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फर्जी अफसर किरण पटेल का अब गुजरात CM के ऑफिस से क्या कनेक्शन निकला है?

इस मामले में अब गुजरात से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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Fake PMO Officer Kiran Patel
फर्जी PMO अधिकारी किरण पटेल (फोटो: सोशल मीडिया)
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शिवेंद्र गौरव
22 मार्च 2023 (Updated: 22 मार्च 2023, 05:53 PM IST)
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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बीती 2 मार्च को किरण भाई पटेल (Kiran Patel) नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. ये आदमी खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का बड़ा अधिकारी बताता था. फर्जी PMO अधिकारी बनकर किरण पटेल जम्मू-कश्मीर गया. वहां जेड प्लस सिक्योरिटी ली और जम्मू-कश्मीर के शीर्ष अधिकारियों के साथ कई मीटिंग्स भी कर डालीं. इसी से जुड़े मामले में अब गुजरात CM कार्यालय के PRO (Gujarat CM Office PRO) के बेटे और एक BJP नेता जय सीतापरा को गिरफ्तार किया गया है. खबरों के मुताबिक, इन दोनों को पुलिस ने पहले छोड़ दिया था. लेकिन अब ये पुलिस की गिरफ्त में हैं. 

अंग्रेजी अख़बार द हिंदू में छपी एक खबर के मुताबिक, गिरफ्तार हुआ अमित पंड्या गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर हितेश पंड्या का बेटा है. जबकि जय सीतापरा राजकोट का रहने वाला है और BJP से जुड़ा हुआ है. मामले में त्रिलोक सिंह नाम के एक और शख्स से पूछताछ चल रही है. उसे भी गिरफ्तार किया जा सकता है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, अमित का CCTV नेटवर्किंग से जुड़ा बिज़नेस है. वो कश्मीर में अपना बिज़नेस बढ़ाना चाहता था. जिसमें किरण पटेल उसकी मदद कर रहा था. अमित पंड्या गुजरात बीजेपी की सोशल मीडिया विंग से भी जुड़ा हुआ है. अमित के एक साथी ने कहा,

“अमित पूरी तरह निर्दोष है, फंस गया है. उसने कभी अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किया है.”

इधर अमित के पिता हितेश का कहना है कि उन्हें अपने बेटे की किरण पटेल से दोस्ती के बारे में कुछ नहीं पता था. रिपोर्ट के अनुसार, जय सीतापरा सौराष्ट्र का रहने वाला है और उसे कई बार किरण पटेल के साथ देखा गया है. वहीं त्रिलोक सिंह नाम का व्यक्ति RSS से जुड़ा हुआ है. किरण पटेल के साथ जम्मू की ट्रिप पर वो भी मौजूद था. 

पुलिस की जांच में क्या पता चला?

पुलिस की अब तक की जांच में और भी कई बातें सामने आई हैं. बीते साल अक्टूबर से मार्च के बीच किरण पटेल तीन बार जम्मू-कश्मीर गया था. एक बार उसका परिवार भी उसके साथ था. बीती 29 जनवरी को अहमदाबाद में किरण ने G-20 से जुड़ी मीटिंग बुलाई थी. इसमें 2 रिटायर्ड IAS ऑफिसर, एक फार्मा कंपनी का चीफ कॉर्पोरेट ऑफिसर और सूरत का एक हीरों का व्यापारी भी शामिल था. 

सूरत के हीरा व्यापारी दिनेश नवाडिया के मुताबिक, किरण पटेल ने उनसे जम्मू-कश्मीर में इन्वेस्ट करने को कहा और भरोसा दिलाया कि वो स्थानीय प्रशासन से हर तरीके की परमीशन ले लेगा. रिपोर्ट के मुताबिक दिनेश ने बताया,

“वो जम्मू-कश्मीर में एक 5 स्टार होटल में मुझसे मिला था. जब वो होटल पहुंचा तो होटल का पूरा स्टाफ़ खड़ा हो गया. होटल का मैनेजर उसकी अगवानी करने एंट्रेंस तक गया था.”

दिनेश ने बताया कि उन्हें कुछ गड़बड़ी लग रही थी इसलिए उन्होंने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई.

