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मालेगांव ब्लास्ट: CM फडणवीस का आरोप, 'कांग्रेस ने हिंदू आतंकवाद का नकली नैरेटिव खड़ा किया'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को न केवल उन निर्दोष लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए जिन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया, बल्कि पूरे हिंदू समाज से सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगनी चाहिए.

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Malegaon Blast
देवेंद्र फडणवीस ने तत्कालीन UPI सरकार पर निशाना साधा है. (India Today)
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सौरभ
31 जुलाई 2025 (Updated: 31 जुलाई 2025, 05:40 PM IST) कॉमेंट्स
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मालेगांव ब्लास्ट मामले में NIA अदालत ने साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इस फैसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान आया है. उन्होंने तत्कालीन केंद्र सरकार पर 'हिंदू आतंकवाद' गढ़ने का आरोप लगाया है. फडणवीस ने कहा,

आज का निर्णय एक बार फिर उस झूठे नैरेटिव को उजागर करता है, जिसे कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने जानबूझकर गढ़ा था. उन्होंने 'हिंदू आतंकवाद' और 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्द गढ़कर पूरे हिंदू समाज को बदनाम करने का प्रयास किया. कोर्ट ने आज सबूतों के आधार पर स्पष्ट कर दिया है कि यह आरोप निराधार और राजनीति से प्रेरित थे.

फडणवीस ने कांग्रेस से माफी की मांग की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को न केवल उन निर्दोष लोगों से माफ़ी मांगनी चाहिए जिन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया, बल्कि पूरे हिंदू समाज से सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगनी चाहिए. 

मुख्यमंत्री ने इस बीच पुलिस की भूमिका पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने उस समय की सरकार पर पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप लगाया. फडणवीस ने कहा,

हम पुलिस को दोष नहीं दे रहे हैं क्योंकि उन पर उस समय की यूपीए सरकार का भारी दबाव था. 9/11 के आतंकी हमलों के बाद जब पूरी दुनिया इस्लामी आतंकवाद के ख़तरे से जूझ रही थी, तब यूपीए सरकार ने उस वास्तविकता से ध्यान हटाने के लिए 'हिंदू आतंकवाद' का एक नकली नैरेटिव खड़ा किया.

फडणवीस ने कहा कि न्यायालय के डिटेल्ड आदेश को देखा जाएगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा.  

कोर्ट का फैसला

मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद एनआईए की स्पेशल अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी 7 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों पर अपराध साबित करने में कामयाब नहीं रहा. यह भी साबित नहीं हो पाया कि जिस मोटरसाइकिल पर बम रखने की बात कही जा रही थी वह प्रज्ञा ठाकुर की थी. इतना ही नहीं, सबूतों से ये भी सिद्ध नहीं हो पाया कि जिस गाड़ी पर ही बम रखा गया था उसके चेचिस नंबर से छेड़छाड़ की गई थी. कोर्ट ने ये निष्कर्ष निकाला है कि बम गाड़ी से बाहर भी कहीं रखा गया हो सकता है.

वीडियो: मालेगांव ब्लास्ट के में बरी होने पर क्या बोलीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर?

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