सात साल पहले मंदिर से चोरी हुए थे जूते, अब थाने से आया फोन- "आकर ले जाओ"
मामला राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के सांवरिया सेठ मंदिर का है. 2017 में यहां एक श्रद्धालु के जूते चोरी हुए थे.

करीब 400 किलोमीटर का सफर तय करके एक श्रद्धालु भगवान कृष्ण दर्शन करने गया. बाहर निकले तो देखा कि किसी ने जूते ही गायब कर लिए. थाने में जूते चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. सात साल बाद शख्स के पास पुलिस का फोन आया. थाने में आकर जूतों की पहचान करने को कहा. उम्मीद करते हैं कि शख्स के पास या तो चोरी हुए जूतों की फोटो या तेज याददाश्त हो.
मामला राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का है. वहां एक फेमस मंदिर है. सांवरिया सेठ मंदिर. लोग दूर-दूर से दर्शन करने जाते हैं. मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रहने वाले महेंद्र कुमार दुबे ने भी कृष्ण जी के दर्शन करने का प्लान बनाया. 14 जनवरी 2017 को मंदिर पहुंचे. वहां उनके जूते चोरी हो गए. महेंद्र ने इस चोरी की लिखित शिकायत मनसफिया थाने में दर्ज कराई. अब तुरंत तो जूते मिलते नहीं. महेंद्र घर लौट आए.
महेंद्र कुमार दुबे मत्स्य विभाग में सहायक संचालक पद से रिटायर हो चुके हैं. इंडिया टुडे से जुड़े प्रमोद भर्गव की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिन पहले महेंद्र दुबे के पास थाने से कॉन्सटेबल खूबचंद का फोन आया. उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर से दर्शनार्थियों के चोरी हुए कुछ जोड़ी जूते बरामद हुए हैं. कहा कि इनमें से अपने जूतों की पहचान कर लो.
अब महेंद्र दुबे कशमकश में हैं कि जूते लेने इतनी दूर जाया जाए या नहीं. उनका कहना है कि जूते की जितनी कीमत है, उससे कहीं ज्यादा पैसे आने-जाने में ही खर्च हो जाएंगे. बरामद हुए जूतों में उनके वाले हैं भी या नहीं, इसकी भी क्या गारंटी है. महेंद्र ने पुलिसकर्मी से जूतों की फोटो भेजने के लिए भी कहा लेकिन उनसे कहा गया कि थाने आकर ही पहचान करनी होगी. बयान दर्ज करने के बाद ही जूते दिए जाएंगे.
आखिर कैसे मिले जूते?दरअसल अगस्त 2023 में एक जज के बेटे ने भी इसी मंदिर से जूते चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी. महेंद्र कुमार ने अखबार में ये खबर देखी तो पुराने आवेदन के साथ थाने में साल पहले दर्ज कराई अपनी शिकायत के बारे में पता किया. तभी उन्हें थाने से जूतों की पहचान के लिए फोन आया.
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