law minister kiren rijiju on rahul gandhi tukde tuke gang

'टुकड़े-टुकड़े गैंग जैसी बात करते हैं राहुल गांधी'- किस बात पर भड़क गए रिजिजू

कॉलेजियम और सेम सेक्स मैरिज पर भी बात की.
Union Minister of Law and Justice Kiren Rijiju at India Today Conclave
किरेन रिजिजू (फोटो- इंडिया टुडे)
pic
Invalid Date Invalid Date
Small
Medium
Large
Small
Medium
Large

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के UK में दिए बयान पर टिप्पणी की है (Law Minister Rijiju On Rahul Gandhi). उनका कहना है कि राहुल गांधी के शब्द एंटी इंडिया गैंग वाले लोगों से मिलते जुलते हैं. किरेन रिजिजू ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो व्यक्ति सबसे ज्यादा बोलता है, वो कह रहा है कि उसे बोलने नहीं दिया जाता.

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2023 के दौरान किरेन रिजिजू बोले-

राहुल गांधी कहते हैं कि भारत के न्यायतंत्र को हाईजैक कर लिया गया है, लोकतंत्र खत्म हो गया है, न्यायतंत्र मर गया है. इन सबका का क्या मतलब है? राहुल गांधी वही बातें बोलते हैं एंटी इंडिया गैंग और टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग बोलते हैं. आप कंपेयर कर सकते हैं. लेकिन देश की जनता मोदी सरकार के साथ है और हम इस टुकड़े टुकड़े गैंग को भारत की एकता को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे.  

समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर बात करते हुए रिजिजू ने कहा कि ये मुद्दा देश के लोगों पर छोड़ देना चाहिए. कानून मंत्री ने कहा-

मैं इस मामले को देश के लोगों की बुद्धिमता पर छोड़ता हूं. वो लोग देश की सोच को दर्शाते हैं. उनका प्रतिनिधि करने वाले लोग संसद में हैं. मामले पर संसद में बहस होनी चाहिए और अगर संसद द्वारा पारित कोई कानून संविधान की भावना के अनुरूप नहीं है, तो सुप्रीम कोर्ट के पास उसमें बदलाव करने का भी ऑप्शन है. कोर्ट चाहे तो कोई दूसरा फैसला सुना सकता है या कानून संसद को वापस भेज सकता है.

कॉनक्लेव के दौरान पिछले दिनों सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच हुए विवाद पर भी बात हुई. कॉलेजियम पर बात करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि संविधान के हिसाब से जजों को नियुक्त करने का काम प्रशासन का है ना कि सुप्रीम कोर्ट का.

इसी कॉनेक्लेव में कॉलेजियम के मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए पूर्व चीफ जस्टिस शरद बोबडे ने कहा-

पहले चीफ जस्टिस सरकार के साथ मिलकर जजों की नियुक्ति तय करते थे. बाद में चीफ जस्टिस की जिम्मेदारियां कॉलेजियम में बंट गई. हम जजों की क्षमता, योग्यता और उपयुक्तता के बारे में जानते हैं. हमने उन्हें तब से देखा है जब से वो लॉयर के पद पर काम रहे हैं. हमने उनकी अपीलें सुनी हैं. हमें पता है वो कि वो किस तरह सोचते हैं.

शरद बोबडे ने कहा कि जजों की नियुक्ति के लिए सरकार की राय लेनी चाहिए लेकिन प्रधानता कॉलेजियम के पास होनी चाहिए.


वीडियो: सार्वजनिक शौचालय में शॉप खुल गई? किरेन रिजिजू ने सांसद फण्ड से बनवायी थी शौचालय

और भी

कॉमेंट्स
thumbnail