दृष्टिहीन बच्चों के रेपिस्ट के पास विचलित करने वाली तस्वीरें बरामद हुई हैं
जब इस घृणित आदमी के हाथ इन बच्चों के अंगों पर फिरे होंगे, उन्हें कैसा लगा होगा?

नेशनल असोसिएशन फॉर ब्लाइंड, साउथ दिल्ली में है. साउथ दिल्ली, दिल्ली शहर का सबसे अमीर इलाका है. कुछ गांवों को छोड़कर, हर जगह सुलझी हुई चौड़ी सड़कें. हाई प्रोफाइल लोग. और इन्हीं के बीच में रहता था मरे डेनिस वॉर्ड. दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में.
वॉर्ड इंग्लैंड के ग्लोस्टरशायर का था. पत्नी और बेटी अब भी वहीं रहते हैं. खुद नोकिया सीमेंस और स्टरटाइल जैसी बड़ी कंपनियों में काम कर चुका है. कुछ साल पहले वॉर्ड को लकवा मार गया, जिसकी वजह से इसे नौकरी से रिटायरमेंट लेना पड़ा.

मरे वॉर्ड (सोर्स: मेल टुडे)
रिटायरमेंट लेकर ये नेशनल असोसिएशन ऑफ़ ब्लाइंड से जुड़ गया. कोई भी ये सब जानकार वॉर्ड के लिए मन में इज्जत से भर उठेगा. एक अधेड़ पुरुष, जिसको पैरालिसिस है, अब नौकरी नहीं कर पाता. लेकिन उसका दिल कितना बड़ा है कि नियमित रूप से दृष्टिहीन बच्चों के लिए पैसे डोनेट करता. उनसे मिलने जाता, उन्हें अंग्रेजी पढ़ाता.
बीते शनिवार वॉर्ड NAB पहुंचा. वहां कुछ बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने के बहाने पार्क में ले गया. ये बच्चे 8-10 साल की उम्र के थे. वहां बहाने से इनके प्राइवेट पार्ट्स छूने लगा. गार्ड ने जैसे ही ये देखा, उसे लगा कोई उसका यकीन नहीं करेगा, इसलिए वीडियो बना लिया. फिर असोसिएशन के बड़े लोगों को पूरी बात बताई.

तुरंत हाई लेवल कि मीटिंग बुलाकर वॉर्ड की वॉलंटियर के रूप में सेवाएं ख़त्म कर दी गईं. सोर्स: NAB
ऐसा काम वॉर्ड ने पहली बार नहीं किया था. उसे NBA में अलग-अलग पदों पर बैठे लोगों ने पहले भी देखा था. मगर उन्होंने कई बार ऐसे वाकयों को देखकर भी जाने दिया. क्योंकि हम किसी भी व्यक्ति को देखकर, खासकर जब हम उसे एक अच्छा और दयालु इंसान समझते हों, उस पर शक नहीं करते. दूर से देख रहे लोगों ने कभी न सोचा था कि ये हरासमेंट होगा या वॉर्ड उन्हें बुरी नीयत से छू रहा है.
मगर कागज़ी तौर पर NBA यही कह रहा है कि उन्होंने वॉर्ड को ऐसा पहली बार करते हुए देखा और देखते ही एक्शन ले लिया.
वहां काम करने वाले लोग कहते हैं कि वॉर्ड बहुत ही मीठी जुबान वाला, प्यारा आदमी था. बच्चों से प्रेम करता था. अक्सर उनसे मिलने आता, उनके लिए तोहफे लाता. ऐसा कोई भारतीय त्यौहार नहीं था, जिसे वो बच्चों के साथ मनाने नहीं आता हो. उनके लिए टॉफ़ी, चॉकलेट, खिलौने लाता.

सांकेतिक तस्वीर (सोर्स: साइटसेवर)
बाद में मालूम पड़ा कि असल में ये सब बच्चों को ललचाकर, झांसा देकर अपने करीब लाने के लिए भर था. असल मंशा तो उनके नन्हे शरीर के साथ बेआवाज, शांत हिंसा करने की थी.
जब उसकी चीजों की तलाशी ली गई, उसके फ़ोन और मैकबुक से तमाम बच्चों का पॉर्न निकला. इसमें बच्चों की अश्लील तस्वीरें थीं. ऐसी कि दिल दहल जाए. कुछ तस्वीरों में बच्चों को हस्तमैथुन की अवस्था में देखा गया. ये तस्वीरें चैटिंग करने वाली ऐप्स पर पाई गईं.
पुलिस ने मेल टुडे को बताया कि ऐसा भी हो सकता है वॉर्ड किसी अंतर्राष्ट्रीय बड़े सेक्स रैकेट का हिस्सा हो. मगर अभी तक इसके कोई सबूत नहीं हैं.

सांकेतिक तस्वीर (सोर्स: साइटसेवर)
ये तो कुछ सालों के दौरान कुछ बच्चों के साथ हुए वाकये हैं, जिन्हें संयोगवश देख लिया गया. जाने कितने ऐसे वाकये होंगे, बीते कितने ही सालों में, जिनके बारे में किसी को पता नहीं चला.
लोग तो अनजान लोगों के बच्चों को देखकर भी उनके गाल खींच लेते हैं, कभी हल्के से चूम लेते हैं. कोई हमारे बच्चों को प्यार भरी निगाहों से देखता है, तो हम भी उन्हें देखकर मुस्कुरा देते हैं. नन्हे बच्चों की वजह से जाने कितने अजनबियों के बीच ट्रेन और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में दोस्ती हो जाती है. फिर जान-पहचान के लोग तो करीबी होते हैं. उन पर हम सहज ही भरोसा कर लेते हैं.
जब कोई विदेशी हमारे देश आता है, हम उसे खतरनाक नहीं समझते, क्योंकि ये उसका देश नहीं. यहां उसके लोग नहीं. यहां उसे कमजोर महसूस होता होगा, ऐसा हम मानते हैं. इसलिए मरे वॉर्ड को देखकर शायद पहली बार में किसी को यकीन नहीं हुआ.

वॉर्ड को पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्शुअल ओफेंसेज) एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. सोर्स: रॉयटर्स
साल 2013 में फ्रेंच टूरिस्ट मैथ्यू को भुवनेश्वर के पास कुछ बच्चों का यौन उत्पीड़न करने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
वॉर्ड को पॉक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ़ चिल्ड्रेन अगेंस्ट सेक्शुअल ओफेंसेज) एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. कहते हैं जिन्हें दिखाई नहीं देता, उनकी महसूस करने की क्षमता बढ़ जाती है. मालूम नहीं जब इस घृणित आदमी के कठोर हाथ इन बच्चों के कोमल अंगों पर फिरे होंगे, उन्हें कैसा लगा होगा. बस इन बच्चों को न्याय मिल जाए, इससे ज्यादा कोई उम्मीद नहीं कर सकते.
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