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PFI पर 5 साल का बैन लगा, गृह मंत्रालय ने कहा- "वर्ग विशेष को कट्टर बना रहा है"

गृह मंत्रालय ने UAPA के तहत PFI पर बैन लगाया है.

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BAN OF POPULAR FRONT OF INDIA PFI
PFI पर बैन लगा. (तस्वीर- इंडिया टुडे)
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दुष्यंत कुमार
28 सितंबर 2022 (Updated: 28 सितंबर 2022, 09:41 PM IST)
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केंद्र सरकार ने इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. मंगलवार, 27 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी. पिछले कुछ दिनों से PFI पर बैन लगाने की मांग ने जोर पकड़ा हुआ था. कई राज्य ये मांग कर रहे थे. सोशल मीडिया पर भी चर्चा थी कि जल्दी ही PFI को प्रतिबंधित किया जा सकता है.

हाल के समय में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने PFI के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी कर उसके कई पदाधिकारियों की गिरफ्तारी की है. 22 और 27 सितंबर को NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने PFI के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. पहले राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 106 लोग गिरफ्तार हुए थे. वहीं दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 लोग गिरफ्तार हुए या हिरासत में लिए गए. जांच एजेंसियों का दावा है कि उन्हें PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं. इसके बाद गृह मंत्रालय ने PFI को UAPA के तहत 'गैरकानूनी' संगठन घोषित किया है.

PFI Ban पर Ministry of Home Affairs ने क्या कहा?

PFI के अलावा सरकार ने इससे जुड़े अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम्स काउंसिल (AIIC), नेशनल कन्फिडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमन्स फ्रंट (NWF), जूनियर फ्रंट (JF), एम्पावर इंडिया फाउंडेशन (EIF) और रिहैब फाउंडेशन (केरल) पर बैन लगाया गया है.

गृह मंत्रालय ने PFI और इन संगठनों के संबंध को स्पष्ट करते हुए कहा है,

"पीएफआई और इसके सहयोगी संगठन या संबद्ध संस्थाएं सार्वजनिक तौर पर एक सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक संगठन के रूप में कार्य करते हैं. लेकिन ये गुप्त एजेंडा के तहत समाज के वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में कार्य करते हैं तथा देश के संवैधानिक प्राधिकार और ढांचे के प्रति घोर अनादर दिखाते हैं.

 

ये संगठन कानून विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ है और जिससे शांति तथा सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल खराब होने और देश में उग्रवाद को बढ़ावा मिलने की आशंका है."

अधिसूचना के आखिर में गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के सेक्शन 3 के सबसेक्शन 1 के तहत PFI और इससे जुड़े संगठनों को 'विधिविरुद्ध संगम' यानी एक अवैध संघ या गठजोड़ करार दिया है और इनकी गतिविधियों पर पांच साल तक के लिए रोक लगा दी है.

PFI के खिलाफ हाल में सामने आए मामले

पिछले कुछ समय में कई मामलों में PFI की कथित भूमिका का पता चला है. NIA इन मामलों की जांच कर रही है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक,

- पटना स्थित फुलवारी शरीफ में गजवा-ए-हिंद स्थापित करने के लिए बड़ी साज़िश हो रही थी. NIA ने हाल ही में यहां रेड की थी.

- तेलंगाना के निज़ामाबाद में कराटे ट्रेनिंग के नाम पर PFI कथित तौर पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा है. NIA इस मामले में भी छापा मार चुकी है.

- कर्नाटक के प्रवीण नेत्तरू हत्या मामले में PFI कनेक्शन सामने आया था. इसकी भी NIA जांच चल रही है.

- हिजाब विवाद और हालिया प्रदर्शनों के पीछे PFI की कथित फंडिंग को लेकर जांच हुई थी.

- नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश में हिंसा हुई थी. इसकी जांच के दौरान PFI से जुड़े आरोपियों के यहां से 'आपत्तिजनक' सामान मिला था. इसके आधार पर यूपी सरकार ने PFI को बैन करने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था.

दी लल्लनटॉप शो: PFI पर हुई छापेमारी में NIA ने किस-किसको पकड़ा?

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