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'हमें धमकाने का लाइसेंस किसी के पास नहीं', मालदीव के राष्ट्रपति ने ऐसा कह क्या इशारा किया?

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू पांच दिन की चीन यात्रा पर गए थे. वहां से लौटने के बाद उन्होंने ये बयान दिया है.

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maldives president said that no country has right to bully us amid row with india over lakshadweep
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु (फाइल फोटो- रॉयटर्स)
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ज्योति जोशी
14 जनवरी 2024 (Updated: 14 जनवरी 2024, 10:18 AM IST) कॉमेंट्स
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लक्षद्वीप को लेकर भारत के साथ विवाद (Lakshadweep vs Maldives) के बीच मालदीव के राष्ट्रपति का एक बयान चर्चा बटोर रहा है. शनिवार, 13 जनवरी को राष्ट्रपति मुइज्जू (President Muizzu) ने एक भाषण के दौरान कहा कि किसी भी देश के पास मालदीव को धमकाने का अधिकार नहीं है. कहीं भी भारत का नाम नहीं लिया, लेकिन ताजा विवाद के चलते माना जा रहा है कि उनका इशारा भारत की ओर ही था.

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू पांच दिन की चीन यात्रा पर गए थे. वहां से लौटने के बाद ही उन्होंने ये बयान दिया है. कहा,

भले ही इस महासागर में हमारे छोटे-छोटे द्वीप हैं, लेकिन हमारे पास 9,00,000 वर्ग किलोमीटर का एक विशाल विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र है. मालदीव इस महासागर का सबसे बड़ा हिस्सा रखने वाले देशों में से एक है. ये महासागर किसी विशिष्ट देश का नहीं, बल्कि सभी देशों का है. हम किसी के बैकयार्ड में नहीं हैं. हम एक स्वतंत्र और संप्रभु देश हैं. हमारा देश छोटा है, लेकिन इससे आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता.

मोहम्मद मुइज्जु को चीन का करीबी माना जाता है. पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ अभियान के दम पर चुनाव जीता था. उन्होंने अपने लोगों से भारतीय सैनिकों को मालदीव से हटाने का वादा किया था. पदभार संभालने के बाद भी उन्होंने विदेश नीति में बदलाव के संकेत दिए हैं. हालांकि, ग्लोबल साउथ में भारत जैसे देश और मार्केट से बैर लेना किसी के लिए नफ़े का सौदा नहीं है.

ये भी पढ़ें - भारत ने कई मौक़ों पर की है मालदीव की मदद, भूलना नहीं चाहिए!

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की अपनी यात्रा के दौरान मुइज्जू ने चीन से मालदीव में पर्यटन बढ़ाने की अपील भी की है. उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर एक पोस्ट में लिखा है,

कोविड से पहले चीन हमारा नंबर वन मार्केट था और मेरा अनुरोध है कि वापस ये स्थिति बने, इसके लिए प्रयास तेज करें.

किस बात पर हुआ विवाद?

मंगलवार, 2 जनवरी को नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया. समुद्र किनारे टहलते और समय बिताते कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालीं. प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप का प्रचार भी किया. लिखा कि घुमक्कड़ों को लक्षद्वीप जाना चाहिए. इस पर मालदीव की एक मंत्री ने कह दिया कि भारत के तट मालदीव के समुद्री तटों के सामने कुछ नहीं हैं. जबकि प्रधानमंत्री ने मालदीव का नाम ही नहीं लिया था. विवादित टिप्पणी को लेकर बवाल मच गया. हर कोई इस बयान की आलोचना करने लगा. 

फिर भारत ने मालदीव सरकार के सामने देश की युवा अधिकार, सूचना और कला उप-मंत्री मरियम शिउना की टिप्पणी पर आपत्ति दर्ज करवाई.

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मालदीव के अंदर भी इन टिप्पणियों को लेकर विरोध था. मालदीव सरकार ने भारत के खिलाफ टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों - मरियम शिउना, मालशा और हसन ज़िहान - को सस्पेंड कर दिया. और, खुद को तीनों के बयान से अलग कर लिया.

वीडियो: लक्षद्वीप-मालदीव मामले पर ‘ख़ेमेबाज़ी’ शुरू, चीन और इजरायल आमने-सामने, किसने क्या कहा?

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