मध्य प्रदेश: सुपारी देकर RTI एक्टिविस्ट की करवाई हत्या, शूटर को 25 हजार एडवांस दिए
ठेकेदारों ने रची पूरी साजिश, फिर थाने से चंद कदम की दूरी पर मार डाला

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा (Vidisha) में गुरुवार, 2 जून को दिनदहाड़े एक आरटीआई एक्टिविस्ट (RTI Activist) की हत्या कर दी गई. यह हत्या विदिशा के सिविल लाइन थाने से चंद कदम की दूरी पर की गई. पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही हत्या के सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया.
आजतक से जुड़े विवेक ठाकुर के मुताबिक आरटीआई एक्टिविस्ट रंजीत सोनी विदिशा के मुखर्जी नगर इलाके के रहने वाले थे. वे गुरुवार, 3 जून को विदिशा के PWD ऑफिस में किसी काम से गए थे. बताते हैं कि रंजीत के ऑफिस से बाहर निकलते ही घात लगाए बैठे एक हमलावर ने उनके सिर में गोली मार दी. इससे रंजीत की मौके पर ही मौत हो गई.
कुछ घंटों में ही विदिशा पुलिस ने हत्यारोपी को धर दबोचाविदिशा के सबसे व्यस्त इलाके में दिनदहाड़े हुई RTI एक्टिविस्ट की हत्या के चलते पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की. मौके पर मौजूद लोगों से पूछताछ हुई और CCTV फुटेज खंगाले गए. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक हमलावर की पहचान होने के कुछ ही देर बाद पुलिस ने उसे धर दबोचा.
विदिशा पुलिस के मुताबिक हत्यारोपी अंकित यादव विदिशा से 30 किमी दूर रायसेन जिले का रहने वाला है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसे रंजीत सोनी की हत्या की सुपारी ठेकेदार जसवंत रघुवंशी ने दी थी. विदिशा पुलिस ने जब जसवंत रघुवंशी से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसने बताया कि इस साजिश में उसके साथ दो और ठेकेदार शामिल हैं, जिनके नाम ऐश कुमार चौबे और नरेश शर्मा हैं.
शुक्रवार, 3 जून को विदिशा के एडिशनल एसपी समीर यादव ने जानकारी देते हुए बताया,
2 लाख रुपए में दी थी सुपारीमृतक रंजीत सोनी पहले ठेकेदारी करते थे. इस दौरान उनका ठेकेदार ऐश कुमार चौबे, जसवंत रघुवंशी और नरेश शर्मा के साथ विवाद हुआ था. दोनों पक्षों ने लेनदेन को लेकर एक-दूसरे के खिलाफ मुकदमे भी लिखाए थे. तीनों आरोपी ठेकेदारों से जब पूछताछ हुई तो उन्होंने बताया कि रंजीत सोनी को खत्म करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वे कुछ ठेकों को लेकर उनके आगे परेशानी खड़ी कर रहे थे.
विदिशा की पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला ने मीडिया को ये भी बताया कि रंजीत सोनी की हत्या के लिए 2 लाख रुपए की सुपारी दी गई थी. इसके लिए तीनों आरोपी ठेकेदारों ने शूटर अंकित यादव को एडवांस में 25 हजार रुपए भी दे दिए थे. मोनिका शुक्ल के मुताबिक आरोपी ठेकेदारों ने ही शूटर को हथियार भी दिलवाया था.
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