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ब्रिटेन मे भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले की जांच में 3 लोग पकड़े थे, मगर NIA को 'कुछ नहीं मिला'

लुक-आउट नोटिस छापा, लोगों से अपील की, R&AW से मदद ली. फिर भी जो पकड़े गए, उनका हिंसा से कोई संबंध स्थापित नहीं हो पाया.

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INDIAN embassy attack london
लंदन में ख़ालिस्तान समर्थकों की एक बड़ी भीड़ ने भारतीय उच्चायोग पर हमला कर दिया था.
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12 अप्रैल 2024 (Updated: 12 अप्रैल 2024, 13:00 IST)
Updated: 12 अप्रैल 2024 13:00 IST
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मार्च, 2023 का तीसरा हफ़्ता. लंदन, यूनाइटेड किंगडम. भारतीय उच्चायोग में ‘ख़ालिस्तान’-समर्थकों ने हिंसा की. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच बैठी. संलिप्तता के आरोप में 15 लोगों को चिह्नित किया गया, उनकी तस्वीरें पब्लिक में जारी की गईं, उनके ख़िलाफ़ लुक-आउट नोटिस छाप दिया गया. अब महीनों की जांच के बाद NIA का कहना है कि 15 में से तीन लोग 'ग़लत' फंस गए हैं.

ऐसा कैसे हुआ?

19 मार्च, 2023 को लंदन में भारतीय उच्चायोग पर लगभग 50 लोगों ने हमला कर दिया. अतिक्रमण, भारतीय ध्वज का अपमान करने, पब्लिक प्रॉपर्टी को बर्बाद करने और उच्चायोग के अफ़सरों पर हमला करने के आरोप लगे. उच्चायोग के अफ़सर ने जो FIR दर्ज करवाई थी, उसके मुताबिक़ 'दल खालसा' के गुरचरण सिंह, 'ख़ालिस्तान लिबरेशन फोर्स' के अवतार सिंह खंडा और जसवीर सिंह ने ये प्रदर्शन आयोजित किया था.

इंडियन एक्स्प्रेस के महेंद्र सिंह मरणाल की रिपोर्ट में एक अफ़सर के बकौल छपा है कि पिछले साल, जून में खांडा की मृत्यु हो गई और NIA उनके डेथ सर्टिफ़िकेट के लिए संबंधित विभाग के संपर्क में है.

इसी घटना की जांच के दौरान जांच एजेंसी को ये इनपुट्स मिले थे कि ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख अमृतपाल सिंह, खांडा के संपर्क में था. तब असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल से भी पूछताछ की गई थी.

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जिन 15 लोगों के ख़िलाफ़ गृह मंत्रालय ने लुक-आउट सर्कुलर जारी किया था, उनकी पहचान हिंसा के वीडियोज़ से की गई थी. ये वीडियो कैसे आए? बीते साल, मई में NIA की एक टीम यूनाइटेड किंगडम गई थी. तब उन्होंने इस घटना और पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के एक संदिग्ध आतंकी लिंक की जांच के लिए ये वीडियोज़ खरीदे थे.

भारत लौटने के बाद NIA टीम ने 45 संदिग्धों के वीडियो और तस्वीरें पब्लिक डोमेन में जारी कर दी थीं. जनता से उनकी पहचान करने में मदद करने की अपील भी की थी. सूत्रों के हवाले से एक्सप्रेस की रिपोर्ट में छपा है कि एजेंसी को लगभग 850 कॉल्स आईं. उनके अलावा रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) और इमिग्रेशन विभाग भी जांच में लगाए गए. 45 की संख्या घट कर 15 हुई. फिर उनके ख़िलाफ़ लुक-आउट सर्कुलर जारी किया गया.

अब 15 संदिग्धों में से तीन को में हिरासत में ले लिया गया है और NIA को सौंप दिया गया है. लेकिन गहन जांच के बाद एजेंसी को ऐसा कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला. 19 मार्च की हिंसा से उनका कोई संबंध स्थापित नहीं हो पाया. 

वीडियो: बम धमाके के आरोपी को पकड़ने गई NIA की टीम पर किसने हमला करवाया?

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