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'मरते-मरते जिगिषा बोली थी, मुझे छोड़ दो, मम्मी-पापा का ख्याल कौन रखेगा'

दिल्ली का दिल दहलाने वाले दो मर्डर केस. दोनों मर्डर का मर्डरर एक. जिगिषा की मां ने मर्डरर के लिए मांगी मौत की सजा.

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अविनाश जानू
15 जुलाई 2016 (Updated: 15 जुलाई 2016, 08:29 AM IST) कॉमेंट्स
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ये हैं दिल्ली के वो दो मर्डर, जिनकी वजह से बहुत दिन तक लोगों के दिल में डर बना रहा. करीब 7 साल पहले की बात है. तारीख थी 18 मार्च 2009: वक्त करीब सुबह के 4 बजे. जिगिषा घोष नाम की एक लड़की को उसकी ऑफिस कैब ने उसके अपार्टमेंट के बाहर उतारा. जिगिषा नोएडा के एक कॉल सेंटर में काम करती थी. गाड़ी से उतरने के बाद वो अपार्टमेंट में जा पाती इससे पहले ही एक कैब में 3 लोग आये और उसे जबरदस्ती पकड़कर कैब में बिठा लिया. उन्होंने जिगिषा के सर पर गन लगाई. और उसे वो एक ATM में ले गए. जहां उन्होंने जबरदस्ती उसके अकाउंट से पैसे निकलवाए. फिर उसे कैब में बिठा कर ले गए हरियाणा के फरीदाबाद में सूरजकुंड के पास एक सुनसान इलाके में. जहां पर उन्होंने उसे मारकर फेंक दिया. तारीख 20 मार्च, 2009: पुलिस ने झाड़ियों में पड़ी जिगिषा की लाश खोज निकाली. तारीख 23 मार्च, 2009: पुलिस ने इस मर्डर के मामले में तीन गिरफ्तारियां कीं - अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और रवि कपूर. यूं पकड़े गए तीनों को पुलिस इसलिए पकड़ पाई क्योंकि वो जब जबरदस्ती ATM से जब पैसे निकलवा रहे थे तब ATM के CCTV कैमरे में उनकी तस्वीरें कैद हो गई थीं. वैसे अपहरण के वक्त एक तेरह साल के लड़के ने भी किडनैप करने वालों को देखा था. साथ ही कुछ दिनों बाद वो साउथ दिल्ली की मार्केट में शॉपिंग करते हुए भी दिखे थे. जहां वो जूते और घड़ियां खरीद रहे थे. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें फॉलो किया और पकड़ लिया. जून, 2009 में दिल्ली पुलिस ने केस की चार्जशीट दाखिल की. जिसमें तीनों पर अपहरण, मर्डर, सबूत मिटाने और साजिश की धाराओं में आरोप लगाए गए थे. तारीख 15 अप्रैल, 2010: दिल्ली की सेशन कोर्ट ने तीनों पर मुक़दमे की सुनवाई शुरू की. तारीख 14 जुलाई, 2016: यानी गुरुवार को दिल्ली कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी माना. कोर्ट ने कहा है कि सब कुछ साफ है. केस का कोई सिरा अब अनसुलझा नहीं है. एक और मर्डर केस में इंवॉल्व रहा है रवि वैसे इनके पकड़े जाने के बाद पुलिस को एक और बहुचर्चित मामले का सिरा हाथ लगा था. जिसमें एक बड़े न्यूज चैनल की टीवी प्रॉड्यूसर सौम्य विश्वनाथन का सितम्बर 2008 में मर्डर कर दिया गया था. उस वक्त सौम्या देर रात अपनी कार से घर जा रही थीं. इसमें भी मर्डरर रवि कपूर ही था. सौम्या के सर में गोली मारने से पहले रवि कपूर ने सौम्या के साथ बदसलूकी की थी. पुलिस कहती रही है कि वो सौम्या को लूटना चाहता था, इसलिए ऐसा हुआ. बहरहाल अब जिगिषा मर्डर केस में 20 अगस्त को इस बात पर कोर्ट में बहस होगी कि तीनों को कितनी-कितनी सजा होनी चाहिए. जिगिषा की मां का कहना है-
तीनों ने पूरे होशो-हवास में मेरी बेटी को मारा है. उन्हें मौत से कम कोई सजा नहीं मिलनी चाहिए.
एक सूत्र से पता चला है कि तीनों में से मेन क्रिमिनल रवि कपूर ने बताया है -
जब हम जिगिषा को मारने जा रहे थे तो वो कह रही थी मुझे मत मारो. मैं अपने मम्मी-पापा का ख्याल रखने वाली अकेली हूं.

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