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नरेंद्र मोदी की तस्वीरों पर मालदीव के मंत्री की टिप्पणी, 'युद्ध' छिड़ गया! पूरी कहानी है क्या?

क्या ऐक्टर, क्या क्रिकेटर – सब इस बयान की आलोचना कर रहे हैं. यहां तक कि मालदीव की अंदरूनी राजनीति भी हिली हुई है. मालदीव सरकार ने तीन मंत्रियों को सस्पेंड भी कर दिया है.

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modi lakshadweep vs maldives
हाल के महीनों में भारत और मालदीव के बीच तनाव आया है. (फ़ोटो - इंडिया टुडे/X)
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सोम शेखर
7 जनवरी 2024 (Updated: 8 जनवरी 2024, 09:06 AM IST) कॉमेंट्स
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मंगलवार, 2 जनवरी को नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लक्षद्वीप का दौरा किया. समुद्र किनारे टहलते और समय बिताते कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालीं. प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप (Lakshadweep) का प्रचार भी किया. लिखा कि घुमक्कड़ों को लक्षद्वीप जाना चाहिए. इस पर मालदीव (Maldives) की एक मंत्री ने अपना ही तुर्रा जोड़ दिया, कि भारत के तट मालदीव के समुद्री तटों के सामने कुछ नहीं हैं. अब इस एक टिप्पणी से बवाल कटा हुआ है. क्या ऐक्टर, क्या क्रिकेटर – सब इस बयान की आलोचना कर रहे हैं. यहां तक कि मालदीव की अंदरूनी राजनीति भी हिली हुई है.

विवाद की टाइमलाइन:

- प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटकों को लक्षद्वीप आने की अपील की थी. लक्षद्वीप, 36 द्वीपों का समुच्चय है. कुल क्षेत्रफल है, 32 वर्ग किलोमीटर. अरब सागर में स्थित है. केरल के तट से लगभग 200-440 किलोमीटर दूर. 

- अभी तक मालदीव की कोई बात ही नहीं थी. प्रधानमंत्री ने मालदीव का नाम ही नहीं लिया था. लेकिन PM मोदी की पोस्ट के तुरंत बाद मालदीव के कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स ने भारत और ख़ासकर प्रधानमंत्री मोदी पर धावा बोल दिया. इन लोगों में मालदीव की युवा अधिकार, सूचना और कला उप-मंत्री मरियम शिउना भी थीं. उन्होंने PM नरेंद्र मोदी के पोस्ट के कॉमेंट में लिख दिया था: 

“क्या जोकर है! इज़रायल के कठपुतली मिस्टर नरेंद्र गोताखोर लाइफ़-जैकेट के साथ."

जैसे ही जनता की नज़र इस कॉमेंट पर पड़ी, शिउना ने पोस्ट को डिलीट कर दिया.

ये भी पढ़ें - पीएम नरेंद्र मोदी की इन दो वायरल तस्वीरों का सच क्या है?

- मालदीव की सत्तारूढ़ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स (PPM) के ही एक और सदस्य माएज़ महमूद ने भी एक तस्वीर शेयर की और लिखा, 

“मालदीव का सूर्यास्त. ये आपको लक्षद्वीप में नहीं दिखेगा. इसीलिए मालदीव की यात्रा करें. सीसी: नरेंद्र मोदी."

इसके बाद, भारत ने मालदीव सरकार के सामने मंत्री मरियम शिउना के बयान पर आपत्ति दर्ज करवाई है. माले में भारतीय उच्चायुक्त ने ये मसला उठाया.

- वैसे तो मालदीव विदेश मंत्रालय की वेबसाइट भारत में उपलब्ध नहीं है. मुमकिन है उन्होंने फ़ायरवॉल लगा रखा हो. मगर इस पूरे मसले पर मालदीव सरकार का पक्ष आ गया है. उन्होंने अपने मंत्री की टिप्पणी से ख़ुद को अलग कर लिया है. कहा, 

“ये उनकी व्यक्तिगत राय है और मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती.” 

बयान में ये भी कहा गया है कि आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगी.

मालदीव के पूर्व-राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने शिउना की ‘अपमानजनक’ टिप्पणी की निंदा की है. कहा कि एक प्रमुख सहयोगी के नेता के लिए इस तरह की भाषा भयावह है. मुइज्ज़ु सरकार को इस तरह के बयानों से दूर रहना चाहिए और भारत को स्पष्ट आश्वासन देना चाहिए.

- इंडिया टुडे से जुड़ीं गीता मोहन की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव सरकार ने भारत के खिलाफ टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों - मरियम शिउना, मालशा और हसन ज़िहान - को सस्पेंड कर दिया है.

- सरकार की तरफ़ से तो सफ़ाई आ गई और कार्रवाई भी हो गई. मगर चिड़िया तो खेत चुगे जा रही है. सलमान ख़ान, अक्षय कुमार, कंगना रनौत, श्रद्धा कपूर से लेकर सचिन तेंदुलकर तक, अलग-अलग क्षेत्रों की मशहूर हस्तियां सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की वकालत कर रही हैं. वैसे, मालदीव घूमने के ट्रेंड को हवा इन्हीं में से कुछ हस्तियों ने दी थी. तब #wanderlust चल रहा था, अब #ExploreIndianIslands चल रहा है.

- हस्तियों का जो हिसाब-किताब हो, जनता ने दिल पर ले लिया है. #BoycottMaldives सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में छपा है कि भारतीयों ने मालदीव के लिए 8,000 से ज़्यादा होटल बुकिंग्स और 2,500 फ़्लाइट टिकट कैंसल कर दिए हैं. 

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- हाल के महीनों में - नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के पदभार संभालने के बाद से - भारत और मालदीव के बीच तनाव आया है. मोहम्मद मुइज़्ज़ू को चीन का क़रीबी माना जाता है और उन्होंने विदेश नीति में बदलाव के संकेत भी दिए हैं. वो आज, 7 जनवरी को चीन के दौरे पर भी गए हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि ख़ुद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें आमंत्रित किया है. 

- दिसंबर, 2023 में COP-28 जलवायु वार्ता के मौक़े पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू मिले थे. तब दोनों राष्ट्राध्यक्ष सहमत हुए थे, कि संबंधों को गहरा करने के लिए एक कोर ग्रुप बनाया जाए. 

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