उपवास से पहले BJP नेता 'खाना खाते' दिखे थे, वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर केस हो गया
केस भी 10 महीने पुराने एक मामले पर दर्ज किया गया.

किसान आंदोलन के साथ-साथ सतलुज-यमुना लिंक (SYL) का मुद्दा भी लगातार खबरों में है. SYL के सपोर्ट में 19 दिसंबर को हरियाणा के कुछ BJP नेताओं ने उपवास रखा था. यहां तक तो ठीक है. लेकिन गड़बड़ी वहां से शुरू हुई, जब इन्हीं नेताओं का 'खाना खाते' हुए एक वीडियो वायरल हो गया. आरोप लगे कि खाना खाकर नेता लोग उपवास पर बैठे. वीडियो जमकर वायरल हुआ. नेताओं की किरकिरी हुई. अब जिस पत्रकार ने कथित तौर पर ये वीडियो बनाया था, उस पर महीनों पुराने एक मामले में केस दर्ज कर दिया गया है.
समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकार का नाम राजिंदर सनेही है. एक वेब चैनल के लिए काम करते हैं. उन पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में IT एक्ट के सेक्शन 67 के तहत 22 दिसंबर को केस दर्ज किया गया. ये केस थनेसर मार्केट कमिटी के पूर्व चेयरमैन सुरेश सैनी द्वारा 10 महीने पहले दी गई शिकायत के आधार पर किया गया.
Today morning after this BJP leaders sat on 1 day FAST ! 🏹🏹
pic.twitter.com/8hVBc2ApF5 — Arun Arora (@Arun2981) December 19, 2020
क्या कहती है पुलिस?
कुरुक्षेत्र SHO मंदीप सिंह ने मामले की और जानकारी दी. बताया कि सैनी ने आरोप लगाया है कि पत्रकार ने उनके खिलाफ झूठी और मनगढ़ंत खबर सोशल मीडिया पर फैलाई थी. करीब दस महीने पहले. इस झूठी खबर के चलते उनकी छवि खराब हुई थी.
कई पत्रकारों ने विरोध जताया
पत्रकार राजिंदर के खिलाफ केस दर्ज होने पर कई पत्रकारों ने इसका विरोध किया. कुरुक्षेत्र प्रेस क्लब के बैनर तले कई पत्रकारों ने SP ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया. मांग रखी कि राजिंदर के खिलाफ हुई FIR रद्द की जाए. प्रेस क्लब प्रेसिडेंट राजेश शांडिल्ड ने आरोप लगाया कि पुलिस ने BJP नेताओं के दबाव में आकर ये कार्रवाई की. कहा कि पुलिस ने पत्रकार के खिलाफ पुराने मामले में केस दर्ज किया, जबकि दस महीने पहले ही दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था.
वीडियो में क्या दिख रहा है और नेताओं ने क्या सफाई दी?
जिस वायरल वीडियो पर इतना हंगामा मचा है, उसमें सांसद नायब सिंह सैनी और थनेसर विधायक सुभाष सुधा खाना खाते दिख रहे हैं. साथ में कुछ अन्य लोग भी मौजूद हैं. और ये खाना उन्होंने कथित तौर पर उपवास वाले प्रदर्शन के तुरंत पहले खाया था. खैर, जब वीडियो वायरल हुआ, तो नेतागण सफाई देने सामने आए. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, नायब सिंह और सुभाष सुधा, दोनों ने ही खाना खाने के दावे को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि उपवास वाले दिन उन्होंने खाना नहीं खाया, केवल प्रसाद खाया. नायब सिंह ने कहा कि वो सुभाष सुधा के साथ उपवास वाले प्रदर्शन में बैठने से पहले गीता ज्ञानम संस्थान गए थे, जहां उन्हें प्रसाद ऑफर किया गया, उन्होंने केवल प्रसाद खाया. आगे कहा कि उपवास पर बैठने से पहले खाना खाने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
वीडियो को हमने कई बार देखा, तथाकथित प्रसाद की जितनी मात्रा नेताओं की प्लेट पर है, उतनी तो हमें कभी किसी मंदिर में नहीं दी गई. लगता है इतना सारा प्रसाद खाने कुरुक्षेत्र के गीता ज्ञानम संस्थान जाना होगा.
इसी तरह के उपवास की एक खबर 2018 में कांग्रेस की तरफ से भी आई थी. दलितों पर हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता उपवास पर बैठे थे, लेकिन फिर उन्हीं नेताओं की छोटे-भटूरे खाती हुई तस्वीर सामने आई थी.
Delhi BJP leader Harish Khurana claims Congress leaders were earlier today seen eating at restaurant in Delhi before sitting on a protest and observing fast at Rajghat over atrocities on Dalits. (In pic, Congress leader AS Lovely) pic.twitter.com/OWsIWmwPKP
— ANI (@ANI) April 9, 2018