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H3N2 वायरस पर रणदीप गुलेरिया ने जो कहा है, वो लॉकडाउन की याद दिला देगा!

'कोरोना की तरह फैलता है H3N2 वायरस', डॉ. गुलेरिया ने लोगों को काम की सलाह दी.

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doctor randeep guleria h3n2 virus
डॉ. रणदीप गुलेरिया और वायरस की सांकेतिक तस्वीर. (Getty Images और इंडिया टुडे.)
7 मार्च 2023 (Updated: 7 मार्च 2023, 13:54 IST)
Updated: 7 मार्च 2023 13:54 IST
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AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने H3N2 वायरस को लेकर लोगों को चेताया है. उन्होंने बताया कि ये विषाणु कोविड-19 महामारी की वजह बने कोरोना वायरस की तरह फैलता है. डॉ. गुलेरिया ने लोगों को सावधानी बरतते हुए मास्क लगाने की सलाह दी है. पिछले कुछ समय से लोगों के सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार जैसे लक्षणों के साथ कई दिनों तक बीमार रहने की शिकायतें मिल रही हैं. सामान्य इन्फ्लूएंजा से जुड़े ये सारे लक्षण कोविड-19 होने पर भी देखने को मिलते हैं. H3N2 वायरस से होने वाले इन्फ्लूएंजा में भी ये लक्षण शामिल हैं.

इस चलते लोगों के बीच उलझन पैदा हुई कि कहीं उन्हें कोविड तो नहीं हो रहा. लेकिन अधिकतर की रिपोर्ट नेगेटिव आई. अब डॉ. गुलेरिया समेत ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट कह रहे हैं कि ज्यादातर मामले इन्फ्लूएंजा A वायरस के H3N2 वेरिएंट से जुड़े हैं. आम बोलचाल में इसे फ्लू कहते हैं. बीती 6 मार्च को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भी इसकी पुष्टि की थी. 

डॉ. गुलेरिया ने क्या-क्या बताया?

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया,

'पिछले कुछ दिनों से हम इन्फ्लूएंजा के बढ़ते केस देख रहे हैं. लोगों में बुखार, गले में खराश, बदन दर्द और बहती नाक की समस्या देखने को मिल रही है. ये इन्फ्लूएंजा के H3N2 वायरस की वजह से है. हमें ये हर साल इस वक्त देखने को मिल जाता है. मगर ये वायरस समय के साथ म्यूटेट होता रहता है. जिसे हम एंटीजनिक ड्रिफ्ट कहते हैं. कोविड महामारी से एक साल पहले H1N1 वायरस आया था. और अब H3N2 उसी स्ट्रेन का ही वायरस है. ये एक नार्मल वायरस है.'

उन्होंने आगे बताया,

‘ये बिल्कुल कोविड की तरह ड्रॉपलेट्स से फैलता है. जिन्हें पहले से कोई बीमारी है बस उन्हें सावधान रहने की जरूरत है. सावधानी के लिए मास्क लगाए रखें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. इस वायरस के लिए वैक्सीन भी है, जिन्हें इस वायरस से ज्यादा समस्या है वो इस वैक्सीन को ले सकते हैं.’

क्या करें और क्या नहीं?

इन्फ्लूएंजा से बचाव और इसे नियंत्रित करने के लिए कोरोना काल वाले नियम ही अपनाने की जरूरत है. ICMR की ओर से भी इसके लिए गाइडलाइन्स जारी की गई हैं.

- साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं.
- अगर फ्लू के कोई लक्षण हैं, तो मास्क पहनें और भीड़ में ना जाएं.
- खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को कवर करें.
- फ्लू के लक्षण हैं, तो खाने में पर्याप्त मात्रा में तरल चीजें लें.
- बुखार और बदन में दर्द के लिए पैरासिटामोल की गोली लें. 
- तबीयत ज्यादा खराब होने पर खुद से कोई एंटीबायोटिक या दवा ना लें, डॉक्टर की सलाह लें. 

वीडियो: AIIMS चीफ रणदीप गुलेरिया ने रेमडेसिविर और लॉकडाउन पर बहुत ज़रूरी बात बोली है

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