कौन हैं नितिन अग्रवाल, जिन्हें बीजेपी ने विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया है?
2017 में सपा के टिकट पर चुने गए थे विधायक.
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14 साल बाद यूपी विधानसभा के उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए नितिन अग्रवाल. (फाइल फोटो)
दूसरी बार हुआ चुनाव उत्तर प्रदेश विधानसभा के इतिहास में ये दूसरा मौका है जब डिप्टी स्पीकर के चुनाव के लिए वोटिंग हुई है. अब तक की राजनीतिक परंपरा के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) का पद सत्तापक्ष और उपाध्यक्ष का पद मुख्य विपक्षी दल का होता रहा है. 1984 के एक अपवाद के अलावा कभी उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की नौबत नहीं आई थी. तब कांग्रेस ने परंपरा को तोड़ते हुए उपाध्यक्ष का पद विपक्षी दल को नहीं देने का फैसला किया था. कांग्रेस ने हुकुम सिंह और विपक्ष ने रियासत हुसैन को अपना उम्मीदवार बनाया था. कांग्रेस के पास संख्याबल अधिक था और हुकुम सिंह उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे.Samajwadi Party's (SP) Nitin Agarwal elected as the Deputy Speaker of Uttar Pradesh assembly. pic.twitter.com/9Q3pEXFStv
— ANI UP (@ANINewsUP) October 18, 2021
अब 37 साल के बाद फिर से वोटिंग हुई है जिसमें बीजेपी समर्थित नितिन अग्रवाल विजयी हुए हैं. यूपी विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद 2007 से ही खाली है. पहले मायावती फिर अखिलेश और अब योगी सरकार भी अपना कार्यकाल पूरा करने वाली है. लेकिन उपाध्यक्ष की कुर्सी खाली ही रही. अब चुनाव से पांच महीने पहले उपाध्यक्ष पद के लिए बीजेपी ने सपा के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को मैदान में उतार दिया और समर्थन देकर जिता भी दिया.
कौन है नितिन अग्रवाल? हरदोई सदर की सीट से 2017 में सपा के टिकट पर चुनाव जीते. इनके पिता नरेश अग्रवाल इस सीट से सात बार विधायक रह चुके हैं और दल बदल के मामले में यूपी के सर्वाधिक चर्चित नेताओं में से एक हैं. नितिन पहली बार 2008 में अपने पिता के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीट से उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. बसपा के टिकट पर. उसके बाद पिता के साथ सपा में शामिल हो गए.उत्तरप्रदेश विधान सभा की कार्यवाही को संचालित करते हुए... pic.twitter.com/czwF1QwMP9
— Nitin Agarwal (@nitinagarwal_n) October 18, 2021
2012 में सपा के टिकट पर विधायक बने. अखिलेश यादव की सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री रहे. 2017 में सत्ता बदली तो पिता नरेश अग्रवाल 2018 में बीजेपी में शामिल हो गए. नितिन अग्रवाल लगातार सपा के खिलाफ बागी रूख अपनाए हुए थे. जिसकी वजह से सदन में सपा के नेता रामगोविंद चौधरी ने उनकी सदस्या खारिज करने की अपील की थी, लेकिन स्पीकर हृदयनारायण दीक्षित ने इसे खारिज कर दिया था.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में नामांकन करते नितिन अग्रवाल
बीजेपी ने कहा- परंपरा नहीं तोड़ी एक तरफ जहां विपक्षी दल बीजेपी पर परंपरा तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने सपा पर परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी संसदीय परंपराओं का पालन कर रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के लिए रिजर्व होता है. सबसे बड़े विपक्षी दल से नितिन अग्रवाल प्रत्याशी आए हैं और उन्हीं को हमने प्रत्याशी माना.
दूसरी तरफ नेता विपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सपा का प्रत्याशी कौन होगा, ये बीजेपी कैसे तय कर सकती है? अगर वो हमारे दल के हैं तो फिर हम तय करेंगे बीजेपी नहीं. सपा ने सीतापुर की महमूदाबाद सीट से विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. जिन्हें 60 वोट मिले. कांग्रेस पार्टी ने परंपरा तोड़ने और अलोकतांत्रिक तरीके से चुनाव कराने का आरोप लगाते हुए वोटिंग का बहिष्कार किया. हालांकि कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने मतदान में हिस्सा लिया.युवा व अनुभवी श्री @nitinagarwal_n
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) October 18, 2021
को विधानसभा उपाध्यक्ष चुने जाने पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath
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