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'क्या टीवी डिबेट एजेंडा के लिए था, नूपुर को एंकर के खिलाफ FIR करवानी थी', बोला सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा ने भड़काऊ बयान दिया और इसके लिए उन्हें टीवी पर जाकर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी.

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Nupur Sharma
BJP की निलंबित नेता नूपुर शर्मा (फोटो- फेसबुक)
1 जुलाई 2022 (Updated: 1 जुलाई 2022, 13:44 IST)
Updated: 1 जुलाई 2022 13:44 IST
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सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाली बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई है. नुपूर शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज अलग-अलग FIR को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी. इस याचिका पर. कोर्ट ने नुपूर शर्मा से साफ कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणी के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. इसी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उस टीवी डिबेट को लेकर भी सख्त टिप्पणी की, जिसमें शामिल होकर नूपुर ने टिप्पणी की थी. कोर्ट ने डिबेट की एंकर का भी जिक्र किया.

'एंकर के खिलाफ भी केस करना चाहिए था'

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने मामले पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान बेंच ने कहा कि वह (नूपुर शर्मा) एक प्रवक्ता हैं और कानून का सम्मान किए बिना इस तरह का बयान कैसे दे सकती हैं. 

इस पर नूपुर शर्मा के वकील मनिंदर सिंह ने कहा, "टिप्पणी एंकर द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में की गई थी."

कोर्ट ने कहा, "अगर डिबेट का दुरुपयोग हुआ, तो सबसे पहले नूपुर शर्मा को एंकर के खिलाफ FIR दर्ज करवानी चाहिए थी. "

कोर्ट ने आगे कहा, "कोर्ट में विचाराधीन मामले पर टीवी चैनल और नूपुर शर्मा की चर्चा का क्या औचित्य है? सिर्फ एजेंडा फैलाने के लिए?"

बेंच ने यह भी कहा कि हमने टीवी डिबेट को देखा है. उसको भड़काने की कोशिश की गई लेकिन उसके बाद उसने जो कुछ कहा, वो और ज्यादा शर्मनाक है.

दरअसल, जिस टीवी डिबेट के दौरान नूपुर शर्मा ने टिप्पणी की थी, उसमें ज्ञानवापी परिसर के मुद्दे पर चर्चा हो रही थी. यह मामला कोर्ट में लंबित है. नूपुर शर्मा के वकील ने कहा कि उन्होंने अपने बयान वापस लिए और टिप्पणी के लिए माफी भी मांगी.

‘टीवी पर प्रवक्ता की जिम्मेदारी के साथ रहें’

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी कहा कि नूपुर शर्मा ने देरी से माफी मांगी और वो भी शर्तों के साथ ये कहते हुए कि अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो. कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा को टीवी पर जाकर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी. इसके अलावा बेंच ने कहा कि टीवी पर बोलने के दौरान प्रवक्ता की कुछ जिम्मेदारी होती है. टीवी पर बोलने के दौरान हर किसी को सावधान रहना चाहिए और समझना चाहिए कि उनके बयान से देश भर में क्या असर हो सकता है.

सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि राहत के लिए हाई कोर्ट जाइए. नूपुर शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही है. उन्होंने कोर्ट से कहा था कि अलग-अलग राज्यों में पूछताछ के लिए जाने में उनकी जान को खतरा है. कोर्ट अलग-अलग राज्यों में दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए केस दिल्ली ट्रांसफर कर दे. इससे वो सुरक्षित तौर पर जांच में शामिल हो सकेंगी.

डिसक्लेमर: हम ये साफ कर दें कि न्यायालय की पूरी कार्यवाही के ब्योरे देना संभव नहीं होता. संक्षेपण किया जाता है. वकीलों की दलीलों और बेंच की टिप्पणियों का क्रम कई बार बना नहीं रह पाता. बावजूद इसके, दी लल्लनटॉप ने उपलब्ध जानकारियों को समेटने की कोशिश की है. दर्शक जानते ही हैं कि कार्यवाही की भाषा अंग्रेज़ी होती है. इसीलिए हमने अनुवाद पेश किया है. न्यायालय की कार्यवाही की सटीक जानकारी के लिए न्यायालय से जारी आधिकारिक आदेश को ही देखा जाए.

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