छत्तीसगढ़ और UP के इन 2 IPS ने अमेरिका तक झंडा बुलंद कर दिया है!
दोनों को इंटरनेशनल अवॉर्ड के लिए चुना गया है.
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बाएं से दाएं - IPS अमित कुमार और IPS संतोष कुमार सिंह.

संतोष सिंह ने The Lallantop को बताया –
“देखिए पहली बात कि ये अवॉर्ड मुझे मिला है, लेकिन जिन कामों के लिए मिला है वो हमारी पूरी टीम ने किए थे. महासमुंद में रहने के दौरान हमने वहां चाइल्ड फ्रेडली पुलिसिंग को बढ़ावा दिया. एक लाख बच्चों को सेल्फ-डिफेंस का प्रशिक्षण दिलवाया, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी है. बच्चियों को सिखाया कि कैसे वो किसी मुश्किल घड़ी में सेल्फ डिफेंस कर सकती हैं, वो भी हेयर क्लिप या अन्य छोटी छोटी चीजों की मदद से. रायगढ़ में जब मैं था, तो रक्षाबंधन के दिन हमने 12 लाख 37 हज़ार लोगों को मास्क बांटे. ये भी एक रिकॉर्ड रहा. कोविड काल के दौरान हमने 1 लाख 40 हज़ार फूड पैकेट्स बांटे. अब तीन महीने से कोरिया जिले में हूं. इन कामों के लिए उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू के हाथों दिल्ली के विज्ञान भवन में दिसंबर 2018 में 'चैंपियंस ऑफ चेंज' अवार्ड मिला.”SP अमित कुमार IPS अमित कुमार दिल्ली के रहने वाले हैं. 2012 में वो पासआउट हुए थे. कहां से? IIM अहमदाबाद से. वहां से MBA किया और फिर नौकरी करने अमेरिका चले गए. The Lallantop से बात करते हुए उन्होंने कहा –
“मैं आज पुलिस में हूं और अब ये अवॉर्ड जीत रहा हूं तो इसके पीछे पूरा किरदार मेरी मां का रहा है. मैं तो अमेरिका में नौकरी कर ही रहा था, लेकिन मां का मन था कि वापस भारत आ जाऊं. उनके कहने पर सिविल सर्विसेज़ का फॉर्म भरा. फिर परीक्षा देने की बारी आई तो उन्होंने कहा कि भारत आकर परीक्षा तो दे ही जाओ. आप जानते हैं कि ऐसी बातें कहना मदर्स की तरकीबें होती हैं. बच्चों को पास बुलाने की. मैं आया, परीक्षा दी और सेलेक्शन भी हो गया. 2015 बैच में पासआउट हुआ और भारत वापसी हो गई.”

अमित कुमार की पहली पोस्टिंग अलीगढ़ में रही. फिलहाल UP के चंदौली में हैं. IACP की वेबसाइट के मुताबिक UP पुलिस में रहते हुए उन्होंने एक वाहन चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो महंगी, लक्ज़ीरियस गाड़ियां चुराता था और करीब 100 करोड़ रुपये की चोरियों को अंजाम दे चुका था. इसके अलावा वे स्टेट पुलिस की सायबर विंग से भी जुड़े हैं. इन अहम कामों के लिए उन्हें अब इस अवॉर्ड के लिए चुना गया है. क्या हैं IACP अवॉर्ड्स इंटरनेशनल असोसिएशन ऑफ चीफ ऑफ पुलिस – ये अमेरिका की एक संस्था है. ये दुनियाभर के तमाम देशों में पुलिसकर्मियों के किए अच्छे कामों पर नज़र रखती है और उन्हें प्रोत्साहित करती है. IACP की वेबसाइट के मुताबिक इससे 165 देशों के करीब 31 हज़ार लोग जुड़े हुए हैं. 1893 से ये संस्था काम कर रही है और हर साल तमाम देशों के पुलिसकर्मियों के अच्छे कामों को सम्मानित करती है. इस बार अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूएई समेत तमाम देशों के 40 पुलिसकर्मियों का सम्मान के लिए चयन किया गया है. इनमें भारत के भी ये 2 IPS अधिकारी शामिल हैं.