रिकॉर्ड तोड़ने लगे पेट्रोल और डीजल के दाम, इसमें राहत की खबर भी जान लीजिए
मुंबई, कोलकाता में डीजल के रेट ऑल टाइम हाई, दिल्ली में पेट्रोल ने 2 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
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ये सांकेतिक तस्वीर थोड़ी पुरानी है मगर है इसी साल 29 जून, 2020 की. लखनऊ में पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते हुए दामों के खिलाफ कांग्रेस वर्कर्स ने प्रदर्शन किया था. (PTI)
कुछ महीनों पहले सरकार ने तय किया था कि पेट्रोल-डीज़ल के दाम हर दिन के हिसाब से बदला करेंगे. और तबसे रोज़ सुबह 6 बजे पेट्रोल पंप में रेट लिस्ट बदल जाती है. अलग-अलग शहरों में पेट्रोल और डीज़ल के रेट अलग-अलग होते हैं. पिछले 5 दिनों से पेट्रोल और डीज़ल के रेट लगातार बढ़ रहे
7 दिसंबर, 2020 को दिल्ली में पेट्रोल की क़ीमत 20 पैसे बढ़कर 83.71 रुपये हो गई. ये पिछले दो साल में सबसे अधिक है. डीजल के दाम भी 26 पैसे बढ़कर 73.87 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं. राजधानी में जब पेट्रोल अपनी सर्वकालिक ऊंचाई पर था, तो उसकी क़ीमत 84 रुपये प्रति लीटर थी. आशंका जताई जा रही है कि यहां पेट्रोल इस उच्चतम स्तर को भी अगले एक-दो दिन में ही तोड़ सकता है.

तेल की महंगाई का बाक़ी राज्यों और शहरों का भी यही हाल है. मुंबई में तो पेट्रोल 90 और डीज़ल 80 रूपये प्रति लीटर की क़ीमत से ऊपर बिक रहा है. कुछ बड़े शहरों में पेट्रोल और डीज़ल के दाम ये रहे:
शहर | 7 दिसंबर को डीज़ल के प्राइस/लीटर (रूपये में) | डीज़ल का उच्चतम मूल्य (तारीख़) | 7 दिसंबर को पेट्रोल के रेट/लीटर (रूपये में) | पेट्रोल का उच्चतम मूल्य (तारीख़) |
दिल्ली | 73.87 | 81.94 (30 जुलाई, 2020) | 83.71 | 84.00 (4 अक्टूबर, 2018) |
मुंबई | 80.51 | 80.51 (7 दिसंबर, 2020) | 90.34 | 91.34 (4 अक्टूबर, 2018) |
कोलकाता | 77.44 | 77.44 (7 दिसंबर, 2020) | 85.19 | 85.80 (4 अक्टूबर, 2018) |
चेन्नई | 79.21 | 79.79 (4 अक्टूबर, 2018) | 86.51 | 87.33 (4 अक्टूबर, 2018) |
20 नवंबर की बात ख़ासतौर पर इसलिए क्यूंकि 22 सितंबर 2020 के बाद पेट्रोल के दाम स्थिर हो गए थे. इसके बाद पहला उतार-चढ़ाव 20 नवंबर को ही देखा गया. डीज़ल के दामों में भी 2 अक्टूबर के बाद से कोई कमी या बढ़त नहीं हुई थी.
# क्यूं बढ़ रहे हैं तेल के दाम?
पूरे विश्व में ही कच्चे तेल के दामों में बढ़त देखी जा रही है. इसका कारण अमेरिका में चली अल्पक़ालीन राजनीतिक ऊहापोह की स्थिति भी है. कोविड और लॉकडाउन से ऊबर रहा अंतरराष्ट्रीय बाज़ार और ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी है. साथ ही भारत से जुड़े कुछ राष्ट्रीय कारक भी हैं, जैसे भारत में भी ट्रांसपोर्ट और कारख़ाने खुलने से तेल की खपत में धीरे-धीरे बढ़त हो रही है.
# सरकार को राहत की उम्मीद
धर्मेंद्र प्रधान. भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हैं. 5-6 दिसंबर को मध्य प्रदेश के दौरे पर थे. पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने पेट्रोल के रोज़ बढ़ते दामों के बारे में भी बात की. बोले-
धर्मेंद्र प्रधान
अमेरिका में हाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव और कुछ देशों में चल रही आंतरिक समस्याओं ने तेल की कीमतों में वृद्धि की है. जब कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ जाती है, तो यह भारत में भी बढ़ती है. दो दिन पहले ओपेक ने निर्णय लिया कि वो कच्चे तेल के उत्पादन में 5 लाख बैरल प्रतिदिन के हिसाब से वृद्धि करेगा. हमें इसका फायदा मिलने वाला है. हमारा मानना है कि कीमतें स्थिर होंगी.