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हाजी अली की दरगाह में औरतों को जाने की इजाजत क्यों नहीं?

शनि मंदिर में जाने के लिए महिलाएं आर पार के मूड में हैं. मुस्लिम औरतें चल पड़ी हैं उनके नक्शे कदम पर.

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आशुतोष चचा
29 जनवरी 2016 (Updated: 29 जनवरी 2016, 06:22 AM IST) कॉमेंट्स
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शनि मंदिर शिंगणापुर में बैठे सनीचर महाराज पता नहीं क्या कराएंगे. उसमें घुसने के लिए महाराष्ट्र की औरतों ने आंदोलन छेड़ा हुआ है. उसी लाइन पर चल पड़ी हैं मुस्लिम औरतें. हाजी अली की मजार में औरतों को जाने की मनाही है. उसके खिलाफ मुस्लिम औरतें आंदोलन शुरू कर चुकी हैं.
Source: ANI
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दरगाह के ट्रस्टीज ने वहां औरतों के जाने पर रोक लगा रखी है. कहते हैं पुरुष संत के करीब औरतों का जाना बड़ा पाप है. इसके खिलाफ एक ग्रुप पहले से कानूनी लड़ाई लड़ रहा है.
इस्लामिक सटडीज की प्रोफेसर जीनत शौकत अली ने कहा कि ये रोक मजहब नहीं लगाता. मर्दों की सत्ता चाहने वालों ने लगाई है. मुझे इस्लाम की जानकारी है. इस्लाम में कहीं नहीं लिखा कि औरतें मजार पर नहीं जा सकतीं.
कौन थे हाजी अली
हाजी अली की दरगाह बनी सन 1431 में. सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की याद में. बहुत बड़े बिजनेस मैन थे अली. हज पर जाने को हुए तो अपनी सब संपत्ति दान कर दी. वहां से लौटते हुए पूरी दुनिया की यात्रा पर निकल लिए. लास्ट में मुंबई आकर सेटल हो गए.
यहां जो उनके साथ हुआ उस पर बहुत किस्से कहानिया किवदंतियां तैरती हैं लोगों की जबान पर. कहते हैं एक दिन उन्होंने एक औरत को देखा. हाथ में खाली कटोरा लिए खड़ी रो रही थी. पूछा क्या मसला है? क्यों रो रही हो
औरत ने कहा मैं इस कटोरे में तेल लेकर घर जा रही थी. पता नहीं कैसे धक्का लगा और कटोरा हाथ से छूट गया. सारा तेल जमीन पर पसर गया. अब ऐसे खाली कटोरा लेकर जाऊंगी तो शौहर पीट पीट बुरा हाल कर देगा. रोऊं न तो क्या करूं.
अली ने कहा वो जगह दिखाओ जहां तेल बिखरा था. वहां अपनी उंगली रखी और सारा तेल निकल कर बाहर आ गया. औरत खुशी से नाच उठी. कटोरा भरा और घर की राह ली. लेकिन अली ने रात में एक सपना देखा. कि उनकी हरकत से जमीन डिस्टर्ब हो गई है. कुदरत को धक्का लगा है. फिर अली बीमार पड़ गए.
अपने चेले चपाटों को बुलाया और आदेश किया. मेरे लिए ताबूत तैयार करो और मेरी बॉडी को उसमें भर कर अरब सागर में तैरा दो. मक्का की तरफ तैरा दिया गए उनकी बॉडी भरे ताबूत को. कमाल देखो कि ताबूत वापस लौट आया मुंबई और समुद्र के किनारे पर अटक रहा. जहां वह अटका था वहीं आज हाजी अली की मशहूर दरगाह है. जहां दुनिया भर से हर धर्म के लोग जियारत करने आते हैं.
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