अखिलेश यादव को पत्रकारों पर इतना गुस्सा क्यों आता है?
सपा प्रमुख की मौजूदगी में पत्रकार पीटे गए हैं.
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मुरादाबाद के होटल में पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पीसी के बाद हंगामा हुआ.
योगी के सलाहकारों ने साधा निशाना सीएम योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने ये ट्वीट किया. पूछा है कि इतनी निर्दयता कहां से लाते हैं? आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने भी ट्वीट करके समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा,एक तो पत्रकारों को अपनी सभा में बुलाकर पिटवाते हो और फिर उनके शिकायत करने पर उन्हें भाजपा का एजेंट बताते हो!
इतनी निर्दयता आख़िर कहाँ से लाते हो? pic.twitter.com/1XZ0Ai31QU — Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) March 11, 2021
समाजवादी पार्टी का क्या कहना है? हमने समाजवादी पार्टी का पक्ष जानने के लिए पार्टी के नेशनल सेक्रेटरी और प्रवक्ता राजीव राय से बात की. उन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया है. देखिए-मुरादाबाद के वरिष्ठ पत्रकार श्री फरीद शम्सी को सुनिए, वे बुरी तरह जख्मी हैं, समाजवादी पार्टी के गुंडों ने महज सवाल पूछने पर उनकी ये हालत बना दी,बंदूक के कुंदों तक से इस कदर पीटा कि वे बेदम हो गए। pic.twitter.com/s6D5sXaloa
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) March 11, 2021
दी लल्लनटॉप से बातचीत में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजीव राय ने कहा,मैं वहाँ स्वयं था,इस विडियो की आवाज़ सुनिए
अखिलेश जी के पहुँचते ही धमकी देने लगा,और उनके आने से पहले से ही लगातार घटिया कमेंट कर रहा था ऐसे बिके हुए तथाकथित पत्रकार अपने आकाओ को खुश करने के लिए एजेंडे से आते है,और पत्रकारिता की गरिमा गिराते है @vinodkapri @sakshijoshii @ANI https://t.co/6meoU32PFE pic.twitter.com/zmOcqAd75f — Rajeev Rai (@RajeevRai) March 12, 2021
समाजवादी पार्टी पत्रकारों का सम्मान करती है. लोहिया जी ने कहा था कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं, वो हम आज भी मानते हैं. लेकिन इस तरह के पत्रकारों की भी जिम्मेदारी बनती है कि अपने आचरण को संभालकर रखें. वो पत्रकार किसी एंगल से नहीं दिख रहे थे. मैं वहीं था. अखिलेश जी के पहुंचने से दो घंटे पहले से वो घटिया कमेंट कर रहे थे. हम लोग उन्हें टॉलरेट कर रहे थे. आपने उनके वीडियो को देखा होगा. पहले नाटक किया, और फिर खड़ा होकर हंसने लगा. इस तरह के पत्रकार ही पत्रकारों की गरिमा को गिराते हैं.बीजेपी के आरोपों पर राजीव राय ने कहा,
जो पत्रकारों को दाल में पानी दिखाने के लिए, बच्चों के भोजन में कमियों को उजागर करने के लिए जेल में डलवाते हैं, उनको राजनैतिक और नैतिक हक नहीं है कमेंट करने का. ये वे लोग हैं जो उनकी ना सुनने वाले जेल में डाल देते हैं.मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद सैय्यद तुफैल हसन भी अखिलेश के इस कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्होंने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में दावा किया कि सपा अध्यक्ष ने किसी से बातचीत करने से इंकार नहीं किया था. कुछ मीडियावालों ने सुरक्षा घेरा तोड़ दिया. सुरक्षाकर्मियों के रोके जाने पर गिर गए. एक पत्रकार के पैर में चोट आई. उसे अस्पताल भेज दिया गया. अखिलेश ने पहले कहा था, तुम फिर बिक गए हाल में पत्रकारों से विवाद का एक और मामला सामने आया था, जब अखिलेश यादव ने पत्रकार को बिका हुआ बता दिया था. हाथरस जिले में छेड़छाड़ की शिकायत करने पर आरोपी ने लड़की के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले को लेकर अखिलेश योगी सरकार पर हमला कर रहे थे. कहा कि बीजेपी घमंड में चूर है, और जातिवादी मानसिकता से काम रही है. इस दौरान एक पत्रकार ने अखिलेश यादव से पूछ लिया कि हाथरस मामले में 2018 में ही छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज हुआ था. तब क्या कार्रवाई हुई थी? इस पर अखिलेश पहले बोले, सवाल वह नहीं है. फिर अचानक ही आपा खो बैठे . और कहा, तुम फिर बिक गए... बिक गए बस इतने में. बिक गए तुम. अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके. बोले, जरा अपने चैनल का नाम बताइए, जो बिक गए हो तुम. अखिलेश के सवाल पर पत्रकार ने जब अपने चैनल का नाम बताया, तो सपा प्रमुख फिर तुनक कर बोले, चैनल के बिके हुए आदमी हो.