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निताशा कौल कौन हैं? जिन्हें कर्नाटक ने बुलाया, पर 'दिल्ली का आदेश' बोल एयरपोर्ट से वापस लौटा दिया

Nitasha Kaul Britain की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. दावा किया है कि उन्हें Bengaluru एयरपोर्ट से वापस London भेज दिया गया. क्या हुआ? ये पूरा मामला क्या है?

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निताशा कौल ने पूरा घटनाक्रम सोशल मीडिया के जरिए बताया है | फाइल फोटो: ट्विटर
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अभय शर्मा
26 फ़रवरी 2024 (Updated: 26 फ़रवरी 2024, 01:42 PM IST) कॉमेंट्स
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ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर को भारत से वापस भेज दिया गया. नाम है निताशा कौल (Nitasha Kaul). इन्होंने दावा किया है कि उन्हें कर्नाटक के बेंगलुरु एयरपोर्ट से वापस लंदन भेज दिया गया. निताशा को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने न्योता भेजा था. उन्हें 'संविधान और राष्ट्रीय एकता अधिवेशन' नाम के एक कार्यक्रम में शामिल होना था (Kashmiri Pandit Prof in UK Nitasha Kaul denied entry to India).

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक निताशा कौल वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग में प्रोफेसर हैं. वो ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड होल्डर भी हैं. उन्हें 24-25 फरवरी को बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होना था. निताशा ने आरोप लगाया है कि उन्हें बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों की ओर से हिरासत में लिया गया और एयरपोर्ट से बाहर नहीं जाने दिए गया. इसके चलते वो कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकीं और एयरपोर्ट से ही ब्रिटेन वापस चली आईं.

फाइल फोटो: ट्विटर 
निताशा कौल ने क्या-क्या बताया?

निताशा कौल ने सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर पूरी जानकारी दी है. उन्होंने कर्नाटक सरकार में सोशल वेलफेयर मंत्री एचजी महादेवप्पा की ओर से भेजे गए निमंत्रण पत्र को भी शेयर किया है.

प्रोफेसर निताशा कौल ने सोशल मीडिया पर लिखा,

'बेंगलुरु एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन अधिकारियों ने मुझे रोके जाने का कोई कारण नहीं बताया. केवल ये कहा कि वो कुछ नहीं कर सकते, ये आदेश दिल्ली से आया है. मेरे रहने और मेरी यात्रा का इंतजाम कर्नाटक सरकार ने किया था. जब मैं बेंगलुरु पहुंची तो मेरे पास आधिकारिक पत्र भी था. दिल्ली से मुझे इससे पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया था कि मुझे एयरपोर्ट पर ही रोक लिया जाएगा.'

निताशा शुक्रवार, 23 फरवरी की सुबह बेंगलुरु आई थीं और शनिवार, 24 फरवरी की सुबह उन्हें अगली फ्लाइट से लंदन भेज दिया गया. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें खाना, पानी तक नहीं दिया गया और तकिया चादर जैसी चीज़ों के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी. निताशा कौल के मुताबिक वो एक डेलीगेट के तौर पर कार्यक्रम में शामिल होने गई थीं और उन्हें किसी कार्यक्रम में बोलना नहीं था.

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इस घटना को लेकर मंत्री महादेवप्पा का कहना है कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता है. वो कार्यक्रम में व्यस्त थे.

Nitasha kaul का कश्मीर से संबंध!

निताशा कौल लंदन में स्थित एक ब्रिटिश शिक्षाविद, लेखिका और कवि हैं. साहित्य के अलावा, वह राजनीतिक अर्थव्यवस्था, भूटान, कश्मीर, भारत में राष्ट्रवाद, लिंग जैसे विषयों पर लिखती और बोलती रहती हैं. 2019 में, निताशा ने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद कश्मीर में मानवाधिकारों को लेकर चिंता जताई थी. फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के खिलाफ उन्होंने लेख लिखकर इसकी आलोचना की थी.

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