गुजरात में ठगी के कई कांड

रिपोर्ट के अनुसार, किरण पटेल ने गुजरात में सरकारी ठेके, पट्टे और ट्रान्सफर तक के लिए लोगों को ठगा है. किरण ने गुजरात में प्रभावी माने जाने वाले स्वामीनारायण संप्रदाय के एक साधु को भी नहीं बख्शा और जमीन से जुड़े एक मामले में उनकी मदद के नाम पर करोड़ों रुपये ठग लिए. हालांकि, इसके बारे में पुलिस से कोई शिकायत नहीं की गई.

द हिंदू से बात करते हुए एक पुलिस अधिकारी ने बताया,

"उसने कई लोगों के साथ ठगी की है, लेकिन डर की वजह से किसी ने आगे आकर कभी शिकायत नहीं की."

कभी किसी ने किरण पटेल के खिलाफ बोलने की हिम्मत क्यों नहीं की और उसके पॉलिटिकल कनेक्शन क्या हैं, इस बारे में हमने गुजरात की न्यूज़ वेबसाइट जमावट की एडिटर देवांशी जोशी से बात की. उन्होंने कई हैरान करने वाली जानकारियां दीं. देवांशी कहती हैं,

“जम्मू-कश्मीर में जो हुआ है वो छोटा है. इससे भी बड़े कारनामे किरण पटेल ने गुजरात में किए हैं. इसी साल जनवरी में गुजरात में हुए G-20 Summit का आर्गेनाइजर किरण पटेल था. इसे सरकारी कार्यक्रम बताया गया था. और अगर वो ठग है, तो सालों से राजनीतिक लोगों से उसके बहुत अच्छे संबंध हैं. गुजरात बीजेपी के कई बड़े नेता उसे ट्विटर पर फॉलो करते हैं. किरण पटेल से जुड़े लोग बताते थे कि वो दिखाता था कि आनंदीबेन पटेल को वो फोन पर मम्मी बोलता है, उनकी बेटी को दीदी. अब वो सिर्फ दिखावा था या सच, वो तो किरण पटेल ही बता सकता है. गुजरात बीजेपी में कई धड़े बंटे हैं. किरण पटेल जिस धड़े में था, उसे लगता था कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी इस बार अच्छा नहीं कर पाएगी. लेकिन जब बीजेपी की सरकार बन गई तो वो फिर सरकारी विभागों से जुड़े काम करने लगा. किरण, पटेल समुदाय से है. खुद को बीजेपी नेताओं का बहुत करीबी बताता है. उसका रहन-सहन भी ऊंचे दर्जे का है. जेड प्लस सिक्योरिटी और VIP प्रोटोकॉल की तस्वीरें डालने के चलते पकड़ा गया.”

जम्मू कश्मीर वाले मामले में पुलिस को आशंका है कि वहां के कुछ नेताओं और अधिकारियों की भी किरण पटेल के कारनामों में भूमिका है. किरण पटेल को पुलवामा के डेवेलपमेंट कमिश्नर बशीर उल हक चौधरी और सिक्योरिटी विंग के SSP के जरिए VIP प्रोटोकॉल और जेड प्लस सिक्योरिटी मिली थी. इन दोनों अधिकारियों से भी पूछताछ जारी है.

इधर, किरण पटेल की जमानत पर 23 मार्च तक के लिए फैसला सुरक्षित कर लिया गया है. श्रीनगर कोर्ट के CJM राजा मोहम्मद ने कहा है कि गुजरात से आए शख्स को यहां सुरक्षा कैसे मिल गई? जबकि उन्होंने कुछ वक़्त पहले निजी सुरक्षा के लिए अर्जी दी थी लेकिन अब तक नहीं मिली. 

इस बीच किरण पटेल के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर मौजूद कुछ फ़ोटोज़ के आधार पर कहा जा रहा है कि वो बीते साल उत्तराखंड भी गया था. वहां किरण पटेल को VIP सुरक्षा वगैरह दी गई है या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है. 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: PMO के नाम पर कश्मीर में ठगी करने वाले के पीछे दो लोग कौन? सुरक्षा में बड़ी चूक कैसे?

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