सरकार ने विदेशी फंडिंग पाने वाले NGO के नाम अपनी वेबसाइट से डिलीट मार दिए
FCRA वेबसाइट पर अब ऐसा कोई तरीका नहीं जिससे पहचान हो सके कि किन-किन एनजीओ के लाइसेंस रद्द हुए, किन एनजीओ ने सालाना रिटर्न फाइल किए

केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने विदेशी योगदान अधिनियम (FCRA) की वेबसाइट से कुछ महत्वपूर्ण डेटा हटा दिया है. इस डेटा में उन गैर सरकारी संगठनों (NGO) की लिस्ट भी शामिल है जिनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए. साथ ही वेबसाइट से NGO के सालाना रिटर्न से जुड़ी जानकारी भी डिलीट कर दी गई है.
इंडियन एक्सप्रेस के दीप्तिमान तिवारी की रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर इस कार्रवाई पर कोई बयान जारी नहीं किया है. लेकिन, कुछ अधिकारियों का कहना है कि यह डेटा सार्वजनिक तौर पर गैरजरूरी था इसलिए इसे डिलीट किया गया. (लल्लनटॉप को और करीब से जानें)
बता दें कि FCRA की वेबसाइट पर गैर-सरकारी संगठनों से जुड़ी लगभग सारी जानकारी होती थी. इसमें किन-किन NGO को लाइसेंस दिया गया, किन्हें विदेशी फंड प्राप्त करने की इजाजत मिली और किन NGO के लाइसेंस रद्द कर दिए गए. इसके अलावा वेबसाइट पर एनजीओ के लाइसेंस की समय सीमा समाप्त होने और उनके सालाना वार्षिक रिटर्न से जुड़ी जानकारी भी मौजूद होती थी.
लेकिन, अब वेबसाइट पर इन NGO की ओवरऑल जानकारी मौजूद है, लेकिन एनजीओ की पहचान करने वाली लिस्ट को हटा दिया गया है. यानी अब वेबसाइट पर ऐसा तरीका नहीं है जिससे यह पहचान हो सके कि किन-किन एनजीओ को लाइसेंस मिला है, किनके लाइसेंस रद्द किए गए हैं और किन एनजीओ ने सालाना रिटर्न फाइल किए हैं.
‘नाम की लिस्ट हटा दी, लेकिन संख्या तो मौजूद है’एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,
'जो भी डेटा अनावश्यक समझा गया था, उसे वेबसाइट से हटा दिया गया. लाइसेंस न पाने वाले एनजीओ की संख्या और वार्षिक रिटर्न दाखिल करने वाले एनजीओ की संख्या के ओवरऑल डेटा को पहले की तरह रखा गया है.'
FCRA की वेबसाइट से NGO को मिलने वाले विदेशी चंदे के तिमाही खातों का डेटा भी हटा दिया गया है. हालांकि, इसे लेकर कुछ सूत्रों का कहना है कि ऐसा इस महीने की शुरुआत में मंत्रालय द्वारा एफसीआरए नियमों में किए गए बदलाव के तहत किया गया है.
1900 NGO के लाइसेंस सरकार ने रद्द किए थेफरवरी 2022 में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि सरकार ने पिछले 5 साल में कानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए 1900 गैर-सरकारी संगठनों के FCRA लाइसेंस रद्द कर दिए हैं.
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में राय ने ये भी कहा था कि एफसीआरए कानून, 2010 में NGO को काली सूची में डालने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन यदि कोई गैर-सरकारी संगठन कानून व नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाती है.
बता दें कि जब गैर-सरकारी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए सरकार उनके लाइसेंस रद्द करती है तो फिर वे विदेशी धन प्राप्त नहीं कर सकेंगे.
वीडियो देखें : क्या है FCRA जिसके बारे में कहा जा रहा है कि उसने NGO के हाथ बांध रखे हैं?

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