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जम्मू में तीन दिन में तीन आतंकी हमलों की PoK में रची गई साजिश, चुनाव से निकला बड़ा कनेक्शन

इन हमलों की साज़िश पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में रची गई थी. तीन महीने पहले. इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मुहम्मद (JeM) के स्यूडो गुट की संलिप्तता बताई जा रही है. और क्या पता लगा?

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बस हादसे के बाद तलाशी अभियान की तस्वीर. (फ़ोटो - PTI)
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सोम शेखर
12 जून 2024 (Published: 10:00 AM IST) कॉमेंट्स
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पिछले तीन दिनों में जम्मू में तीन बड़े आतंकी हमले हुए हैं. ख़ुफ़िया एजेंसी से जुड़े सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे ने छापा है कि ये हमले जम्मू-कश्मीर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को डिस्टर्ब करने के इरादे से किए जा रहे हैं. सूत्रों का दावा ये भी है कि इन हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है.

इंडिया टुडे के जीतेंद्र बहादुर के इनपुट्स के मुताबिक़, इन हमलों की साज़िश पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में रची गई थी. तीन महीने पहले. इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मुहम्मद (JeM) के स्यूडो गुट की संलिप्तता बताई जा रही है. कथित तौर पर ये आतंकी कुछ महीने पहले पाकिस्तान से जम्मू में घुस गए थे. वहीं पहाड़ियों में छिपकर इन्होंने अपनी योजना बनाई.

ख़ुफ़िया एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर में - ख़ासतौर पर जम्मू में - इस तरह के और हमले हो सकते हैं. विधानसभा चुनाव के साथ अमरनाथ यात्रा को भी निशाना बनाया जा रहा है. इस बार जम्मू के रूट को टारगेट करने की कोशिश की जा रही है.

ये भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर में श्रद्धालुओं की बस पर आतंकी हमला, कम से कम 10 की मौत

सोमवार, 10 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर आतंकवादियों ने गोलियां चला दी थीं. ड्राइवर को गोली लगी और बस खाई में जा गिरी. इस हमले में नौ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 33 घायल हो गए. स्थानीय लोगों के मुताबिक़, नक़ाब पहने दो आतंकवादियों ने बस पर गोलीबारी की थी, जिसमें चालक और कुछ यात्री घायल हो गए.

जांच एजेंसियों और NIA ने शिवखोड़ी बस हमले की जांच में जो सुराग़ जुटाए हैं, उनके आधार पर कहा जा रहा है कि विदेशी आतंकियों के साथ लोकल ओवर ग्राउंड (OGW) भी शामिल हैं. यानी हमले में एक सक्रिय स्थानीय और ग्राउंड नेटवर्क शामिल है.

2021 से अब तक राजौरी और पुंछ ज़िलों में आतंकवादी हमलों में 38 सैनिक और 11 नागरिक मारे गए हैं.

वीडियो: 'हम चुप रहे ताकि...', कश्मीर आंतकी हमले में ज़िंदा बचे यात्रियों ने सुनाई अपनी कहानी

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