विकलांग बुजुर्ग से 1 करोड़ रुपए की ठगी, महिला ने जाल में ऐसे फंसाया कि 'भरोसा' शब्द से नफरत हो जाए
ये मामला Mumbai शहर का है. महिला ने धीरे-धीरे विकलांग बुजुर्ग को अपने भरोसे में लिया और फिर 96 लाख रुपए अकाउंट से निकलवा लिए. बुजुर्ग ने पुलिस को सुनाई पूरी कहानी.

मुंबई (Mumbai) के एक विकलांग बुजुर्ग से कथित तौर पर 96 लाख की ठगी हुई है. ठगी का आरोप लगा है एक महिला पर. सेंट्रल मुंबई के कालाचौकी पुलिस स्टेशन में इसका मामला दर्ज हुआ है. आरोप है कि महिला ने कथित तौर पर शेयर बाजार में इन्वेस्ट कराने के बहाने 96 लाख रुपये की ठगी की है. महिला ने ख़ुद को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का कर्मचारी बताया था. साथ ही, उसने अपनी बैंक पासबुक की एंट्रीज के डुप्लिकेट डॉक्यूमेंट और शेयर प्रमाणपत्र दिखाकर बुजुर्ग को भरोसे में लिया था.
पुलिस ने बताया कि 67 साल के विकलांग बुजुर्ग अपने बेटे के साथ मुंबई लालबाग में रहते थे. पत्नी का करीब 10 साल पहले निधन हो गया था. चूंकि बेटा भी विकलांग है, इसीलिए उसे शेल्टर होम में भेज दिया गया है. जबकि बुजुर्ग भी विकलांगता के कारण एक आश्रम में रहते हैं. बुजुर्ग व्यक्ति एक सरकारी अफ़सर थे और उन्हें हर महीने 30,000 रुपये पेंशन मिलती है.
महिला ने कैसे बुजुर्ग को भरोसे में लिया?इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, एक पुलिस अफ़सर ने बताया कि धोखा देने वाली महिला उनकी दूर की रिश्तेदार है. 2016 में महिला से उनकी मुलाक़ात एक पार्टी में हुई थी. उस समय महिला ने उन्हें बताया था कि वो RBI में काम करती है. महिला ने उन्हें RBI के शेयरों में इन्वेस्ट करने की बात की और दावा किया कि इस निवेश से हर तिमाही 2 लाख रुपये ब्याज मिलेगा. 2017 में महिला अपनी शादी के लिए न्योता देने के लिए उनसे फिर मिली. उस समय भी उसने बुजुर्ग से निवेश करने के लिए कहा.
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पुलिस ने बताया कि बाद में बुजुर्ग व्यक्ति ने महिला पर भरोसा कर लिया और RTGS के माध्यम से इन्वेस्ट करने के लिए उसके खाते में 22 लाख डाल दिए. उन्होंने आंख मूंदकर भरोसा करते हुए महिला को अपने निवेश के बारे में पूरी जानकारी भी दे दी. इसके बाद महिला उनसे मिलने आश्रम जाती थी और उन्हें बैंक ले जाकर पैसे अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लेती थी.
महिला उनसे कहती थी कि वो ये पैसे RBI में भी इन्वेस्ट कर रही है. आरोपी महिला, बुजुर्ग का भरोसा जीतने के लिए उन्हें फर्जी पासबुक एंट्रीज भी दिखाती थी. फिर बुजुर्ग को इस कथित फर्जीवाड़े के बारे में तब पता चला, जब उन्होंने ब्याज के बारे में बैंक अधिकारियों से पूछताछ की. तब उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है.