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रेलवे हर तीसरे दिन किसी को नौकरी से निकाल रहा, तैयारी करने वालों को वजह बहुत पसंद आएगी

पिछले 16 महीनों से रेलवे कर्मचारियों की नौकरी जा रही है. अधिकारी लेवल तक के कर्मचारी शामिल हैं.

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Indian Railways asked employees to take VRS on context of Non-performance, sacked few because of corruption
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कड़ा रूख अपनाया (फोटो- आज तक)
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प्रशांत सिंह
25 नवंबर 2022 (Updated: 25 नवंबर 2022, 11:14 AM IST) कॉमेंट्स
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भारतीय रेलवे (Indian Railways) देश में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने के मामले में दूसरे नंबर है. केवल रक्षा क्षेत्र ही नौकरियां देने में रेलवे से आगे है. लोग रेलवे की नौकरी पाने के लिए सालोंसाल मेहनत करते हैं, परीक्षा देते हैं. ऐसे में लोगों को अगर ये पता चले कि इस समय रेलवे हर तीन दिन में अपने एक कर्मचारी को नौकरी से निकाल रहा है तो उन्हें झटका लगना लाजिमी है. और बात सच भी है. रेलवे वाकई में अपने कर्मचारियों को निकालने में लगा है. खबरों के मुताबिक पिछले 16 महीने में रेलवे ने हर तीसरे दिन एक कर्मचारी को निकाला है.

रेलवे कर्मचारी क्यों निकाले जा रहे?

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे ने ये कदम डिपार्टमेंट में परफॉर्मेंस को आधार बनाते हुए उठाया है. इसके तहत पिछले 16 महीने में औसतन हर तीसरे दिन एक कर्मचारी को निकाला गया है. अब तक रेलवे ने 139 अफसरों को वॉलेंट्री रिटायरमेंट (VRS) लेने को कहा है. वहीं 38 कर्मचारियों को नौकरी से ही हटा दिया है. इन कर्मचारियों, अधिकारियों में से कइयों को काम में 'खराब प्रदर्शन' के आधार पर निकाला गया है. वहीं कुछ की नौकरी भ्रष्टाचार के चलते बर्खास्त कर दी गई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे ने दो सीनियर ग्रेड के अधिकारियों को भी नौकरी से निकाल दिया है. इनमें से एक अधिकारी को CBI ने पकड़ा भी था. उसे हैदराबाद में पांच लाख की घूस लेते हुए पकड़ा गया था. दूसरे अधिकारी को रांची में तीन लाख रुपये की घूस लेते हुए धरा गया था. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक  रेलवे के अधिकारी ने बताया,

“रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव कर्मचारियों के काम और परफॉर्मेंस को लेकर बहुत स्पष्ट हैं. रेलवे ने जुलाई 2021 से हर तीसरे दिन एक भ्रष्ट कर्मचारी को निकाला है.”

DoPT के नियम के तहत लिया फैसला

भारतीय रेलवे ने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) के सर्विस नियम 56(J) के तहत इन कर्मचारियों को निकाला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस नियम के तहत सरकारी कर्मचारियों को तीन महीने का नोटिस या तीन महीने की सैलरी देकर कभी भी सर्विस से रिटायर किया जा सकता है या निकाला जा सकता है.  

रेलवे अधिकारी ने आगे बताया कि रेल मंत्री ने जुलाई में कार्यभार संभालने के बाद से ही कर्मचारियों को हिदायत दी थी. मंत्री ने कहा था कि जो कर्मचारी काम में परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं वो वीआरएस (VRS) ले सकते हैं. अधिकारी के मुताबिक नौकरी से निकाले गए कर्मचारी इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग, मेडिकल, स्टोर्स और मैकेनिकल डिपार्टमेंट में कार्यरत थे.   

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