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इन 20 फिल्मों और वेब सीरीज़ को किसी फ्री साइट पर ग़लती से भी न देखिएगा, आफत आ जाएगी

साइबर डिपार्टमेंट वालों ने गंभीर चेतावनी दी है. फिल्मों और वेब सीरीज़ की पूरी लिस्ट खबर में पढ़िए.

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'मर्दानी-2', 'पंचायत' और 'बाहुबली' का पोस्टर. ये तीनों भी उन बीस फिल्मों और सीरीज़ में शामिल हैं, जिनके लिए चेतावनी दी गई है.
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लालिमा
1 जुलाई 2020 (Updated: 1 जुलाई 2020, 07:53 AM IST) कॉमेंट्स
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चीन और भारत के बीच तनाव बना हुआ है. इसी के चलते साइबर अटैक का खतरा भी बनता दिख रहा है. यानी मोबाइल या कम्प्यूटर में आपका जो डेटा है, उसके लीक होने की संभावना बनते दिख रही है. साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि भारत को किसी गंभीर साइबर अटैक का सामना करना पड़ सकता है. इससे बचने के लिए महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट ने दस फिल्मों और दस वेब सीरीज़ की लिस्ट निकाली है. नहीं-नहीं, ये फिल्में और सीरीज़ आपको अटैक से बचाएंगी नहीं, बल्कि इन्हें फ्री वेबसाइट्स में देखने से आप अटैक का शिकार हो सकते हैं. 'इंडिया टुडे' के सौरभ वक्तानिया ने बताया कि ये लिस्ट एक चेतावनी के तौर पर निकाली गई है.

कौन-सी दस फिल्में हैं?

मर्दानी-2 ज़ूटोपिआ जवानी दिवानी छपाक लव आज-कल इन्सेप्शन बाहुबली रजनीगंधा गली बॉय बाला

कौन-सी दस वेब सीरीज़ हैं?

दिल्ली क्राइम ब्रूकलिन नाइन-नाइन पंचायत अकूरी फौदा घोउल माइंडहंटर नार्कोस देवलोक लॉस्ट

क्या कहना है साइबर डिपार्टमेंट का?

ये कि इन फिल्मों और सीरीज़ को फ्री वेबसाइट्स पर कतई न देखें. फ्री वेबसाइट्स, यानी जिन तक पहुंचने के लिए, या जिन पर मौजूद सामान का इस्तेमाल करने के लिए आपको पैसे न चुकाने पड़ें. साइबर डिपार्टमेंट का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति फ्री वेबसाइट्स पर क्लिक करता है, तो उसी वक्त एक मालवेयर डाउनलोड हो जाता है. इस बात का उस व्यक्ति को पता भी नहीं चलता. और मालवेयर के ज़रिए कम्प्यूटर या मोबाइल की सारी जानकारी हैक कर ली जाती है. हैकर फिर उस जानकारी को या तो बेच सकता है, या फिर उस व्यक्ति को ब्लैकमेल करके पैसा वसूल कर सकता है.

दरअसल, कोरोना की वजह से अभी बहुत से लोग घर से ही काम कर रहे हैं या घर पर ही हैं. ऐसे में वक्त मिलते ही फिल्म या सीरीज़ देखने लग जाते हैं. इसलिए महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट का कहना है कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ने का फायदा उठाने के लिए साइबर क्रिमिनल तैयार बैठे हैं.

अंकुर पुराणिक, साइबर एक्सपर्ट हैं. वो कहते हैं,

'साइबर क्रिमिनल लोगों के मोबाइल और डेटा तक पहुंचने के नए-नए तरीके बनाते रहते हैं. वो हमेशा कोशिश करते हैं कि मालवेयर सॉफ्टवेयर आपके मोबाइल तक चला जाए. वो आपका पासवर्ड और OTP जानना चाहते हैं. वो अलग-अलग ऑफर्स के मैसेज आपको भेजते हैं. जैसे कोई लिंक भेज दी कि इसे क्लिक करो तो नेटफ्लिक्स का फ्री सब्सक्रिप्शन मिल जाएगा, या फ्री डेटा मिलेगा, या पेटीएम वैरिफिकेशन का लिंक. आप जैसे ही इन लिंक्स पर क्लिक करते हैं आपके फोन या कम्प्यूटर में वायरस इन्स्टॉल हो जाता है. आपका सारा डेटा साइबर क्रिमिनल्स तक पहुंच जाता है. इसलिए हमेशा पहले से तैयार रहें.'

कैसे बचा जा सकता है इन अटैक से?

अंकुर पुराणिक ने बताया कि अगर अलग-अलग मोबाइल फोन्स हों, तो उनका इस्तेमाल किया करें. आगे कहा,

'सबसे ज़रूरी ये कि हर वक्त सारे ऐप्स खोलकर न रखें. अगर एक ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो दूसरे को बंद रखें. पेटीएम में पेमेंट की लिमिट रखें. मोबाइल या कम्प्यूटर पर एंटी वायरस या एंटी मालवेयर सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल करके रखें.'

अब तक कितनी शिकायत?

अकेले महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट में ही लॉकडाउन के दौरान 512 साइबर क्राइम के केस दर्ज किए गए. 273 लोगों की गिरफ्तारी हो गई है. इन मामलों में 196 केस तो अपमानजनक वॉट्सऐप मैसेज फॉरवर्ड के ही हैं. 213 मामले अपमानजनक फेसबुक पोस्ट शेयर करने के, 28 मामले टिकटॉक और ट्विटर वीडियो शेयरिंग के हैं. 11 मामले अपमानजनक ट्वीट्स के हैं, 4 मामले इंस्टाग्राम पर अपमानजनक पोस्ट करने के हैं. करीब 108 आपत्तिजनक पोस्ट्स को हटाया गया है.


वीडियो देखें: जो पॉपुलर चाइनीज़ ऐप बैन हुए हैं, अब उनकी जगह ये इस्तेमाल कर रहे हैं लोग

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