The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Pakistan Foreign Minister Ishaq Dar India refused third party mediation america donald trump operation sindoor

'भारत नहीं मानता...', कश्मीर पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने ही ट्रंप की पोल पट्टी खोल दी

Donald Trump ने कई बार दावा किया था कि India-Pakistan के बीच सीजफायर America की मध्यस्थता से हुआ था. अब भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरे देश की मध्यस्थता पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री Ishaq Dar ने बड़ा बयान दिया है.

Advertisement
Ishaq Dar, Donald Trump
इशाक डार (बाएं) ने भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिकी मध्यस्थता पर बड़ा दावा किया. (X)
pic
सुबोध कुमार
font-size
Small
Medium
Large
16 सितंबर 2025 (Published: 08:17 PM IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कभी नहीं सोचा होगा कि वाइट हाउस में पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिम मुनीर की दावत करने का ऐसा सिला मिलेगा. ट्रंप बार-बार भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावे करते रहे. लेकिन अब खुद पाकिस्तान ने उनके दावे को झुठला दिया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने साफ तौर पर कहा कि भारत को अपने और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है.

शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए डॉनल्ड ट्रंप का नाम नामित करने वाले पाकिस्तान ने ही उनके कथित 'शांति के दावे' को खारिज कर दिया. इंडिया टुडे से जुड़े सुबोध कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्हें कश्मीर पर मध्यस्थता करने के लिए कहा गया था. लेकिन इशाक डार का बयान इससे बिल्कुल उलट नजर आया. उन्होंने कतर के न्यूज चैनल अल जजीरा से बातचीत में कहा,

“तीसरे पक्ष की भागीदारी. खैर, हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन भारत साफ तौर से कह रहा है कि यह द्विपक्षीय है, इसलिए हमें द्विपक्षीय से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बातचीत बड़ी होनी चाहिए. इसमें आतंकवाद, व्यापार, अर्थव्यवस्था, जम्मू-कश्मीर जैसे सभी विषयों पर बातचीत होगी, जिन पर हम दोनों चर्चा करते रहे हैं.”

इशाक डार ने बताया कि इस साल 10 मई की सुबह अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने उन्हें बताया था कि एक तटस्थ जगह पर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत होगी. 10 मई वही तारीख है, जिस दिन भारत और पाकिस्तान संघर्ष रोकने पर राजी हुए थे. इसके बाद 25 जुलाई को उनकी रूबियो से मुलाकात हुई. इशाक डार ने बताया,

“जब हम 25 जुलाई को वाशिंगटन में विदेश मंत्री रूबियो के साथ द्विपक्षीय बैठक में मिले थे, तो मैंने उनसे पूछा था कि (भारत-पाकिस्तान की) बातचीत का क्या हुआ. उन्होंने कहा कि भारत का कहना है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है. हम ऐसा नहीं कहते, इसलिए हम किसी चीज की भीख नहीं मांग रहे हैं.”

भविष्य में भारत के साथ बातचीत पर उन्होंने कहा,

“अगर कोई देश बातचीत चाहता है, तो हमें खुशी होगी, हम स्वागत करते हैं. हम एक शांतिप्रिय देश हैं. हमारा मानना ​​है कि बातचीत ही आगे बढ़ने का रास्ता है, लेकिन जाहिर है कि बातचीत के लिए दो लोगों की जरूरत होती है.”

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत में कहा था कि भारत, पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों में किसी भी तरह की मध्यस्थता को कभी कबूल नहीं करेगा. दरअसल, ट्रंप ने कई बार दावा किया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ था.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जून में दोनों नेताओं के बीच हुई 35 मिनट की फोन कॉल का ब्यौरा देते हुए एक बयान में कहा था,

“प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है, ना स्वीकार करता है और ना ही कभी स्वीकार करेगा.”

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसका मकसद 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाना था. पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच चार दिनों तक सैन्य संघर्ष हुआ. 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत से सीजफायर की अपील की थी. भारत के मानने के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष रुक गया.

वीडियो: पाकिस्तान ने एशिया कप से हटने की धमकी दी, पर टीम इंडिया नहीं, ये आदमी है उसकी वजह

Advertisement