'शरीर पर 18 जख्म और ट्रेन के पहियों की ग्रीस मिली' निशांक के पोस्टमॉर्टम में हुआ खुलासा
SIT ने निशांक पर उधारी की बात भी कही है.

मध्यप्रदेश में निशांक राठौड़ (Nishank Rathore) की मौत को लेकर कुछ समय पहले SIT ने ये दावा किया कि ये हत्या नहीं आत्महत्या का मामला है. इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें मौत की वजह पैर से हैवी ब्लीडिंग और वाइटल ऑर्गन्स पर चोट बताई गई है. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि निशांक की कलाई पर पुराने जख्म के निशान है. वैसे निशान जो नस काटने की कोशिश करते हुए आते हैं.
आजतक की रिपोर्ट में SIT को हेड कर रहे रायसेन के एडिशनल एसपी अमृत मीणा के हवाले से ये जानकारी दी गई है. एडिशनल एसपी ने बताया,
निशांक राठौड़ की कलाई की चमड़ी पर नसों को काटने की कोशिशों के पुराने निशान मिले हैं. जिससे यह पता चलता है कि पूर्व में निशांक ने खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की होगी.
आज तक से जुड़े रविश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि निशांक के शरीर पर लगभग 18 जगह चोट के निशान पाए गए. यह सभी चोटें ट्रेन से कटने के दौरान लगी हैं. साथ ही निशांक के शरीर पर ट्रेन के पहियों में इस्तेमाल होने वाला ग्रीस भी पाई गई है जो ट्रेन से टकराने के दौरान उसके शरीर पर लग गई थी.
रायसेन के एडिशनल SP अमृत मीणा ने बताया कि ट्रेन से टकराने पर निशांक की पसलियां बुरी तरह टूट गई थीं और काफी इंटरनल ब्लीडिंग हुई थी.
वहीं, इससे पहले SIT जांच में सामने आया था कि निशांक कॉलेज रेगुलर नहीं जाता था. BBC की रिपोर्ट के मुताबिक SIT ने ये दावा किया था कि कि ‘सिर तन से जुदा’ वाला कोट भी खुद उसी ने पोस्ट किया था. ये दावा SIT ने इस आधार पर किया कि निशांक के फोन में जो लॉक लगा हुआ था वह उसके फिंगरप्रिंट से ही खुलता. SIT का कहना है कि आखिरी समय में भी उसके फिंगरप्रिंट से ही फोन का लॉक खुला था. जांच के बाद ये भी दावा किया जा रहा है कि अंतिम समय में निशांक के अलावा किसी और ने उसका फोन इस्तेमाल नहीं किया था. फिलहाल निशांक का विसरा भी जांच के लिए भेजा गया है. SIT को इस रिपोर्ट का इंतजार है.
क्रिप्टो करेंसी में निवेश और उधारीइससे पहले निशांक के आर्थिक स्थिति को लेकर भी खुलासे हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निशांक ने शेयर मार्केट के साथ और क्रिप्टो करेंसी में भी निवेश किया हुआ था. आजतक से जुड़े रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक इस निवेश में निशांक को नुकसान उठाना पड़ा था. इसकी भरपाई और शेयर बाजार में ज्यादा निवेश के लिए निशांक ने कुछ दोस्तों से उधार भी लिया था. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस सूत्रों ने बताया कि लंबे समय से निशांक ने उधारी के पैसे वापस नहीं किए थे जिसके चलते उसकी दोस्तों से बात भी नहीं हो रही थी. वहीं, मौत के कुछ दिन पहले उसने अपनी कॉलेज की फीस के नाम पर बहन से भी हजारों रुपये लिए थे, लेकिन कॉलेज में कोई पैसा जमा नहीं कराया था.
इन जानकारियों के आधार पर SIT इसे कर्ज के चलते आत्महत्या का मामला मान रही है. हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा भी है कि परिवार, SIT के इस दावे को नहीं मान रहा है.
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