'थप्पड़ खाएगा तब छोड़ेगा गाड़ी', ट्रैफिक पुलिस ने कार उठाई, जज का बेटा हड़काने पहुंचा, Video वायरल
लखनऊ में जज के बेटे ने खूब दबंगई झाड़ी... लेकिन फिर उसे गाड़ी मिली कैसे? ये वाहियात हरकत आखिर कितनी काम आई?

सोशल मीडिया पर एक शख्स का वीडियो सामने आया. ये शख्स भड़का हुआ है. धमकी दे रहा कि ऐसी-तैसी कर दूंगा, जेल भेजवा दूंगा. यानी खूब भला-बुरा बोल रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि शख्स इतना हंगामा इसलिए कर रहा है क्योंकि उसकी गाड़ी उठा ली गई थी, जो कि नो पार्किंग जोन में खड़ी थी. बताया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा शख्स एक जज का बेटा है. घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की है (UP Judge son creates ruckus in Lucknow Hazratganj).
जज के बेटे की गाड़ी खड़ी कहां थी?आजतक के सत्यम मिश्रा की एक रिपोर्ट के मुताबिक मामला 19 अगस्त का है. एक न्यायिक अधिकारी के बेटे की कार लखनऊ के हजरतगंज में नो पार्किंग जोन में खड़ी थी. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने पहले लाउडस्पीकर से गाड़ी का नंबर बताते हुए कई बार अनाउंस किया कि जिसकी भी गाड़ी हो, वो आकर हटा ले. ये भी कहा गया कि अगर गाड़ी नहीं हटेगी, तो गाड़ी को टो कर लिया जाएगा. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने लगभग 2 मिनट तक अनाउंसमेंट की, लेकिन जब कोई नहीं आया, तो गाड़ी को टो कर लिया गया.

इसके बाद गाड़ी का मालिक यार्ड में पहुंचा और हंगामा करने लगा. रौब दिखाते हुए वहां मौजूद कर्मियों को कहने लगा, 'गाड़ी पर पढ़, क्या लिखा हुआ है, देख इसको.' रिपोर्ट के मुताबिक जज का लड़का ये दिखाना चाहता था कि उसकी गाड़ी पर जिला जज लिखा हुआ है.
सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आया है, उसमें जज का बेटा बताया जा रहा शख्स यार्ड पर मौजूद कर्मियों को धमकाते हुए नज़र आ रहा है. कह रहा है कि अगर उसकी गाड़ी नहीं खोली गई, तो वह थप्पड़ मारेगा और जेल में चक्की पिसवाएगा.
‘जिसने भी गाड़ी उठाई, उठाई कैसे?’जज का बेटा- ऐसी-तैसी कर दूंगा...खोलो इसको अभी के अभी...खोल रहे हो कि नहीं?
किसी की आवाज़ आती है- ये नगर-निगम का काम है.
जज का बेटा- खोलो इसको...
वहां मौजूद एक कर्मी कहता है- गाड़ी ऐसे नहीं खुलती.
जज का बेटा- अभी खुलवाओगे कि चार झापड़ खाओगे, तब जाओगे...खोलवा रहे हो कि नहीं?
कर्मी ने कहा- मुझ पर क्यों चिल्ला रहे हैं आप?
जज का बेटा- थप्पड़ खाएगा या जेल में जाकर चक्की पीसेगा.
कर्मी ने कहा- तो मुझसे क्यों कह रहे हो आप, उसके लिए बात करनी होगी अधिकारी से...अधिकारी से आप बात कर लीजिए.
जज का बेटा- मैं कौन हूं? मैं कौन हूं?
कर्मी ने कहा- आप बात कर लीजिए सर.
जज का बेटा- उठाई कैसे? जिसने भी उठाई, उठाई कैसे?
कर्मी ने कहा- मैं गाड़ी लेने नहीं जाता हूं.
जज का बेटा- दसों गाड़ी वहां खड़ी हैं, यही गाड़ी मिली है उठाने के लिए. किसी को कहीं जाना है, अरजेंट काम है, तुम्हें यही गाड़ी मिली है उठाने के लिए.
किसी की आवाज़ आती है- सर नाराज मत होइए.
जज का बेटा- कचहरी में आकर दिमाग खराब हो जा रहा है तुम लोगों का.
कर्मी कहता है- अधिकारी से बात कर लीजिए.
इस पर वीडियो में आगे धौंस जमाते दिख रहा शख्स और भड़क जाता है.
जज का बेटा- किस अधिकारी से बात करूं? मैं बात करूं?
किसी की आवाज़ आती है- चुप रहो, शांत रहो.
जज का बेटा- अभी ऐसी कि तैसी कर दूंगा. खोलवा रहे हो कि नहीं तुम?
कर्मी कहता है- अरे सर...मैं कैसे? मुझसे मत कहिए, मैं नहीं खोलवा सकता ऐसे.
जज का बेटा- तू थाने में चलकर खुलवाएगा क्या? तू थाने में चार झापड़ खाएगा, तब खुलवाएगा?
कर्मी ने कहा- मुझे ना बताइए सर, मैं गाड़ी लेकर नहीं आया हूं. मेरी यहां जिम्मेदारी है रसीद काटने की.
जज का बेटा- जिससे कहना है, उससे कह खुलवा इसको अभी इसी वक्त.
रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि जज के लड़के के साथ एक महिला भी थी. उसने पूछा कि किस अधिकारी से बात करनी है तो ट्रैफिक कर्मी ने कहा कि ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस से बात करना होगा. इस पर जज के लड़के ने कहा कि क्या अब वो उनको यहां बुला कर लाएगा. ट्रैफिक कर्मी ने कहा कि वह ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस का नंबर दे दे रहे हैं. हालांकि, बाद में 1100 रुपये फाइन जमा करने के बाद ही गाड़ी छोड़ी गई.
बताया जा रहा है कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन पद्माकर मणि त्रिपाठी के नाम से है, जो कि मेरठ की फैमिली कोर्ट में प्रिंसिपल जज हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 19 अगस्त को चलाए गए अभियान में 65 गाड़ियां उठाई गई थीं और 456 वाहनों का ई-चालान हुआ था.
वीडियो: मास्टरक्लास: ट्रैफिक कैमरा से ई चालान की पूरी मैकेनिज्म क्या है?