मराठा आरक्षण मांग रहे लोगों ने NCP विधायक का घर जला डाला, वो अंदर मौजूद थे
महाराष्ट्र के बीड़ जिले में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने NCP विधायक प्रकाश सोलंके के घर को आग लगा दी. इस दौरान प्रकाश सोलंके और उनका परिवार घर के अंदर ही था. हालांकि, कोई भी इस दुर्घटना में घायल नहीं हुआ है.

महाराष्ट्र के बीड़ जिले में कथित तौर पर मराठा आरक्षण की मांग कर रहे लोगों ने NCP विधायक प्रकाश सोलंके के घर को आग लगा दी (Maratha Reservation NCP MLA house set on fire). प्रकाश सोलंके महाराष्ट्र के डेप्युटी सीएम अजित पवार के खेमे के विधायक बताए जाते हैं. खबर के मुताबिक मराठा समुदाय के लोग सोलंके के घर के बाहर आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन प्रदर्शन उग्र हो गया. मराठा आरक्षण समर्थकों ने प्रकाश सोलंके के घर पर पहले पथराव किया, कुछ देर बाद पता चला कि प्रदर्शनकारियों ने उनके घर को आग के हवाले कर दिया है.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, आगजनी के वक्त सोलंके घर में मौजूद थे. उन्होंने बताया,
"जब ये हमला हुआ तब मैं अपने घर के अंदर ही था. सौभाग्य से मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी घायल नहीं हुआ है. हम सब सुरक्षित हैं. लेकिन आग के कारण संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है."
ये भी पढ़ें- मराठा आरक्षण: शिंदे-फडणवीस से इस्तीफा क्यों मांगा जा रहा है?
इस घटना को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये आंदोलन गलत दिशा में जा रहा है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा,
'महाराष्ट्र सरकार की विफलता'"मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल को इस बात पर ध्यान देना चाहिए. ये विरोध किस तरफ जा रहा है. ये गलत दिशा में जा रहा है."
वहीं, शरद पवार के खेमे से NCP की सांसद सुप्रिया सुले ने इसे महाराष्ट्र सरकार की असफलता बताया. उन्होंने कहा,
"ये महाराष्ट्र के गृह मंत्री और सरकार की पूरी विफलता है. ये महाराष्ट्र में ट्रिपल इंजन सरकार की विफलता है. आज एक विधायक के घर में आग लगा दी गई. गृह मंत्रालय और गृह मंत्री क्या कर रहे हैं? ये उनकी जिम्मेदारी है. BJP, मराठा, धनगर, लिंगायत और मुस्लिम समुदाय को धोखा दे रही है."
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई. पार्टी के नेता अनिल देसाई ने कहा,
"ये घटनाएं हो रही हैं. समाज में अशांति है. सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से निर्धारित किए गए मानदंडों का पालन करते हुए और संविधान के अनुसार आरक्षण का ऐसा मसौदा तैयार किया जाना चाहिए जिसे चुनौती न दी जा सके."
ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को असंवैधानिक ठहरा दिया
मराठा मोर्चा के समन्वयक के रूप में काम करने वाले मनोज जरांगे पाटिल मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आमरण भूख हड़ताल पर हैं. वे लगातार महाराष्ट्र सरकार से बातचीत कर रहे हैं. लेकिन अभी तक इस पर कोई ठोस फैसला नहीं आया है.
इस मसले पर सोमवार, 30 अक्टूबर को मुंबई में कैबिनेट उपसमिति की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की. उनके साथ बैठक में BJP के मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल, राधाकृष्ण विखे पाटिल, शंभुराज देसाई, शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के दादा भुसे, NCP अजित पवार गुट के नेता दिलीप वालसे पाटिल शामिल हुए.
ये भी पढ़ें- देवेंद्र फडनवीस मराठा आरक्षण क्यों नहीं दे पा रहे हैं?
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को असंवैधानिक करार देते हुए क्या कहा?