पर पीएम मोदी का पहला बयान सामने आया है . साथ ही पीएम मोदी ने चीन, पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

Advertisement
 pm modi reacts on india maldives relation
भारत-मालदीव संबंधों पर पीएम मोदी का पहला बयान. (फोटो- ANI)
15 अप्रैल 2024 (Updated: 15 अप्रैल 2024, 22:47 IST)
Updated: 15 अप्रैल 2024 22:47 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

भारत-मालदीव संबंधों को लेकर पीएम मोदी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू में पीएम मोदी से पाकिस्तान, चीन और मालदीव के साथ भारत के संबंधों में आई कड़वाहट को लेकर सवाल किया गया था. जिसका जवाब देते हुए पीएम ने इसे 'अंदरूनी राजनीति' बताया है. ( PM reacts on India Maldives relations)

प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरव्यू में बताया,

भारत के साथ संबंधों से ज्यादा इनकी अंदरूनी राजनीति के लिए कुछ चीजें जरूरी हैं.  

पड़ोसियों को शक्तिशाली देखना चाहते हैं- PM

पीएम ने आगे कहा कि उनकी पहले दिन से पॉलिसी है. नेबर फर्स्ट. दूसरा एक्ट ईस्ट. जो हमारे ईस्टर्न पार्ट के आसियान देश हैं. उनके लिए एक्ट ईस्ट पॉलिसी दी. ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पहले दिन से देश की और हमारी भी पॉलिसी है. पहले लुक ईस्ट था. मैंने एक्ट ईस्ट किया. आज दुनिया में सैकड़ों मील दूर मौजूद देश को भी लगता है कि भारत की प्रगति में उनका फायदा है. तो पड़ोसी को क्यों नहीं लगेगा? आज पड़ोसी सबसे ज्यादा खुश हैं. पीएम मोदी ने कोविड के दौरान पड़ोसी मुल्कों की मदद करने का भी जिक्र किया. बोले,

कोविड के समय ऐसा कोई पड़ोसी देश नहीं है जिसकी हमने मदद नहीं की. नेपाल में जो भूकंप आया हम फर्स्ट रेस्पॉन्डर थे. श्रीलंका में बहुत बड़ा क्राइसिस आया. हमने सबसे ज्यादा मदद की. और वो भी ये मानते भी हैं. वो हमसे अपेक्षाएं रखते हैं. और भारत भी अपने पड़ोसियों को शक्तिशाली और समृद्ध देखना चाहता है.

भारत के साथ कैसे शुरू हुआ विवाद?

भारत-मालदीव संबंधों में तल्खी तब शुरू हुई थी, जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने नवंबर 2023 में पदभार संभालने के बाद कहा कि वो भारतीय सैनिकों को मालदीव से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को पूरा करेंगे.

फिर साल 2024 में 2 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था. उन्होंने समुद्र किनारे समय बिताते कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं. प्रधानमंत्री ने लिखा कि ‘घुमक्कड़ों को लक्षद्वीप जाना चाहिए’. इस पर मालदीव की एक मंत्री ने कह दिया कि भारत के तट मालदीव के समुद्री तटों के सामने कुछ नहीं हैं. और भी बहुत कुछ विवादित बोल दिया. दो और मंत्रियों ने भी गलत बयानबाजी की. जबकि प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव का नाम भी नहीं लिया था. 

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी का गैर-राजनीतिक इंटरव्यू: मोदी के बोले 2 झूठ जो साफ़ पकड़े गए

इसके बाद विवादित टिप्पणियों को लेकर बवाल मच गया. भारत ने मालदीव सरकार के सामने इन टिप्पणियों पर आपत्ति भी दर्ज करवाई. मालदीव के अंदर भी इन टिप्पणियों को लेकर विरोध हुआ. मालदीव सरकार ने भारत के खिलाफ टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों- मरियम शिउना, मालशा और हसन ज़िहान- को सस्पेंड कर दिया और खुद को तीनों के बयान से अलग भी कर लिया. हालांकि, तब से ही दोनों देशों के बीच कड़वाहट बनी हुई है. इसके बाद 17 जनवरी को राष्ट्रपति मुइज्जू ने अल्टीमेटम देने की तर्ज पर कहा कि भारत 15 मार्च तक अपनी सेना मालदीव से वापस बुलाए.

वीडियो: मालदीव पर भारत सरकार का बड़ा ऐलान!

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement