बालकनी पर ले रहा था बर्थडे विश, बिजली गिरी, मर गया
बीते 24 घंटों में बिजली गिरने से यूपी और बिहार में 98 लोगों की मौत हो चुकी है.
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गाजियाबाद का गोविंदपुरम इलाका. 18 साल का बॉबी अपने दोस्तों के साथ बर्थडे मना रहा था. बॉबी अपने दोस्तों के साथ बालकनी पर था. तभी बॉबी के फोन पर एक फोन आता है. फोन पिक करते हुए जोर का धमाका होता है. बॉबी और उसका दोस्त नईम गिर पड़ते हैं. किसी के कुछ समझ नहीं आता है. अस्पताल ले जाया जाता है. लेकिन तब तक बॉबी और साहिल की मौत हो जाती है. पुलिस को शक है कि दोनों की मौत बिजली गिरने से हुई. बिजली गिरने से मौत का ये अकेला मामला नहीं है.बीते 24 घंटों में 98 लोगों की मौत बिजली गिरने से हो चुकी है. मंगलवार को यूपी में 42 और बिहार में 56 से ज्यादा लोगों की जान बिजली गिरने से चली गई. बिहार के आपदा प्रबंधन मिनिस्टर चंद्रशेखर ने मुआवजे का ऐलान कर दिया है. मरने वालों के परिवार को 4 लाख रुपये दिए जाएंगे. https://twitter.com/ANI_news/status/745511328446447617 https://twitter.com/ANI_news/status/745521162122199041 किन जिलों में गिरी बिजली? पटना. सहरसा. पूर्णिया. कटिहार. समस्तीपुर. छपरा. कैमूर. आरा. औरंगाबाद. नालंदा. बक्सर. इन जगहों में बिजली गिरी और हर मौत का बड़ा आंकड़ा इन्ही जगहों का है. मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. क्यों और कैसे गिरती है बिजली? बैट्री सैल देखी है न. ऊपर की तरफ पॉजिटव + का निशान बना रहता है. नीचे की तरफ नेगेटिव- का निशान. बादलों में भी ऐसे ही होता है. बादल के ऊपरी हिस्से में पॉजिटिव चार्ज रहता है. निचले हिस्से में नेगेटिव चार्ज रहता है. जब बादल के निचले हिस्से का नेगेटिव चार्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो एनर्जी पैदा होती है. ये एनर्जी जब बादलों में जमी बूंदों में समा नहीं पाती है तो ये धरती की तरफ अपने लिए कंडक्टर तलाशती है.
एक तरह से और समझिए. जैसे हमारे दाएं-बाएं नीचे हवा चलती रहती है न, जो कभी हमारी जुल्फें उड़ाती है तो कभी छत पर सूख रहे कपड़े. ठीक वैसे ही आसमान में भी हवा चलती रहती है. अब इत्ता तो आपको मालूम ही है कि आसमान में बादल होते हैं. हवाओं के चलने से ये बादल कई बार एक दूसरे से आपस में टकरा जाते हैं. ये टकराव विरोधी होता है. यानी नॉर्थ की तरफ से आता बादल साउथ वाले बादल से टकरा जाए. इसको टकराने से घर्षण पैदा होगा. ये घर्षण इतना बड़ा होता है कि उससे बिजली पैदा होती है.ये पैदा हुई बिजली आसमान में जो बूंदे होती हैं, उनसे टकराने के बाद भी जब शांत नहीं होती हैं. तब ये हमारी पृथ्वी तलाशती की तरफ बढ़ती है. पृथ्वी में बिजली ऐसे मीडियम को तलाशती है या आकर्षित होती है, जिससे वो गुजर सके. ये बिजली अगर हमारे घरों में पहुंचाने वाले बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो ये उसके लिए कंडक्टर का काम करती है. बिजली आसमान से Zig Zag करते हुए आती है. बिजली एक सेकेंड के बहुत छोटे से हिस्से के लिए ठहरती है.