रेलवे ने ऐसा क्या ऐलान किया है कि संडे को ट्रेन में बैठने से डरेंगे लोग
पर एक लॉलीपॉप भी दिया है.
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रेलवे मेगाब्लॉक पर ट्रेन लेट होने पर देखा फ्री खाना-पानी.
इस दुनिया में कुछ भी फ्री में नहीं मिलता...पहले इस लाइन को दिमाग में घुसा लीजिए. ये खयाल मेरे मन में तब आया जब पता चला कि रेलवे यात्रियों को फ्री में खाना देगा...साथ में पानी भी. चौंक गए न, हम भी चौंके थे. लगा रेलवे और फ्री में खाना. तो पता चला कि ये फ्री का खाना फ्री में नहीं है. इसके लिए आपको कीमत चुकानी पड़ेगी. पैसे तो नहीं पर अपना वक्त देकर. वक्त ऐसे कि रेलवे ये फ्री खाना तब देगा जब ट्रेन लेट होगी. अब आप सोंचेंगे कि ट्रेन लेट होना कौन सी नई बात है. वो तो रोज ही का काम है. तो फ्री खाना कैसे? जवाब है इस बार ट्रेन रोजाना वाली लेट के बजाए नए कारण से लेट होगी. ये नया कारण है मेगा ब्लॉक. माने रेलवे कई रूट्स को ब्लॉक कर मेंटेनेंस करने वाला है. इस कारण ट्रेनें लेट होंगी और आपको फ्री में खाना-पानी मिलेगा.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने खुद इस बात की जानकारी दी. हालांकि ट्रेन लेट होने के बाद भी फ्री खाना मिलने पर टर्म्स एंड कंडीशंस अप्लाई हैं. वो ये कि मेगा ब्लॉक के दौरान यदि खाने का वक्त यानी लंच या डिनर का समय है तभी यह सुविधा मिलेगी. इस खाने-पीने की व्यवस्था का जिम्मा आईआरसीटीसी के पास है. पक्का आधे लोग अब सोंचेंगे- इससे अच्छा तो ना ही देते. खैर फ्री की चीज कौन मना करता है. अब एक और कंडीशन सुनो. ये मेगा ब्लॉक केवल रविवार को किए जाएंगे, इसलिए फ्री खाने की सुविधा भी रविवार को ही मिलेगी. बाकि दिन ढपली बजाओ.

रेल में सुविधाएं बढ़ाने के लिए होने जा रहा है मेगाब्लॉक.
रिजर्व कैटिगरी वालों को ही फायदा
फिलहाल रिजर्व कैटिगरी के यात्रियों को ही यह सुविधा दी जाएगी. अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों को यह सुविधा देने के बारे में रेल मंत्री का कहना है कि इस पर भी विचार किया जाएगा. इनमें मेन दिक्कत ये है कि अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों की संख्या का पता लगाना मुश्किल है. बकौल रेल मंत्री ट्रैफिक ब्लॉक को समय-सारणी में ही शुमार कर दिया जाए ताकि यात्रियों को पता चल सके कि उनकी ट्रेन की स्थिति क्या है. क्या उनके रूट में मेगा ब्लॉक है. उन्हें मोबाइल पर मैसेज भेजकर भी बताया जाएगा कि आपकी ट्रेन कितनी देरी से संचालित होगी.
क्यों हो रहा है मेगाब्लॉक?
ये मेगाब्लॉक का फौरी कष्ट आपको रोजाना होने वाली लेटलतीफी से बचाने के लिए ही दिया जा रहा है. ऐसा रेलवे का दावा है. इसके लिए संडे का दिन तय किया गया है. संडे इसलिए क्योंकि इस दिन छुट्टी होती है तो लोगों को कम कष्ट होगा. अब छुट्टी वगैरह तो देखनी ही पड़ेगी जब मेगाब्लॉक 6-6 घंटे का करना हो. अब आते हैं मुद्दे पर. मेगाब्लॉक क्यों? वो इसलिए ताकि सिग्नल व्यवस्था, ट्रैक सुधार, विद्युतिकरण समेत अन्य काम किए जा सकें. जहां बॉटल नेक की समस्या है वहां एलिवेटेड ट्रैक, बाइपास रेल ट्रैक व तीसरी-चौथी लाइन बनाई जाए ताकि ट्रेनों को टाइम पर लाया जा सके. लेटलतीफी से बचाया जा सके.

मेगाब्लॉक अगस्त से शुरू होगा.
एक साल तक रहेगी दिक्कत
हालांकि ट्रैफिक ब्लॉक के कारण अगले एक साल तक आपको परेशान होना पड़ेगा, क्योंकि निर्माण कार्य के कारण ट्रेनें अपनी रफ्तार में नहीं चल पाएंगी. ये कार्यक्रम अगस्त में शुरू हो जाएगा. इस योजना के अलावा यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाने, जीपीएस सिस्टम से ट्रेन को लैस करने की भी योजना तैयार की है. इसके अलावा आईआरसीटीसी के 16 बेस किचनों में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे ताकि देखा जा सके कि वहां खाना ठीक से बन रहा है या नहीं.
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