क्या BBC की डॉक्यूमेंट्री को सच में सरकार ने बैन किया है? नियम क्या हैं?
इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर बनी BBC की नई डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) को लेकर विवाद जारी है. दो भागों में बनी इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों का जिक्र है. डॉक्यूमेंट्री का पहला भाग 17 जनवरी को रिलीज किया गया था. शुक्रवार, 20 जनवरी को सरकार ने इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यूट्यूब और ट्विटर को डॉक्यूमेंट्री के लिंक हटाने के निर्देश दे दिए.
क्या डॉक्यूमेंट्री बैन कर दी गई है?केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री को अलग-अलग प्लेटफॉर्म से हटाने के निर्देश दिए थे. लेकिन आधिकारिक तौर पर डॉक्यूमेंट्री को बैन नहीं किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2021 (Information Technology Act, 2021) के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाई है.
देश के मीडिया संगठनों, डिजिटल राइट एक्टिविस्ट और कई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ने व्यापक रूप से कभी-न-कभी इस एक्ट में सेंसरशिप के नियमों का विरोध किया है. यही नहीं, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2021 के नियमों को सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट में भी चुनौती दी गई है. सुनवाई चल रही है.
IT एक्ट का कौन से नियम का इस्तेमाल हुआ?इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी नियम फरवरी 2021 में आए थे. इन नियमों को आधिकारिक तौर पर इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) नियम, 2021 भी कहा जाता है.
एक्ट का नियम 16 केंद्र सरकार को कुछ इमरजेंसी ताकतें देता है. इसी नियम का इस्तेमाल कर सरकार ने डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाई है. नियम 16 ये ताकत देता है कि सरकार ‘भारत की संप्रभुता, सुरक्षा, देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी भी कॉन्टेंट को तत्काल हटाने का आदेश दे सकती है’.
यही नहीं, इस नियम के तहत सरकार पब्लिशर को सुनवाई का कोई भी मौका दिए बिना कार्रवाई कर सकती है.
विदेश मंत्रालय ने बताया प्रोपेगेंडाBBC की दो एपिसोड वाली डॉक्यूमेंट्री इंडिया: 'द मोदी क्वेश्चन' का पहला हिस्सा रिलीज़ होने के बाद इसकी कई क्लिप्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. जिसके बाद 19 जनवरी के दिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि BBC की ये डॉक्यूमेंट्री भारत में रिलीज़ नहीं हुई है. उन्होंने इसे एक प्रॉपेगैंडा का हिस्सा बताते हुए कहा कि ये एक प्रोपेगेंडा का हिस्सा है. ये झूठे नैरेटिव को बढ़ाने का एक मात्र हिस्सा है. इसके पीछे क्या एजेंडा है, ये सोचने को मजबूर करता है. इसमें निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता साफ-साफ झलक रही है.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: BBC की 'इंडिया द मोदी क्वेश्चन' डॉक्यूमेंट्री का ये सच जानते हैं?