भारत को टैरिफ का झटका, जनरल मुनीर को बुलावा, क्या अमेरिका बढ़ा रहा है पाक से नजदीकियां?
बीते 2 महीनों में देखें तो Field Marshal Asim Munir की ये दूसरी अमेरिका यात्रा होगी. इससे पहले वो जून 2025 में अमेरिका गए थे. इस बार वो CENTCOM कमांडर के फेयरवेल में जा रहे हैं.

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद से भारत पर टैरिफ लगा कर (US Tariff) पाकिस्तान से गलबहियां कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक बार फिर पाक आर्मी चीफ फील्ड मार्शल आसिम मुनीर (Gen Asim Munir) को अमेरिका आने का न्यौता दिया है. बीते 2 महीनों में देखें तो फील्ड मार्शल मुनीर की ये दूसरी अमेरिका यात्रा होगी. इससे पहले वो जून 2025 में अमेरिका गए थे. पिछली बार तो बंद कमरे में उनकी प्रेसिडेंट ट्रंप से बातचीत हुई थी. लेकिन इस बार की विजिट की क्या वजह है? विस्तार से समझते हैं.
अमेरिकी सेंट्रल कमांड के जनरल का फेयरवेलजैसे भारत की सेना में 7 कमांड हैं, उसी तरह अमेरिकी सेना भी कई कमांड्स में बंटी है. इनमें से एक है यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM). इस कमांड की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक ये कमांड मिडिल ईस्ट, मिस्र, मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के कई देशों में अमेरिकी सेना के ऑपरेशंस के लिए जिम्मेदार है. इसी कमांड के कमांडर हैं जनरल माइकल एरिक कुरिल्ला. लेकिन उनका आसिम मुनीर से क्या रिश्ता है? और क्या ये रिश्ता इतना गहरा है कि उनके फेयरवेल में आसिम मुनीर को इनवाइट किया गया.
जनरल कुरिल्ला, निकनेम है गुरिल्लाजनरल माइकल एरिक कुरिल्ला अमेरिकी सेना में एक फोर स्टार आर्मी जनरल हैं. उनकी कद-काठी की वजह से मिलिट्री हलकों में उन्हें गुरिल्ला कहकर संबोधित किया जाता है. उन्होंने अमेरिकी सेना में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं. कुछ महीने पहले ही जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान की तारीफ की थी. पाकिस्तान ने इस्लामिक स्टेट (खुरासान) से जुड़े पांच आतंकियों को अमेरिका से मिली इंटेलिजेंस के आधार पर पकड़ा था. इस गिरफ्तारी से जनरल कुरिल्ला इतने इम्प्रेस हुए कि उन्होंने अमेरिकन आर्म्ड सर्विस कमेटी के सामने जनरल मुनीर और पाकिस्तान की खूब सराहना कर दी.
जनरल कुरिल्ला के इस कदम ने भारत को असहज किया था. क्योंकि पाकिस्तान के भीतर खुद इतने आतंकी पल रहे हैं, जिससे वो खुद भी गिन नहीं पाता. लेकिन अमेरिका है 'काम निकालने वाला' देश. उसे दिखा कि अपने मतलब के पांच गिरफ्तार हो गए तो पाकिस्तान की पीठ थपथपा दी. दूसरी ओर पाकिस्तान भी ये देखकर फुल 'डेलुलु' में आ गया कि उसे CENTCOM के कमांडर से तारीफ मिल रही है. और IMF से लोन सैंक्शन कराने में भी अमेरिका की बड़ी भूमिका होती है. इसलिए पाकिस्तान हमेशा अमेरिका को खुश करने की कोशिश में लगा रहता है. अब जनरल कुरिल्ला ने तारीफ की तो पाकिस्तान एकदम गदगद हो गया और बदले में जनरल कुरिल्ला को जुलाई 2025 में उनकी पाकिस्तान यात्रा के दौरान पाकिस्तान के बड़े सम्मानों में से एक 'निशान-ए-इम्तियाज़' से नवाजा था.
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जनरल कुरिल्ला ने अमेरिकी सेना में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं. वो अफगानिस्तान, इराक, सऊदी अरब, बोसनिया, कोसोवो जैसे देशों में अमेरिकी ऑपरेशंस की कमान संभाल चुके हैं. इसके अलावा वो इंफेट्री, रेंजर्स, एयरबॉर्न डिवीजन, एयर एयरबॉर्न कोर को भी लीड कर चुके हैं. पाकिस्तान और अफगानिस्तान में उन्होंने कई ऑपरेशंस को लीड किया है. यही वजह है कि पाकिस्तान हमेशा से उन्हें खुश करने की कोशिश करता रहा है.
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