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'पाकिस्तान से सिंध वापस न मिले, ऐसा हो नहीं सकता', CM योगी ने इतना बड़ा ऐलान क्यों कर दिया?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान से सिंध प्रांत को वापस लेने की बात कर दी है.

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India take Back Sindh From Pakistan Yogi Adityanath
ये बात सिंधी समाज के कार्यक्रम में बोले CM योगी आदित्यनाथ | फाइल फोटो: आजतक
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अभय शर्मा
9 अक्तूबर 2023 (Updated: 9 अक्तूबर 2023, 03:58 PM IST) कॉमेंट्स
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का पाकिस्तान के सिंध प्रांत को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. CM योगी ने सिंध प्रांत को पाकिस्तान से वापस लेने की बात कह दी है. उन्होंने कहा है कि 500 साल बाद जब श्री राम जन्मभूमि वापस मिल सकती है, तो भारत सिंध प्रांत को भी वापस ले सकता है. योगी आदित्यनाथ ने ये बात लखनऊ में सिंधी समाज के एक कार्यक्रम के दौरान कही है.

कैसे छिड़ गई सिंध वाली बात? 

8 अक्टूबर (रविवार) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिंधी समाज के अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा,

“जब देश का बंटवारा हुआ तो लाखों लोगों का कत्लेआम हुआ. भारत का एक बड़ा क्षेत्र पाकिस्तान बन गया. सिंधी समुदाय को सबसे ज्यादा कष्ट हुआ क्योंकि उन्हें अपनी मातृभूमि छोड़नी पड़ी. विभाजन की त्रासदी का खामियाजा आज भी हमें आतंकवाद के रूप में भुगतना पड़ रहा है.”

राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय राष्ट्रीय सिंधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा,

''500 साल बाद अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है. जनवरी में प्रधानमंत्री द्वारा रामलला को पुनः अपने मंदिर में विराजमान कराया जाएगा. अगर 500 सालों के बाद श्री राम जन्मभूमि वापस ली जा सकती है तो कोई कारण नहीं कि हम सिंधु पाकिस्तान से वापस ना ले पाएं. हमें देश की एकता और अखंडता से खिलवाड़ करने वाले को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहना चाहिए. सिंधी समुदाय भारत के सनातन धर्म का अभिन्न अंग है. कठिन परिस्थितियों में भी समाज अपने प्रयासों से आगे बढ़ा है. इसने शून्य से शिखर तक कैसे पहुंचा जाए, इसका उदाहरण पेश किया है."

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अयोध्या को लेकर MoU साइन होगा

बात अयोध्या की हो रही है तो बता दें कि यहां स्थित रामकथा संग्रहालय अब श्रीराम ट्रस्ट के अधीन काम करेगा. यूपी सरकार के संस्कृति विभाग और श्रीराम ट्रस्ट के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के बाद ट्रस्ट को संग्रहालय हैंडओवर हो जाएगा. अनेक महत्वपूर्ण पुरावशेषों और वस्तुओं को संग्रहित करने वाले राम कथा संग्रहालय के श्रीराम ट्रस्ट को सौंपे जाने पर योगी कैबिनेट की मुहर पहले ही लग चुकी है. औपचारिक समझौते (MoU) के जरिए इसकी प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

अयोध्या में सरयू तट पर बना अंतरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय और आर्ट गैलरी रामनगरी के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है. यूपी सरकार राम कथा संग्रहालय और आर्ट गैलरी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंपने की प्रक्रिया 9 अक्टूबर (सोमवार) को करेगी. इसके लिए लखनऊ में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया जाएगा. ये हस्ताक्षर लखनऊ में राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की मौजूदगी में किए जाएंगे. यूपी सरकार की ओर से पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र मौजूद रहेंगे.

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